हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
न्यूक्लिक अम्ल Nucleic acid in hindi की परिभाषा क्या है , डी ऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक अम्ल , राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल
न्यूक्लिक अम्ल जैव बहुलक होते है , जो न्युक्लिओटाइडो के बहुलकीकरण से बनते हैं।
न्यूक्लिक अम्ल दो प्रकार के होते हैं
1. डी ऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribonucleic acid) (DNA)
2. राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल (Ribonucleic acid) (RNA)
न्युक्लिक अम्ल , न्यूक्लिओप्रोटीन के रूप में पाये जाते है।
1. डी ऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक अम्ल (Deoxyribonucleic acid) (DNA) : यह केन्द्रक , माइट्रोकोन्ड्रिया एवं हरित लवक में पाया जाता हैं।
2. राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल (Ribonucleic acid) (RNA) : यह कोशिका द्रव्य में पाया जाता हैं।
नोट : पादप वायरस जैसे TMV , जन्तु वायरस रिट्रो वायरस बैक्टीरिया फैज आदि में आनुवांशिक पदार्थ RNA होता हैं इसके अलावा सभी जीवों में आनुवांशिक पदार्थ DNA होता हैं।
न्यूक्लिक अम्ल की प्राथमिक संरचना : न्युक्लिक अम्लों में शर्करा , फॉस्फेट एवं नाइट्रोजनी क्षार (कार्बनिक क्षार ) जिस क्रम में जुड़े रहते है उसे न्यूक्लिक अम्ल की प्राथमिक संरचना कहते है।
न्यूक्लिक अम्लों का मंद परिस्थितियों में जल अपघटन कराने पर न्यूक्लिओटाइड बनते है जो पुन: जल अपघटन पर न्यूक्लिओसाइड एवं फॉस्फोरिक अम्ल देते है , न्यूक्लिओसाइड आगे जल अपघटन पर शर्करा एवं नाइट्रोजनी क्षार देते हैं।
अतः न्यूक्लिक अम्लों के जल अपघटन से तीन प्रकार के यौगिक प्राप्त होते है।
1. पेन्टोज शर्करा : डीएनए व RNA दोनों में 5-C युक्त शर्करा पायी जाती है , जिसे पेंटोज शर्करा कहते है।
DNA में β-D-2 डीऑक्सी राइबो शर्करा एवं RNA में β-D- राइबोज शर्करा पायी जाती हैं।
ये दोनों शर्कराएं C-2 पर स्थित ऑक्सीजन की उपस्थिति में भिन्न होती हैं।
2. फॉस्फोरिक अम्ल :
3. नाइट्रोजनी क्षार : न्यूक्लिक अम्लों में दो प्रकार के नाइट्रोजनी क्षार होते हैं –
(a) प्यूरिन क्षार : इन नाइट्रोजनी क्षारो में प्यूरीन वलय होती है
फ्यूरिन क्षार दो होते है –
- एडिनीन (A)
- ग्वानीन (G)
दोनों फ्युरिन क्षार नाइट्रोजन -9 के द्वारा शर्करा के C-1 से जुड़ते है।
(b) पिरिडीन क्षार : इनमे पिरिमिडीन वलय उपस्थित होती हैं।
न्यूक्लिक अम्लों में तीन परिमिडीन क्षार होते है।
- थाइमीन (T)
- साइटोसीन (C)
- यूरेसिल (U)
DNA में थाइमिन व साइटोसीन एवं RNA में थाइमीन के स्थान पर यूरेसिल पाया जाता है।
सभी पिरिमिडीन क्षार नाइट्रोजन -1 से शर्करा के C-1 के साथ जुड़ते है।
न्यूक्लिक अम्ल : ये न्युक्लियोटाइड के रेखीय फैशन में बहुलकीकरण से बनते है। ये सर्वप्रथम जी. मिशलर द्वारा pus कोशिकाओ के केन्द्रक से पृथक किये गए। अल्टमान ने दो तरह के न्यूक्लिक अम्ल की उपस्थिति को खोजा।
न्यूक्लिक अम्ल शर्करा अणु (पेन्टोज) , नाइट्रोजनी क्षार (प्यूरिन और पिरामिडीन) और फास्फोरिक अम्ल के बने होते है।
न्यूक्लिक अम्ल दो प्रकार के होते है –
- डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल (डीएनए): डीएनए सभी जीवो (पादप विषाणुओं (TMV) के अलावा , जहाँ आनुवांशिक पदार्थ RNA होता है) में आनुवांशिक सूचनाओ का बड़ा संचायक होता है।
