JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: sociology

नामधारी कूका आंदोलन क्या है | नामधारी आन्दोलन किसे कहते है परिभाषा namdhari movement in hindi

namdhari movement in hindi was founded by and in which year नामधारी कूका आंदोलन क्या है | नामधारी आन्दोलन किसे कहते है परिभाषा ?

सामाजिक व धार्मिक सुधार के आंदोलन (Movements of Socio & Religious Reform)
यहां बताई गई अनेक बुराइयों को मिटाने के लिए सिक्खों में अनेकों धार्मिक सुधार के आंदोलन उपजे। इन आंदोलनों ने सिक्ख धर्म के अंदर संप्रदायों का विकास किया। इस अनुभाग में हम इन सामाजिक व धार्मिक सुधारों के आंदोलनों में से केवल दो की चर्चा करेंगे।

प) निरंकारी आंदोलन
सिक्ख मत में पृथक्ता की पहली झलक पंजाब में महाराजा रणजीत सिंह के शासन काल के दौरान परिलक्षित हुई थी। निरंकारी आंदोलन के संस्थापक, बाबा दयाल, सिक्ख सामाजिक व धार्मिक जीवन में, धीरे-धीरे बढ़ आई बुराइयों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले सिक्ख धार्मिक सुधारकों में सर्वप्रथम थे। उन्होंने मूर्ति पूजा, कब्रों, पेड़ों की पूजा तथा अन्य कई जटिल ब्राह्मणवादी संस्कारों के विरुद्ध आवाज उठाई तथा अपने अनुयायियों को केवल एक निरंकार (परमात्मा) की स्तुति करने का उपदेश दिया। हालांकि बाबा दयाल के अनुयायियों की एक बड़ी संख्या हो गई थी जो निरंकारी के रूप में जाने जाते थे और एक निरंकार में अपने विश्वास तथा जन्म, मृत्यु विवाह व अन्य सामाजिक संस्कारों में सिक्ख रीतियों का पालन करने के कारण उनके साथ आ गये थे, फिर भी उनका आंदोलन शिक्षा के अभाव से ग्रस्त विशाल सिक्ख समुदाय पर अपना प्रभाव नहीं डाल सका।

सिक्ख धर्म में निरंकारी आंदोलन के विकास के रूप में निरंकारी आंदोलन के ही एक अनुयायी बाबा अवतार सिंह ने अपना एक समानान्तर आंदोलन चलाया जो ष्संत निरंकारीष् के नाम से जाना गया।

पप) नामधारी आंदोलन
प्रचलित रूप में कूका आंदोलन के नाम से जाना जाने वाला नामधारी आंदोलन भी पनपा। यह भगत जवाहरमल और बाबा बालक सिंह द्वारा सिक्खों में सामाजिक व धार्मिक पुनर्जागरण के लिए आरंभ किया गया। यह आंदोलन बाबा बालक सिंह के एक शिष्य बाबा राम सिंह की छत्रछाया में एक सशक्त ताकत बन गया । बाबा राम सिंह ने अपने शिष्यों को विशेष रूप से आदेश दिया कि वे प्रार्थना तथा ध्यान द्वारा एक परमात्मा की वंदना करें। उनके द्वारा तैयार तथा लागू किये गये रैहतनामा (नैतिक आचार संहिता) में उनके शिष्यों को सदैव परमात्मा की आराधना में लगे रहने का आदेश दिया गया। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों जैसे जाति-प्रथा, शिशुओं की हत्या, कम उम्र में विवाह, विवाह संबंधों में पुत्रियों की अदला-बदली आदि के विरुद्ध उपदेश दिये तथा सादे व कम खर्चीले आनंद विवाह संस्कार को प्रचलित किया। बाबा राम सिंह की शिक्षाओं का सिक्ख समुदाय पर काफी प्रभाव पड़ा। समकालीन यूरोपीय अधिकारियों ने बाबा राम सिंह के आंदोलन की बढ़ती लोकप्रियता को गंभीरता से लिया।

बॉक्स 2
हालांकि बाबा राम सिंह का आंदोलन दया, सहिष्णुता तथा सच्चाई की शिक्षाओं पर आधारित था, फिर भी उनके कुछ अनुयायियों ने धर्मान्धता का शिकार हो तथा नियंत्रण से बाहर होकर कई ज्यादतियां कर डाली, जिनके कारण उनका सरकार से संघर्ष हुआ। उनके कुछ कट्टर अनुयायियों ने अमृतसर, राजकोट व मलेरकोटला में गायों के वध पर उत्तेजित होकर अमृतसर में कसाइयों का वध कर डाला । जिसकी सजा के रूप में उन्हें तोप के मुंह से बांध कर उड़वा दिया गया। हालांकि विद्वानों में मतभेद है कि यह आंदोलन धार्मिक था या राजनीतिक। फिर भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अधिकारियों द्वारा कूकाओं के खिलाफ उठाये गये कदमों ने पंजाब में ब्रिटिश शासकों के खिलाफ घृणा पैदा कर दी। इस घृणा ने आगे चलकर बीसवीं शताब्दी के आरंभ में अकालियों के धार्मिक व राजनीतिक संघर्ष के लिए आधार तैयार किया।

