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कैडमियम बैटरी क्या है , उपयोग , चित्र , कार्य , निकल कैडमियम बैट्री में एनोड और कैथोड किस धातु का बना होता है (nickel cadmium battery)
(nickel cadmium battery) कैडमियम बैटरी क्या है , उपयोग , चित्र , कार्य , निकल कैडमियम बैट्री में एनोड और कैथोड किस धातु का बना होता है : निकिल कैडमियम बैटरी की खोज स्वीडिश वैज्ञानिक ‘वल्देमार जंगनेर (Waldemar Jungner)’ ने 1899 में किया था , इन बैटरीयों का उपयोग वर्तमान समय में कम हो गया है क्यूंकि कैडमियम का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है , अब केवल कुछ विशेष श्रेणी के कार्यो में ही इस प्रकार की बैट्री का उपयोग किया जाता है।
यह एक चार्ज वाली बैटरी है अर्थात इसका उपयोग बार बार चार्ज करके किया जाता है इसलिए यह द्वितीयक प्रकार की बैटरी है , निकल कैडमियम बैटरी को NiCd or NiCad बैट्री भी कहा जाता है।
इस बैटरी द्वारा 1.4 वोल्ट की विद्युत धारा प्राप्त की जाती है , इनका उपयोग मोबाइल फोन , पेजर आदि में किया जाता है।
याद रखिये कि निकल कैडमियम बैटरी में एनोड Cd अर्थात कैडमियम का बना होता है और कैथोड निकल हाइड्रॉक्साइड (NiOOH) का बना हुआ होता है , अर्थात जब यह बैटरी चार्ज अवस्था में रहती है उस स्थिति में “निकल हाइड्रॉक्साइड” धनात्मक इलेक्ट्रोड की तरह कार्य करता है और “कैडमियम” ऋणात्मक इलेक्ट्रोड की तरह कार्य करता है।
इस बैटरी में कास्टिक पोटाश विलयन (पोटेशियम हाइड्रोक्साइड) को विद्युत अपघट्य की तरह काम में लिया जाता है , इनके निम्न आंतरिक प्रतिरोध और विद्युत के अच्छी सुचालकता के कारण , निकल कैडमियम बैटरी द्वारा उच्च धारा प्राप्त की जा सकती है और इसी के कारण ये बैट्री शीघ्रता से पुन: चार्ज भी हो जाते है।
इस बैट्री में विद्युत अपघट्य KOH, LiOH, NaOH आदि को भी उपयोग किया जा सकता है , विद्युत अपघट्य चुनते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है इसलिए अलग अलग विद्युत अपघट्य का प्रभाव बैट्री के अलग चीजो जैसे विद्युत धारा , वोल्टेज , चार्ज -डिस्चार्ज आदि। इसलिए सही विद्युत अपघट्य चुनना बहुत आवश्यक है।
निकल कैडमियम बैटरी या सेल में निम्न अभिक्रिया होती है।
जब बैटरी चार्ज हो और इसको उपयोग में लाया जाए तो यह डिस्चार्ज होने लगता है उस स्थिति में इसमें निम्न अभिक्रिया संपन्न होती है –
एनोड पर –
Cd +
2OH– → Cd(OH)2 + 2e–
कैथोड पर –
NiO2
+ 2H2O + 2e– → Ni(OH)2 + 2OH–
अत: बैटरी डिस्चार्ज की स्थिति में पूर्ण रूप से निम्न क्रिया होती है –
यह एक चार्ज वाली बैटरी है अर्थात इसका उपयोग बार बार चार्ज करके किया जाता है इसलिए यह द्वितीयक प्रकार की बैटरी है , निकल कैडमियम बैटरी को NiCd or NiCad बैट्री भी कहा जाता है।
इस बैटरी द्वारा 1.4 वोल्ट की विद्युत धारा प्राप्त की जाती है , इनका उपयोग मोबाइल फोन , पेजर आदि में किया जाता है।
याद रखिये कि निकल कैडमियम बैटरी में एनोड Cd अर्थात कैडमियम का बना होता है और कैथोड निकल हाइड्रॉक्साइड (NiOOH) का बना हुआ होता है , अर्थात जब यह बैटरी चार्ज अवस्था में रहती है उस स्थिति में “निकल हाइड्रॉक्साइड” धनात्मक इलेक्ट्रोड की तरह कार्य करता है और “कैडमियम” ऋणात्मक इलेक्ट्रोड की तरह कार्य करता है।
इस बैटरी में कास्टिक पोटाश विलयन (पोटेशियम हाइड्रोक्साइड) को विद्युत अपघट्य की तरह काम में लिया जाता है , इनके निम्न आंतरिक प्रतिरोध और विद्युत के अच्छी सुचालकता के कारण , निकल कैडमियम बैटरी द्वारा उच्च धारा प्राप्त की जा सकती है और इसी के कारण ये बैट्री शीघ्रता से पुन: चार्ज भी हो जाते है।
इस बैट्री में विद्युत अपघट्य KOH, LiOH, NaOH आदि को भी उपयोग किया जा सकता है , विद्युत अपघट्य चुनते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है इसलिए अलग अलग विद्युत अपघट्य का प्रभाव बैट्री के अलग चीजो जैसे विद्युत धारा , वोल्टेज , चार्ज -डिस्चार्ज आदि। इसलिए सही विद्युत अपघट्य चुनना बहुत आवश्यक है।
निकल कैडमियम बैटरी या सेल में निम्न अभिक्रिया होती है।
जब बैटरी चार्ज हो और इसको उपयोग में लाया जाए तो यह डिस्चार्ज होने लगता है उस स्थिति में इसमें निम्न अभिक्रिया संपन्न होती है –
एनोड पर –
Cd +
2OH– → Cd(OH)2 + 2e–
कैथोड पर –
NiO2
+ 2H2O + 2e– → Ni(OH)2 + 2OH–
अत: बैटरी डिस्चार्ज की स्थिति में पूर्ण रूप से निम्न क्रिया होती है –
2Ni(OH)3 + 2KOH + Cd → 2Ni(OH)2 + 2KOH + 2Cd(OH)2 + विद्युत ऊर्जा
जब बैट्री चार्ज होती है तब निम्न क्रिया संपन्न होती है –
2Ni(OH)2 + 2KOH + 2Cd(OH)2 + विद्युत ऊर्जा → 2Ni(OH)3 + 2KOH + Cd
इस बैटरी या सेल में चार्ज या डिस्चार्ज के समय किसी भी प्रकार की कोई गैस उत्पन्न नहीं होती है अर्थात कोई गैस बाहर नहीं निकलती है इसलिए इस बैटरी को सील बंद किया जा सकता है।
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