हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: physics
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (newton’s law of gravitation in hindi) , गुरुत्वाकर्षण बल का सदिश निरूपण
(newton’s law of gravitation in hindi) न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम : इसे न्यूटन का सार्वत्रिक (सार्वभौमिक) गुरुत्व आकर्षण बल भी कहा जाता है।
इस नियम के अनुसार “ब्रम्हांड में उपस्थित सभी दो वस्तुएँ आपस में एक दुसरे को आकर्षित करती है , दो पिण्डो के मध्य लगने वाले इस आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण कहते है। ” और चूँकि इस आकर्षण बल के बारे में सबसे पहले न्यूटन ने बताया था और इसका मान ज्ञात करने के लिए एक नियम या सूत्र दिया जिसे न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम कहते है , आइये इस नियम अथवा इस सूत्र की स्थापना करते है और इसे विस्तार से पढ़ते है।
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (newton’s law of gravitation)
न्यूटन के बताया की दो पिण्डो के मध्य लगने वाला आकर्षण बल का मान दोनों पिंडो के द्रव्यमान और इनके मध्य की दूरी पर भी निर्भर करता है , अब प्रश्न आता कि किस प्रकार निर्भर करता है और इसके लिए सूत्र क्या होता है जिससे इस आकर्षण बल की गणना की जा सके।
दो पिण्डों के मध्य लगने वाला आकर्षण बल का मान दोनों पिंडो के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा दोनों पिण्डो के मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
माना दो पिण्ड है जिनका द्रव्यमान क्रमशः m1 तथा m2 है। दोनों पिण्ड बीच की दूरी r है। ये दोनों पिण्ड एक दुसरे को F बल द्वारा अपनी ओर आकर्षित करेंगे जैसा चित्र में दिखाया गया है।
न्यूटन के नियम के अनुसार यह आकर्षण बल F का मान दोनों पिंडो के द्रव्यमान के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है।
अर्थात
यह गुरुत्वाकर्षण बल का मान इन दोनों पिंडों के मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अर्थात
दोनों समीकरणों को साथ में रखने पर
समानुपाती का चिन्ह हटाने पर , यहाँ एक G नियतांक आ जायेगा –
यहाँ G समानुपाती नियतांक है , G को न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है और गुरुत्वाकर्षण नियतांक का मान निम्न होता है।
G = 6.67 x 10– 11 N m 2 /kg 2
यहाँ ध्यान रखे की दोनों पिण्ड m1 तथा m2 बिन्दु द्रव्यमान होने चाहिए।
गुरुत्वाकर्षण बल का सदिश निरूपण
चित्रानुसार दो पिंड आपस में एक दुसरे पर आकर्षण बल आरोपित कर रहे है इसका सदिश रूप चित्र में दिखाया गया है।
m1 द्रव्यमान का पिंड m2 पर एक आकर्षण बल लगा रहा है जिसे F12 सदिश द्वारा प्रदर्शित किया गया है।
m2 द्रव्यमान का पिण्ड m1 पर एक आकर्षण बल लगा रहा है जिसे F21 सदिश द्वारा दर्शाया गया है।
न्यूटन के नियम के अनुसार ये दोनों आकर्षण बल परिमाण में समान होते है लेकिन इनकी दिशा एक दुसरे से विपरीत होती है अत: इसे निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
इस आकर्षण बल अर्थात गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
4 weeks ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
4 weeks ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
4 weeks ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
4 weeks ago
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
1 month ago
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…
1 month ago