JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Categories: Geologyindianworld

पर्वतीय वर्षा किसे कहते है , orographic rainfall in hindi संवहनीय वर्षा की परिभाषा (Convectional Rainfall)

संवहनीय वर्षा की परिभाषा (Convectional Rainfall) पर्वतीय वर्षा किसे कहते है , orographic rainfall in hindi ?

वायुमंडल में जलवाष्प
वायुमंडल में आर्द्रता से आशय वायुमंडल में उपस्थित जल से है। वायुमंडल में उपस्थित जल तीनों अवस्थाओं, जैसे-ठोस (हिम), द्रव (जल) तथा गैस (वाष्प) में हो सकता है।

बादल
बादल जलकणों या हिमकणों का समूह होता है जो वायुमंडल में तैरता रहता है। जलवायु विज्ञान की वह शाखा जो बादलों का अध्ययन करती है, ‘नेफोलॉजी‘ अथवा बादल-भौतिकी कहलाती है। विश्व मौसम संगठन द्वारा बादलों को निम्नलिखित दस वर्गों में विभाजित किया गया है:
1. पक्षाभ बादल (Cirrus Clouds): ये सबसे अधिक ऊंचाई पर छोटे जल-कणों से बने होते हैं अतः वर्षा नहीं करते हैं। चक्रवातों के आगमन के पहले दिखते हैं।
2. पक्षाभ स्तरी बादल (Cirro Stratus Clouds): इनके आगमन पर सूर्य तथा चन्द्रमा के चारों ओर प्रभा मण्डल (Malo) बन जाते हैं। ये सामान्यतः सफेद रंग के होते हैं और पारदर्शी होते हैं। ये चक्रवात के आगमन के सूचक हैं।
3. पक्षाभ कपासी बादल (Cirro Cumulus Clouds): श्वेत रंग के ये बादल लहरनुमा रूप में पाये जाते हैं।
4. उच्च स्तरीय बादल (Alto Stratus Clouds): ये भूरे या नीले रंग की पतली चादर के समान होते हैं जो एक समान दिखते हैं। ये व्यापक व लगातार वर्षण करते हैं।
5. उच्च कपासी बादल (Alto Cumulus Clouds)ः इनका आकार सफेद या भूरे लहरदार परतों के रूप में होता है। इन्हें कभी-कभी ‘सीप क्लाउड‘ या ‘वुल क्लाउड‘ कहा जाता है।
6. स्तरी बादल (Stratus Clouds)ः ये बादल कम ऊंचाई के और प्रायः कुहरे के समान भूरे रंग के होते हैं। कपास-स्तरी-बादल
7. (Cumulo-Stratus-Clouds)ः ये भूरे व सफेद रंग के होते हैं। ये प्रायः गोलाकार होते हैं जो पंक्ति में व्यवस्थित होते हैं। सर्दियों में प्रायः ये पूरे आकाश को ढंक लेते हैं। ये सामान्यतः स्पष्ट व साफ मौसम से जुड़े होते हैं।
8. कपासी बादल (Cumulus Clouds): प्रायः ये लंबाई में होते हैं, जिनका ऊपरी भाग गुम्बदाकार होता है, परन्तु आधार समतल होता है। ये साफ व स्वच्छ मौसम से संबद्ध होते हैं।
9. कपासी वर्षा बादल (Cumulo-Nimbus-Clouds)ः ये अत्यधिक विस्तृत तथा गहरे बादल होते हैं, जिनका विस्तार ऊंचाई में अधिक होता है। इनके साथ वर्षा, ओला तथा तड़ित झंझावात की अधिक संभावना रहती है।
10. वर्षा-स्तरी-बादल (Nimbo-Stratus-Clouds)ः इनका उर्ध्वाधर विस्तार काफी होता है । ये गहरे रंग के निचले बादल हैं और सतह के समीप होते हैं। ये भारी वर्षा से संबद्ध होते हैं ।

