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मॉडुलन की संकल्पना क्या है , मॉडुलन के प्रकार , आवश्यकता , आयाम , आवृत्ति , कला मॉड्यूलेशन (modulation in hindi)

By   December 20, 2018
(modulation in hindi) मॉडुलन की संकल्पना क्या है , मॉडुलन के प्रकार , आवश्यकता , आयाम , आवृत्ति , कला मॉड्यूलेशन : किसी सिग्नल को अधिक दूरी तक भेजने के लिए इसे उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगों के साथ अध्यारोपित करके भेजा जाता है ताकि यह अधिक दूरी तक भेजी जा सके , इन रेडियो तरंगों को वाहक तरंगे कहा जाता है और वाहक तरंगों के साथ मूल सिग्नल को अध्यारोपण को मॉडुलन कहते है।
जब मूल सूचना सिग्नल को वाहक तरंगों के साथ अध्यारोपित किया जाता है तो ये वाहक तरंगे मूल सूचना सिग्नल के भाँती अपने आयाम , आवृत्ति और कला में परिवर्तन कर देता है।
अत: किसी उच्च आवृति वाली रेडियो तरंग के अभिलक्षण जैसे आयाम , कला , आवृत्ति के मान मूल सूचना सिग्नल तरंग के भाँती परिवर्तन होते है तो इस प्रक्रिया को मॉडुलन कहा जाता है।

 

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मॉडुलन की क्या आवश्यकता होती है ?

जब हम जोर से चिल्लाते है तो हम पाते है कि हमारी चीख की आवाज कुछ दूरी पर जाने के बाद नष्ट हो जाती है या जैसे जैसे दूरी बढती जाती है वैसे वैसे हमारी आवाज कम होती जाती है और एक निश्चित दूरी के बाद हमारी आवाज सुनाई नहीं देती है , लेकिन यदि हम हमारे द्वारा चिल्लाकर भेजे गए मेसेज को यदि उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगों के साथ संचरित करे तो हम पाएंगे की हमारा मेसेज अधिक दूरी तक पहुँच पाता है , और इस उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगों को जिसके साथ मैसेज तरंग अध्यारोपित की जाती है उसे वाहक तरंग कहते है और इस प्रक्रिया को मॉडुलन कहते है।
मॉडुलन के निम्न फायदे है या आवश्यकता है –
1. एन्टीना की लम्बाई कम होने पर भी सूचना अधिक दूरी तक भेजी जा सकती है अत: एंटीना की लम्बाई घट गयी है।
2. मूल सिग्नल के साथ शोर या अन्य सिग्नल आसानी से मिश्रित नहीं हो पाता है , अत: मूल सिग्नल सुरक्षित रह पाता है।
3. ग्राही सिरे पर सिग्नल अधिक तीव्रता के साथ प्राप्त होता है।
4. सिग्नल अधिक दूरी पर संचरित हो सकता है।
5. समान ऊंचाई वाले एंटीना

मॉडुलन के प्रकार

मॉडुलन में उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों में मूल सूचना तरंग एक अनुसार परिवर्तन होता है और यह परिवर्तन तीन प्रकार से हो सकता है इसलिए वाहक तरंगों के इन विशिष्ट गुण के कारण मॉडुलन को तीन भागो में बाँटा गया है –
1. आयाम मॉडुलन (amplitude modulation)
2 आवृत्ति मॉडुलन (frequency modulation)
3. कला मॉडुलन (phase modulation)
अब हम यहाँ मॉडुलन के इन तीनो प्रकार के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे –

1. आयाम मॉडुलन (amplitude modulation)(AM)

जब विद्युत वाहक तरंग का आयाम , मूल सिग्नल या मॉडुलक सिग्नल के अनुसार परिवर्तित होता है तो ऐसे मॉडुलन को आयाम मॉडुलन कहते है। इसमें वाहक तरंग की आवृत्ति और कला में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
आयाम मॉडुलन को निचे चित्र में दर्शाया गया है –

 

 

2 आवृत्ति मॉडुलन (frequency modulation)

जब वाहक तरंग की आवृत्ति मूल सिग्नल या मॉडुलक सिग्नल के अनुसार परिवर्तित होता है लेकिन वाहक तरंग का आयाम और कला अपरिवर्तित रहती है तो ऐसे मॉडुलन को आवृत्ति मॉडुलन कहते है।
आवृत्ति मॉडुलन को नीचे चित्र में दिखाया गया है –

 

3. कला मॉडुलन (phase modulation)

जब वाहक तरंग की कला , मूल तरंग या मूल सिग्नल या मॉडुलक सिग्नल के अनुसार परिवर्तित होती है लेकिन वाहक तरंग का आयाम और आवृत्ति में कोई परिवर्तन नहीं होता है तो इसे कला मॉडुलन कहा जाता है।
कला मॉडुलन को नीचे प्रदर्शित किया गया है –