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नेर्न्स्ट समीकरण की व्याख्या , रसायन शास्त्र में नेर्न्स्ट समीकरण से साम्य स्थिरांक (nernst equation in hindi)
(nernst equation in hindi) नेर्न्स्ट समीकरण की व्याख्या , रसायन शास्त्र में नेर्न्स्ट समीकरण से साम्य स्थिरांक : जैसा कि हम जानते है कि किसी भी सेल का विद्युत वाहक बल का मान , विलयन में आयनों की सांद्रता पर निर्भर करता है , इसलिए हम कह सकते है कि वह समीकरण जो सेल के विद्युत वाहक बल और आयनों की सांद्रता के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है उसे नेर्न्स्ट समीकरण कहते है।
इलेक्ट्रोड के बारे में अध्ययन करते समय अधिकतर जगह पर हम विद्युत अपघट्य की सांद्रता को इकाई मानते है लेकिन ऐसा आवश्यक नहीं है कि वास्तव में विद्युत अपघट्य की सांद्रता इकाई ही हो अर्थात विद्युत अपघट्य की सान्द्रता तो कुछ भी हो सकती है , इसलिए नेर्न्स्ट ने अपने समीकरण में दर्शाया कि इलेक्ट्रोड के लिए समीकरण कैसे लिखा जाए जब विद्युत अपघट्य की सांद्रता 1M के अलावा और कुछ हो।
नेर्न्स्ट ने किसी भी सांद्रता पर मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के सापेक्ष , किसी भी इलेक्ट्रोड के विभव को अपने समीकरण में प्रदर्शित किया जिसे हम नेर्न्स्ट समीकरण कहते है।
माना किसी इलेक्ट्रोड के लिए अभिक्रिया निम्न प्रकार प्रदर्शित की जाती है –
Mn+ + ne → M
तो इस इलेक्ट्रोड या अर्द्ध सेल के लिए विभव को निम्न प्रकार लिखा जाता है –
E Mn+/M = E0 Mn+/M – (RT/nF) ln[M]/[Mn+]
चूँकि किसी ठोस के लिए [ठोस] = 1 माना जाता है अर्थात [M] = 1 तो
E Mn+/M = E0 Mn+/M – (RT/nF) ln1/[Mn+]
इसको log के रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
E Mn+/M = E0 Mn+/M – 2.303(RT/nF) log 1/[Mn+]
यहाँ R = गैस नियतांक है जिसका मान R = 8.314 JK-1mol-1 होता है।
तथा T = ताप केल्विन में।
F = फैराडे होता है जिसका मान F = 96500 C mol-1 होता है।
n = इलेक्ट्रोड अभिक्रिया में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या का मान है।
ताप को 25 डिग्री सेंटीग्रेट या 298 केल्विन रखने पर , सभी स्थिर राशियों का मान रखने पर हम निम्न मान प्राप्त करते है –
2.303(RT/nF) = 0.059
इसे ऊपर समीकरण में रखने पर समीकरण निम्न प्राप्त होती है –
E Mn+/M = E0 Mn+/M – (0.059/n) log 1/[Mn+]
इसी उपयुक्त समीकरण को सिंगल इलेक्ट्रोड के लिए नेर्नस्ट समीकरण कहा जाता है।
तो इस इलेक्ट्रोड या अर्द्ध सेल के लिए विभव को निम्न प्रकार लिखा जाता है –
E Mn+/M = E0 Mn+/M – (RT/nF) ln[M]/[Mn+]
चूँकि किसी ठोस के लिए [ठोस] = 1 माना जाता है अर्थात [M] = 1 तो
E Mn+/M = E0 Mn+/M – (RT/nF) ln1/[Mn+]
इसको log के रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
E Mn+/M = E0 Mn+/M – 2.303(RT/nF) log 1/[Mn+]
यहाँ R = गैस नियतांक है जिसका मान R = 8.314 JK-1mol-1 होता है।
तथा T = ताप केल्विन में।
F = फैराडे होता है जिसका मान F = 96500 C mol-1 होता है।
n = इलेक्ट्रोड अभिक्रिया में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या का मान है।
ताप को 25 डिग्री सेंटीग्रेट या 298 केल्विन रखने पर , सभी स्थिर राशियों का मान रखने पर हम निम्न मान प्राप्त करते है –
2.303(RT/nF) = 0.059
इसे ऊपर समीकरण में रखने पर समीकरण निम्न प्राप्त होती है –
E Mn+/M = E0 Mn+/M – (0.059/n) log 1/[Mn+]
इसी उपयुक्त समीकरण को सिंगल इलेक्ट्रोड के लिए नेर्नस्ट समीकरण कहा जाता है।
नेर्न्स्ट समीकरण से साम्य स्थिरांक
नेर्न्स्ट समीकरण की सहायता से हम यहाँ साम्य स्थिरांक की गणना करेंगे।
माना किसी सेल की अभिक्रिया निम्न है –
aA + bB → cC + dD
सेल की निम्न अभिक्रिया के लिए नेर्न्स्ट समीकरण निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
Eसेल = E०सेल – (0.59/n){log([C]c[D]d)/([A]a[B]b)}
यह अभिक्रिया समय के साथ साथ साम्यावस्था की तरफ गति करती जाती है अर्थात समय के साथ अभिकारक की मात्रा कम होती जाती है तथा उत्पाद की मात्रा बढती जाती है , एक स्थिति ऐसी आती है जब यह अभिक्रिया साम्यावस्था में पहुच जाती है , जब यह अभिक्रिया साम्यावस्था प्राप्त कर लेती है उस स्थिति में सेल का विभव शून्य हो जाता है अर्थात साम्यावस्था में Eसेल = 0 हो जाता है।
माना [C]c[D]d)/([A]a[B]b = Kc है यहाँ Kc = साम्य स्थिरांक है।
दोनों मानो को नेर्न्स्ट समीकरण में रखने पर –
0 = E०सेल – (0.59/n){logKc}
E०सेल = (0.59/n){logKc}
logKc = nE०सेल/0.59
निम्न समीकरण को हल करके साम्य स्थिरांक (Kc) का मान ज्ञात किया जा सकता है।
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