आर्द्रता (Humidity)
ऽ आर्द्रता वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा की माप है। वायु में जलवाष्प की मात्रा वाष्पीकरण अर्थात अंततः तापमान पर निर्भर करती है। यदि तापमान बढ़ता है तो हवा अधिक जलवाष्प धारण कर सकती है।
ऽ किसी दिए गए तापमान पर हवा द्वारा इसकी पूरी क्षमता तक जलवाष्प धारण करने को सांद्र अवस्था कहते हैं।
वायु की आर्द्रता को प्रकट करने के कई तरीके हैं:
1. निरपेक्ष आर्द्रता (Absolute Humidity): एक विशिष्ट तापमान पर वायु के एक दिए हुए आयतन में जलवाष्प की वास्तविक मात्रा को निरपेक्ष आर्द्रता कहते हैं।
2. सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity): वायु की एक दी हुई मात्रा की निरपेक्ष आर्द्रता और इसके द्वारा धारण की जा सकने वाली जलवाष्प की अधिकतम मात्रा के बीच के अनुपात को सापेक्ष आर्द्रता कहते हैं।
3. विशिष्ट आर्द्रता (Specific Humidity): विशिष्ट आर्द्रता वायु के प्रति इकाई वजन में जलवाष्प का वजन है जिसे ग्राम जलवाष्प/किग्रा वायु जलवाष्प के रूप में व्यक्त करते हैं।

कोहरा (Fog)
यह धुंए या धूलकणों के ऊपर जल की छोटी बूंदों की घनी परत है जो वायुमंडल की निचली परत में घटित होता है। कोहरा धरती की सतह पर स्थित एक बादल है।

वर्षण के स्वरूप
ऽ वायुमंडल में जल तीनों स्वरूपों जैसे-ठोस (वर्ष), द्रव (पानी) और गैस (वाष्प) के रूप में उपस्थित हो सकता है।
ऽ जलवायु विज्ञान में वर्षण का अर्थ वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प के संघनन के उपरान्त बने उत्पाद से है जो पृथ्वी की सतह पर संग्रहित होता है।
ऽ वर्षण के अन्तर्गत जलवर्षा, हिमवर्षा, ओलावृष्टि, फुहार आदि सभी आते हैं।

जलवर्षा (Rain)
ऽ जलवर्षा वर्षण का ही एक प्रकार है जो छोटी-छोटी बूंदों के रूप में या 0.5 मिमी से ज्यादा व्यास वाली बूंदों के रूप में सतह पर आती है।
ऽ जल की बूंदें जब अत्यधिक ऊंचे बादलों की सतह पर आती हैं तो इसके कुछ भाग का वाष्पीकरण शुष्क हवा की परतों में ही हो जाता है। कभी-कभी वर्षा की सारी बूंदें सतह पर आने से पहले ही वाष्पीकृत हो जाती हैं।
ऽ इसके विपरीत, जब वर्षण की क्रिया काफी सक्रिय होती है, तो निचली हवा आर्द्रयुक्त एवं बादल काफी गहरे हो जाते हैं और फिर । मूसलाधार वर्षा होती है। इस वर्षा में बूंदें काफी बड़ी-बड़ी और अत्यधिक संख्या में होती हैं।

वर्षा के प्रकार
स्थान एवं अन्य मौसमी विशेषताओं के आधार पर वर्षा को तीन वर्गों में विभक्त किया गया है।
1. संवहनीय वर्षा (Convectional Rainfall)
ऽ संवहनीय वर्षा का क्षेत्र अत्यधिक तापमान एवं अत्यधिक आर्द्रता वाला क्षेत्र होता है। संवहन तरंग की उत्पत्ति के लिए सौर विकिरण मुख्य स्रोत के रूप में होता है।
ऽ संवहनीय वर्षा क्यूमलोनिम्बस बादल के बनने से होती है। बिजली की चमक, गर्जन एवं कभी-कभी हिम का गिरना इस वर्षा की विशेषता है।
ऽ इस प्रकार की वर्षा डोलड्रम की पेटी एवं विषुवतरेखीय क्षेत्र में होती है। जहां यह लगभग प्रतिदिन दोपहर में होती है।
ऽ इस तरह की वर्षा फसल के लिए अधिक प्रभावी नहीं है। इस वर्षा का अधिकांश जल सतह से होकर बहते हुए समुद्र में जा मिलता है।

