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न्यूटन का गति का तृतीय (तीसरा) नियम newton’s third law of motion in hindi क्या है , किसने दिया ?
नियम : ” हर क्रिया की समान और विपरीत क्रिया होती है। ”
इसे दूसरे शब्दों में ऐसे भी कह सकते है की बल हमेशा युगल (जोड़े) के रूप में पाया जाता है।
उदाहरण : जैसे जब एक रोकेट को आसमान में छोड़ा जाता है तो राकेट पीछे जमीन पर बल लगाती है या क्रिया करती है जिससे जमीन राकेट पर विपरीत बल लगाती है या प्रतिक्रिया करती है जिससे राकेट ऊपर की तरफ उठता है याद रखे ऊपर की तरफ उठने के लिए जमीन द्वारा इस पर प्रतिक्रिया के रूप में बल लगाया जाता है।
न्यूटन के नियम के अन्य उदाहरण : जब आप किसी स्प्रिंग को अपने हाथ से दबाते है तो अपने महसूस किया होगा की स्प्रिंग आपके हाथ पर विपरीत दिशा में बल लगाती है , और अगर आप इस बल से कम बल लगाते है तो स्प्रिंग दबती भी नहीं है।
आपके द्वारा दबाना मतलब बल लगाना क्रिया है और स्प्रिंग द्वारा आपके हाथ पर बल लगाना प्रतिक्रिया है।
नोट : यहाँ क्रिया , प्रतिक्रिया का तात्पर्य केवल बल से सम्बन्धित है , लोग इसे अन्य चीजो से जोड़ते है लेकिन वो सही नही है , इस नियम का सम्बन्ध केवल बल से है।
नोट : जब एक वस्तु किसी वस्तु पर बल लगाती है तो उसी क्षण वह वस्तु उस पर विपरीत प्रतिक्रिया बल लगाती है , यहाँ दोनों साथ साथ कार्य करते है अत: सुविधानुसार किसी को भी क्रिया और किसी को भी प्रतिक्रिया माना जा सकता है।
क्रिया तथा प्रतिक्रिया दोनों अलग अलग चीजो पर कार्यरत रहते है , जैसे a , b पर बल लगाती है तो माना a द्वारा b पर क्रिया की गयी है तो प्रतिक्रिया b द्वारा a पर की जाएगी।
गति का तृतीय नियम : प्रत्येक क्रिया के लिए सदैव , एक बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया बल लगता है।
न्यूटन के तृतीय नियमानुसार प्रत्येक क्रिया के लिए हमेशा एक बराबर तथा विपरीत प्रतिक्रिया होती है। दो वस्तुओ के बीच अन्योन्य क्रिया एक दुसरे पर बराबर और विपरीत दिशा में लगती है।
गति के तृतीय नियम के महत्वपूर्ण बिन्दु निम्नलिखित है –
- तृतीय नियम में क्रिया एवं प्रतिक्रिया का अर्थ केवल बल से है। एक सरल और स्पष्ट रूप से तृतीय नियम बताता है कि बल हमेशा जोड़े के रूप में उत्पन्न होते है। वस्तु A पर वस्तु B के द्वारा आरोपित बल हमेशा वस्तु B पर वस्तु A के द्वारा आरोपित बल के बराबर एवं विपरीत होता है।
- तृतीय नियम में क्रिया और प्रतिक्रिया के बारे में यह गलत धारणा हो सकती है कि क्रिया , प्रतिक्रिया से पहले होती है अर्थात क्रिया कारण है और प्रतिक्रिया प्रभाव है। तृतीय नियम में इस प्रकार का कारण प्रभाव सम्बन्ध नहीं होता है। B के द्वारा A पर बल और B पर A के द्वारा बल एक ही समय पर कार्य करते है। इनमे से किसी भी एक को क्रिया और दुसरे को प्रतिक्रिया कह सकते है।
- क्रिया और प्रतिक्रिया बल भिन्न भिन्न वस्तुओं पर लगते है , न कि समान वस्तु पर। इसलिए यदि हम किसी भी एक वस्तु (A या B ) की गति को देखे तो दोनों में से केवल एक बल सम्बन्धित होता है। यह गलत है कि दोनों बलों को जोड़ने और परिणामी बल शून्य प्राप्त होने का दावा करे। इस प्रकार दो वस्तुओं के सम्पूर्ण निकाय की बात करे , FAB (B द्वारा A पर बल) और FBA ( A द्वारा B पर बल) निकाय (A + B) के आंतरिक बल है। इनको जोड़ने पर शून्य बल मिलता है। किसी वस्तु या कणों के निकाय के अन्दर आंतरिक बल जोड़े के रूप में निरस्त हो जाते है। यह एक मुख्य तथ्य है कि द्वितीय नियम वस्तु के लिए अथवा कणों के एक निकाय के लिए लागू होता है।
newton’s third law of motion in hindi
जब कोई एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है , तब दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर विपरीत दिशा में बराबर बल लगाती है।
एक वस्तु द्वारा लगाये गए बल को क्रिया और दूसरी वस्तु द्वारा लगाए गए बल को प्रतिक्रिया कहते है। अत: प्राय: ‘प्रत्येक क्रिया की बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया प्राप्त होती है व क्रिया और क्रिया अलग अलग वस्तुओं पर कार्य करती है। ‘
क्रिया और प्रतिक्रिया बल परिमाण में बराबर और दिशा में विपरीत होते है। लेकिन अलग अलग वस्तुओं पर कार्य करते है इसलिए क्रिया और प्रतिक्रिया एक दुसरे को कभी निरस्त नहीं करती है।
व्यावहारिक उदाहरण :
- जेट हवाई जहाज अथवा राकेट की गति : जैट हवाई जहाज या रॉकेट में इंधन को जलाने पर अत्यधिक गर्म गैसें उत्पन्न होती है , जिन्हें रॉकेट के निचले भाग में बने छेद से बाहर भेजने के लिए रॉकेट गैसों पर बल (क्रिया) लगता है जिस कारण गैसे जेट के रूप में तीव्र वेग से बाहर आती है। गैसे रॉकेट पर बराबर बल (प्रतिक्रिया) लगाती है जिस कारण रॉकेट आगे की ओर गति करता है।
- बंदूक से गोली छूटने पर पीछे की ओर गति करती है : बंदूक से गोली छोड़ते समय बंदूक गोली पर आगे की ओर बल (क्रिया) लगाती है। न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के अनुसार गोली बंदूक पर बराबर प्रतिक्रिया विपरीत दिशा में पीछे की ओर लगाती है , जिस कारण बंदूक प्रतिक्षिप्त होकर पीछे की तरफ गति करती है।
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