उपस्थिति : रेखीय डीएनए केन्द्रक में गुणसूत्र में अधिकतम मात्रा में पाया जाता है। यह डीऑक्सीराइबोन्यूक्लियोप्रोटीन या क्रोमेटिन पदार्थ के रूप में आधारभूत प्रोटीन (हिस्टोन) के साथ काम्प्लेक्स बनाता है। वृत्ताकार DNA प्रोकेरियोटिक कोशिकाओ और यूकेरियोटिक कोशिकांगो जैसे माइटोकोंड्रिया , क्लोरोप्लास्ट और सेंट्रीओल में पाया जाता है। यह बिना किसी प्रोटीन आवरण के होता है इसलिए इसे naked DNA कहते है।
- RNA (राइबोन्यूक्लिक अम्ल): यह आनुवांशिक पदार्थ कुछ पादप विषाणुओं (उदाहरण : TMV , पीले मोजेक विषाणु) , जन्तु वायरस (उदाहरण : इनफ्लूऐजा तथा पोलियों विषाणु) में पाया जाता है। यह जंतु और पादप विषाणुओं में एकल सूत्रीय होता है। परन्तु कुछ पादपों में द्विसूत्रीय नॉन हेलीकल (अकुंडलित) रियोविषाणु पाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- मनुष्यों में इन्सुलिन 51 अमीनों अम्ल रखता है जो 2 श्रृंखलाओ में होती है – A में 20 और B में 31 अमीनों अम्ल।
- पेलिनड्रोमिक डीएनए ऐसा डीएनए है जिसमे न्युक्लियोटाइड का क्रम समान होता है परन्तु दो स्ट्रेंडस पर विपरीत होता है।
- नारियल का तेल सबसे कम वसीय अम्ल रखता है।
- डीएनए के विभिन्न रूप निम्न प्रकार है –
हेलिक्स का प्रकार | Base pairs या टर्न | types of coiling | vertrical rise per bp. |
A | 11 | Rt. handed | 2.3A |
B | 10 | Rt. handed | 3.4A |
C | 9 | Rt. handed | 3.3A |
D | 8 | Rt. handed | – |
Z | 12 | Lt. handed | 3.75A |
जीवन का उपापचयी आधार
उपापचयी श्रृंखला एक सरल संरचना से अधिक जटिल संरचना बना सकती है (उदाहरण : एसिडिक अम्ल का कोलेस्ट्रोल में परिवर्तन) या एक सरल संरचना का जटिल संरचना से निर्माण (उदाहरण : कंकालीय पेशियों में ग्लूकोज का लेक्टिक अम्ल में परिवर्तन) पूर्व में वर्णित उदाहरण जैव संश्लेषित श्रृंखला अथवा उपापचयी श्रृंखला कहते है। दूसरा उदाहरण अपघटन दर्शाता है इसलिए अपचय श्रृंखला कहलाती है।
उपचय श्रृंखला ऊर्जा का अवशोषण करती है। एमिनों अम्लों से प्रोटीन का बनना ऊर्जा के अवशोषण से होता है। दूसरी ओर अपचयी श्रृंखला में ऊर्जा मुक्त होती है। उदाहरण : जब ग्लूकोज से लेक्टिक अम्ल बनता है जो 10 उपापचयी पदों में पूर्ण होता है , ग्लाकोलिसिस कहलाता है। सजीव अपघटन के दौरान मुक्त ऊर्जा को ग्रहण करते है तथा रासायनिक बन्धो के रूप में संग्रहित करते है। जब आवश्यकता होती है यह बंध ऊर्जा जैव संश्लेषण , परासरण तथा यांत्रिक कार्यो में उपयोग में ले ली जाती है। सजीव तंत्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऊर्जा मुद्रा रसायनों में उपस्थित बंध ऊर्जा होती है जो एडीनोसिन ट्राईफास्फेट (ATP) कहलाती है।
सजीव किस प्रकार ऊर्जा उत्पन्न करते है ? कौनसी तकनीक उपयोग में लेते है ? किस प्रकार वे ऊर्जा का संग्रह करते है तथा किस रूप में करते है ? किस प्रकार यह ऊर्जा कार्य में परिवर्तित होती है ? यह सब आप उच्च कक्षाओं में जैव ऊर्जा शीर्षक के अंतर्गत अध्ययन करेंगे।
Recent Posts
द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi
अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…
नियत वेग से गतिशील बिन्दुवत आवेश का विद्युत क्षेत्र ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi
ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi नियत वेग से…
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…