2. पर्वतीय वर्षा (Orographical Rainfall)
ऽ यह वर्षा का सर्वाधिक विस्तृत प्रकार है। जब आर्द्रयुक्त पवनें ऊपर उठकर पर्वतीय क्षेत्रों से टकरा कर वर्षा करती हैं तो ऐसी वर्षा पर्वतीय वर्षा कहलाती है।
ऽ पवनें पर्वत के जिस तट से टकराती हैं, उस क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा होती है जबकि विपरीत ढाल ‘‘वृष्टि छाया प्रदेश‘‘ कहलाता है एवं इन क्षेत्रों में वर्षा नगण्य मात्रा में होती है। इसका कारण यह है कि विपरीत ढाल में वायु नीचे बैठती है तथा उसकी आर्द्रता समाप्त हो जाती है।
3. चक्रवातीय वर्षा (Cyclonic Rainfall)
ऽ चक्रवातीय वर्षा का संबंध चक्रवात के बनने एवं उसके विकसित होने से है। यह वर्षा कृषि कार्यों के लिए अत्यधिक लाभदायक होती है।
ऽ समशीतोष्ण क्षेत्रों में चक्रवातीय वर्षा फुहार के रूप में या हल्की-हल्की बूंदों के रूप में होती है। यह काफी समय तक एवं लगातार होती है।

फुहार (Shower)
ऽ जब वर्षण के दौरान बूंदें काफी छोटी एवं समान आकार में होती हैं तथा यह हवा में तैरती हुई प्रतीत होती हैं तो इसे फुहार कहते हैं।
ऽ फुहार में जल की बूंदों की त्रिज्या 500 माइक्रोन से भी कम होती है।
ऽ इस तरह के फुहार अतिसंतृप्त बादल से ही बनते हैं जिसमें जल की मात्रा अत्यधिक होती है। इसमें बादल स्तर तथा पृथ्वी की सतह के मध्य व्याप्त वायु की सापेक्ष आर्द्रता लगभग 100 प्रतिशत होती है जिससे ये छोटी-छोटी बूंदें अपने रास्ते में वाष्पीकृत नहीं होती हैं।

हिमपात (Snow)
ऽ वर्षण के दौरान जब हिम के टुकड़े सतह पर आते हैं तो यह हिमपात या तुषारापात कहलाता है। दूसरे शब्दों में हिमपात जल के ठोस रूप का वर्षण है।
ऽ जाड़े की ऋतु में जब तापमान हिमांक के नीचे चला जाता है, तो बर्फ के कण ‘अल्टो-स्ट्रेटस‘ बादल से सीधे सतह पर आने लगते हैं। ये रास्ते में पिघले बिना सतह पर पहुंचने लगते हैं।

हिमवर्षा (Sleet)
ऽ जब वर्षण के दौरान जल एवं हिमकण दोनों मिश्रित रूप में सतह पर पहुंचते हैं तो यह ‘‘हिमवर्षा‘‘ कहलाती है।
ऽ जब कभी वायुमंडल में प्रचंड वायुधारा उर्ध्वाधर रूप में विद्यमान होती हैं तो हिमवृष्टि अत्यधिक भयानक रूप धारण कर लेती है।

ओलावृष्टि (Hail)
जब हिम छोटे-छोटे दानों के रूप में गिरने लगते हैं जिनका व्यास लगभग 5 मिमी से 10 मिमी के मध्य होता है, तो यह ओलावृष्टि कहलाती है।
ऽ सामान्यतया इसमें मटर के दाने के आकार की बर्फबारी होती है, परन्तु कभी-कभी बेसबॉल के आकार की बर्फबारी भी होती है।
ऽ यह वर्षण के सभी प्रतिरूपों में सबसे भयावह होता है जो क्यूमलोनिम्बस बादल से बनता है तथा भयंकर गर्जना के साथ सतह पर पहुंचता है।

ओस (Dew)
ओस जमीन की सहत या इसके निकट स्थित किसी पदार्थ पर जमी आर्द्रता होती है। यह रात के समय शांत व स्वच्छ वातारण में घटित होती है। जब जमीन के विकिरण द्वारा वायुमंडल की निचली परत को ओसांक से नीचे तक ठंडा कर दिया जाता है, तो जलवाष्प बूंदों के रूप में संघनित हो जाते हैं। शांत मौसम व स्वच्छ आकाश ओस बनने के लिए सर्वोत्तम स्थिति होती है।

Sbistudy

Recent Posts

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

2 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

4 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

6 days ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

6 days ago

elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है

दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…

6 days ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now