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norton theorem in hindi definition examples with solution नॉर्टन की प्रमेय क्या है का सत्यापन करना
पढ़िए norton theorem in hindi definition examples with solution नॉर्टन की प्रमेय क्या है का सत्यापन करना उदाहरण हल सहित समझाइये ?
नॉर्टन की प्रमेय (Norton’s Theorem)
इस प्रमेय के अनुसार विभिन्न स्रोतों तथा प्रतिबाधाओं से युक्त द्वि-टर्मिनल जटिल जाल को एक धारा जनित्र तथा समान्तर क्रम में जुड़े प्रतिबाधा Zeq के तुल्य माना जा सकता है। धारा जनित्र से उत्पन्न धारा Ieq का मान दोनों टर्मिनलों के मध्य प्रवाहित लघुपस्थित (short circuited) धारा के समान होगी तथा प्रतिबाधा Zeq का मान खुले टर्मिनलों के मध्य प्रभावी प्रतिबाधा के बराबर होगा जबकि जाल के समस्त स्रोतों को उनकी आन्तरिक प्रतिबाधाओं से प्रतिस्थापित कर दिया गया हो । समान्तर जुड़ी प्रतिबाधा Zeq के स्थान पर प्रवेश्यता Yeq भी ली जा सकती है, जहां Yeq = 1/Zeq । वास्तविक रूप में नोर्टन का प्रमेय, थेवेनिन प्रमेय का ही दूसरा रूप है।
व्युत्पत्ति (Proof)
नॉटर्न के प्रमेय को सिद्ध करने के लिये थेवेनिन के प्रमेय का उपयोग किया जा सकता है। चित्र (1.8-15a) में द्विटर्मिनल जाल को प्रदर्शित किया है जिसमें बहुत से स्रोत तथा प्रतिबाधायें जुड़ी हो सकती हैं। थेवेनिन के प्रमेय के अनुसार इस जाल का तुल्य परिपथ चित्र (1.8-15b) में दर्शाया गया है।
उपरोक्त विश्लेषण से यह ज्ञात होता है कि परिपथ चित्र (1.8 – 15 ) तथा चित्र (1.8 – 16 ) समतुल्य है अतः इसमें नॉर्टन के प्रमेय की पुष्टि होती है।
जब किसी भी जटिल जाल को थेवेनिन या नॉर्टन के प्रमेयों के अनुसार तुल्य परिपथ से प्रदर्शित किया जा सकता है तो किसी एक तुल्य परिपथ को दूसरे तुल्य परिपथ में भी परिवर्तित किया जाना सम्भव होता है।
समी. (1) में लोड पर वोल्टता ( थेवेनिन प्रमेय से )
समी. (6) व (7) प्रारूप में एकसमान है। समी. ( 6 ) थेवेनिन तुल्य परिपथ निरूपित करती है तथा समी. (7)
नॉर्टन का तुल्य परिपथ। थेवेनिन तुल्य परिपथ में खुले परिपथ वाली वोल्टता तथा प्रतिबाधाओं का उपयोग होता है जबकि नॉर्टन के तुल्य परिपथ में लघुपस्थित धारा तथा प्रवेश्यता का उपयोग होता है।
उदाहरण-चित्र (1.8-17) में प्रदर्शित परिपथ का नॉर्टन प्रमेय के अनुसार तुल्य परिपथ बनाइये तथा प्रतिरोध RL से प्रवाहित धारा का मान ज्ञात कीजिये।
Obtain the equivalent circuit for the circuit shown in Fig. (1.8-17) using Norton’s theorem and determine the value of current flowing through the resistance RL.
हल- उपर्युक्त परिपथ का नॉर्टन परिपथ प्राप्त करने के लिए प्रथम चरण में लोड RL को हटाकर A, B टर्मिनलों को लघुपथित करके लघुपथित धारा Isc = leq का मान ज्ञात करते हैं। यह स्थिति चित्र (1.8-18) में प्रदर्शित है।
परिपथ चित्र (1.8-18) से,
चित्र (1.8-17) से A. B टर्मिनलों को खुला रखकर व जनित्रों को लघुपस्थित करने पर A. B के मध्य प्रभावी प्रतिबाधा
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