हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: Physics
नाभिकीय भट्टी , नाभिकीय रिएक्टर क्या है , चित्र , सिद्धांत , मूल प्रक्रिया , उपयोग , कार्य ,परमाणु भट्टी (nuclear reactor in hindi)
(nuclear reactor in hindi) नाभिकीय भट्टी , नाभिकीय रिएक्टर क्या है , चित्र , सिद्धांत , मूल प्रक्रिया , उपयोग , कार्य ,परमाणु भट्टी : यह एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा नियंत्रित ऊर्जा अभिक्रिया का उपयोग करके नाभिकीय विखण्डन करके ऊर्जा उत्पन्न की जाती है और चूँकि यह नियंत्रित की जा सकती है और नियंत्रित ऊर्जा उत्पन्न की जाती है इसलिए इस प्रकार से उत्पन्न ऊर्जा को विभिन्न लाभदायक कार्यों में काम में लिया जाता है।
नाभिकीय भट्ठी को परमाणु पाइल या परमाणु भट्टी भी कहा जाता है।
इसका सबसे बड़ा उपयोग विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने में किया जा सकता है। इसमें इंधन के रूप में युरेनियम का इस्तेमाल किया जाता है।
नाभिकीय भट्टी को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
“ऐसा संयंत्र जिसमें नाभिकीय विखंडन नियन्त्रित श्रृंखला अभिक्रिया के द्वारा संपन्न करायी जाती है। “
ईंधन या विखण्डनीय पदार्थ : ऐसा पदार्थ जिसका विखंडन करके नाभिकीय भट्टी में ऊर्जा उत्पन्न की जाती है , इंधन के रूप में अधिकतर युरेनियम इस्तेमाल किया जाता है।
मंदक : चूँकि विखण्डन प्रक्रिया तीव्र होती है इसलिए इसे नियंत्रित तरीके से संपन्न करने अर्थात तिव्रगामी न्यूट्रॉन कि गति को कम या मंद करने के लिए जिन पदार्थों का उपयोग किया जाता है उन्हें मंदक कहते है।
नियंत्रक पदार्थ : वे पदार्थ जिनके द्वारा नाभिकीय विखण्डन नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया संपन्न की जाती है अर्थात ऐसे पदार्थ जिनके द्वारा नाभिकीय विखण्डन अभिक्रिया को नियत दर से या नियंत्रित तरीके से संपन्न करवाई जाती है , ऐसा करने के लिए ये पदार्थ अभिक्रिया में न्यूट्रॉन की संख्या को नियंत्रित करते है जिससे अभिक्रिया भी नियंत्रित हो जाती है।
आवश्यकता होने पर इन पदार्थों को भट्टी में डाल दिया जाता है जिससे ये पदार्थ न्यूट्रॉनों को अवशोषित कर लेते है और अभिक्रिया को एक नियंत्रित तरीके से संपन्न होने देते है।
उदाहरण : मंदक पदार्थ के रूप में कैडमियम की छड को भट्टी में डाला जाता है जो अनावश्यक न्यूट्रॉन को अवशोषित करके अभिक्रिया को नियंत्रित तरीके से संपन्न होने देते है।
शीतलक : ऐसे पदार्थ जो नाभिकीय विखंडन के दौरान उत्पन्न उष्मा ऊर्जा को अवशोषित कर लेते है , ऐसे पदार्थों शीतलक कहते है।
परीरक्षक आवरण : परमाणु भट्टी के आस पास व्यक्ति भी कार्य करते है , और चूँकि इससे उत्पन्न विकिरण खतरनाक होती है इसलिए इस भट्टी के चारों तरफ सीमेंट या कंकरीट की दिवार या आवरण बनाया जाता है जिससे इस भट्टी से आने वाली विकिरण से बचा जा सके , इस आवरण को परिरक्षक आवरण कहते है।
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
4 weeks ago
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
4 weeks ago
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
2 months ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
2 months ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
3 months ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
3 months ago