संदर्भ ग्रंथ सूची
अमीर ए., 1978, दि स्पिरिट ऑफ इस्लाम इदराह-1 अदबियार, नई दिल्ली
अरॉन आर, 1967, मेन करेंट्स इन सोसिअलॉजिकल थाट्स वाल्यूम। मेनजिन: लंदन
बर्टान, ए.जी. 1990, दि रिलीजन ऑफ दि वर्ल्ड, ऑलिमपिया पब्लिकेशन।
बिसेंट, ए. 1966, सैवन ग्रेट रिलीजन्स, दि थियासोफिकल पब्लिसिंग हाउस: मद्रास
बाब्ब एल, 1991, सत्य साई बाबा मीराकल इन मदन टी. एन. (संपा), रिलीजन इन इंडिया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली
कैल्लट, सी, 1987, ‘‘जैनिज्म‘‘ दि इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन, मैकमिलन, पब्लिसिंग कम्पनी न्यूयार्क।
चोपड़ा, पी.एन., 1980 ‘‘हिन्दूइज्म एंड बुद्धजीम‘‘ इन पी.एन. चैपड़ा (संपा)। आवर कल्चरल फैबरिक बुद्धीज्म इन इंडिया एंड अब्राड, मिनीस्टरी आफ एजूकेशन एंड कल्चर, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, नई दिल्ली
कलेमैन, सी. (संपा) 1988, रिलीजन्स ऑफ दि वर्ल्ड मानस पब्लिकेशन, नई दिल्ली।
गोमेज, एल.ओ. 1987, ‘‘बुद्धीज्म इन इंडिया‘‘ दि इन्साइक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन, मैकमिलन पब्लिसिंग कम्पनी न्यूयार्क।
हिट्टेबिटल, 1987, “हिन्दूइज्म” इन्साइक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन, मैकमिलन पब्लिसिंग कम्पनी, न्यूयार्क।
हैकमन्न, एच. 1988, बिद्धीज्म इन क्लेमन, सी. (संपा) रिलीजन्स ऑफ दि वर्ल्ड, मानस पब्लिकेशन: नई दिल्ली।
कादर, ए.ए. 1989, दि कन्सेपशनल ऑफ गोड इन इस्लाम इस्लामिक सेंटर वासिंगटन
मैकवारिस जे., 1966, प्रिसिप्ल्स ऑफ क्रिश्चियन थियॉलापी, एस.सी.एम. प्रेस, लंदन
मदन, टी.एन., 1989, ‘‘रिलीजन्स इन इंडिया‘‘ डैइवलुस वाल्यूम 118 नं. 4,145
मदन, टी.एन. (सपा) रिलीजन्स इन इंडिया, ऑक्साफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली
मजूमदार, एम.टी., 1986, इंडियाज रिलीजियस हेरीटेंज, ए कल्चरल हिस्ट्री ऑफ इंडिया अलाइड पब्लिसरस प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली।
प्रेदडु, पी.ए. 1972, ‘बौद्धिज्म‘, इंटरनेशनल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ द सोशल साइंस, खंड 182, मैकमिलन एंड फ्री प्रेस: न्यूयार्क
प्रेदुय, पी.एच., 1979, हिन्दू सोशल आर्गेनाइजेशन। ए स्टडी ऑफ साइकॉलाकिल एंड आइडियॉलाजिकल फाउंडेसंस, पी.पी.एच., मुम्बई।
सिंगर, एम, 1968, माडर्नाइजेशन रिचुअल एंड बिलीफ्स आमांग इंडस्ट्रियल लीडर्स इन मद्रास। सिटी‘‘ इन ए.के. सिंह, (संपा) माडर्नाइजेशन इन इंडिया, एशिया पब्लिसिंग हाउसः मुम्बई।
सिंह एच., 1985, हेरीटेन ऑफ दि सिक्ख। मनोहर: नई दिल्ली
सिंह के. 1986, (रीप्रिंट) हिस्ट्री ऑफ दि सिक्ख (वाल्यूम 1 एंड 2)। डी.के. एजेंसी नई दिल्ली
श्री निवास एम.एन. एंड शाह, ए.एम. 1972, ‘‘हिन्दूइज्म‘‘ इंटरनेशनल इन्साइक्लोपीडिया ऑफ दि सोशल सांइसें वाल्यूम 5-6, मैकमिनल एंड फ्री प्रेस: न्यूयार्क
——, 1992, लिविंग इन ए रिवोल्यूसन एंड अदर एसेस, आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली
तकले जे. 1988, दि फेथ ऑफ इस्लाम 18 दीप एंड दीप: नई दिल्ली
दि न्यू इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका, 1985, बुद्धीम। इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका इनक शिकागो।
——,1985, जैनीज्म, इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका इन्क शिकागो। वेबर, एम. 1948, (1972 रीप्रिंट) प्रोटेस्टैंट एथिक्स एंड दि स्प्रिट ऑफ कैपीटलीज्म। ट्रांसलेटिड बाई टी पार्सनल, अल्लेन एंड अनविन, लंदन।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now