JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

कोलाइडी विलयन बनाने की विधियाँ (methods of preparation of colloidal solution in hindi)

(methods of preparation of colloidal solution in hindi) कोलाइडी विलयन बनाने की विधियाँ : जैसा कि हमने पढ़ा कि द्रव स्नेही विलयन को सीधे परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम को मिलाने से तैयार किया जा सकता है लेकिन द्रव विरागी विलयन बनाने के लिए विशेष प्रकार की विधियों का उपयोग किया जाता है अर्थात द्रव विरागी विलयन को सीधे परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम को मिलाने से तैयार नहीं किया जा सकता है , हम यहाँ द्रव विरागी या द्रव विरोधी कोलाइड विलयन बनाने के लिए कुछ विधियों का अध्ययन करेंगे।
द्रव विरागी कोलाइडी विलयन बनाने की दो विधियाँ काम में ली जाती है –
1. परिक्षेपण विधियाँ
2. संघनन विधियाँ

1. परिक्षेपण विधियाँ

कोलाइड विलयन बनाने की यह विधि तब काम में ली जाती है जब परिक्षिप्त प्रावस्था के कणों का आकार बड़ा होता है , इस विधि में बड़े कणों को तोड़कर अर्थात विभाजित करके छोटे कोलाइडी कणों के बदला जाता है अर्थात बड़े कणों को कोलाइड कणों का आकार दिया जाता है।
परिक्षेपण विधियों में तीन विधियाँ सबसे काम में आने वाली है जो निम्न है –
i. यांत्रिक परिक्षेपण विधि
ii. ब्रेडिंग आर्क अथवा विद्युत परिक्षेपण विधि
ii. पेप्टिकरण या पेप्टेन विधि
अब हम इन तीनो विधियों को अध्ययन करते है।
i. यांत्रिक परिक्षेपण विधि : जिस पदार्थ का कोलाइड विलयन तैयार करना है उसके बड़े कणों को छोटे टुकडो में तोड़कर , उन्हें एक मशीन में पिसा जाता है जिससे ये बड़े कण कोलाइड कणों में बदल जाते है , इन कणों को जिस मशीन में पिसा जाता है उसे कोलाइड मील या कोलॉइड चक्की कहते है।
इसमें धातु के बने दो पात होते है जिनके मध्य में पदार्थ के कणों को चूर्णित अवस्था में डाला जाता है और इन पाटो की तीव्र गति के कारण ये कण पीसकर कोलाइड कणों में बदल जाते है।
यहाँ कोलाइड मशीन और इसके पाटों का चित्र दिखाया गया है –

 

अब इन कोलाइड कणों को विलायक या परिक्षेपण माध्यम में डालकर कोलाइड विलयन बना लिया जाता है।
उदाहरण : टूथपेस्ट , पेंट आदि बनाने के लिए यान्त्रिक परिक्षेपण विधि ही काम में ली जाती है।
ii. ब्रेडिंग आर्क अथवा विद्युत परिक्षेपण विधि : इस विधि द्वारा धातुओं का कोलाइड विलयन तैयार किया जाता है जैसे Au , Pt आदि धातुओं का यदि कोलाइड विलयन तैयार करना हो तो इसके लिए यह विधि काम आती है।
इस विधि में धातु की दो छड को NaOH अथवा KOH के विलयन में डुबोया जाता है और इन दोनों छड़ो के मध्य विद्युत आर्क उत्पन्न किया जाता है , याद रखिये यहाँ धातु की छड उसी धातु की बनी होती है जिस धातु का कोलाइड विलयन तैयार करना है।
दोनों छड़ो के मध्य विद्युत आर्क उत्पन्न करने से ये छड कुछ वाष्प अवस्था में बदलने लगते है , जो कण वाष्प अवस्था में बदलते है उन्हें पानी के संपर्क में लाकर संघनित कर लिया जाता है इस प्रकार अब जो पानी में धातु के कण प्राप्त होते है वे कोलाइड आकार के कण है जिनको परिक्षेपण माध्यम में मिलाकर उस धातु का कोलाइड विलयन तैयार कर लिया जाता है। बना हुआ यह कोलाइड विलयन अस्थायी होता है इसके स्थायित्व को बढ़ाने के लिए NaOH और KOH काम में आते है।
ii. पेप्टिकरण या पेप्टेन विधि : किसी पदार्थ के ताजे बने हुए अवक्षेप को उपयुक्त विद्युत अपघट्य की सहायता से कोलाइड विलयन में परिवर्तित करने को पेप्टीकरण कहते है।
पेप्टीकरण की विधि में जिस पदार्थ को विद्युत अपघट्य के रूप में काम में लिया जाता है उस पदार्थ को पेप्टीकारक कहते है , पेप्टीकारक का उपयोग अवक्षेप को कोलाइडी विलयन में बदला जाता है।

2. संघनन विधियाँ

जब कणों का आकार 1 नैनोमीटर से कम होता है तो संघनन विधि द्वारा इनको संघनित करके अर्थात झुण्ड बनाकर इनको कोलाइड आकार दिया जाता है अर्थात इन कणों के आकार को 1 नैनोमीटर से 1000 नैनोमीटर की रेंज में लाया जाता है ताकि उस पदार्थ के कणों का कोलाइड विलयन बनाया जा सके।
संघनन विधियों में मुख्य रूप से रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा कोलाइड विलयन तैयार किया जाता है , यहाँ हम कुछ संघनन विधियों का अध्ययन करते है , जो निम्न प्रकार है –
i. विलायक के विनियम से
ii. भौतिक अवस्था परिवर्तित करके
iii. ऑक्सीकरण
iv. अपचयन
v. द्विक अपघटन द्वारा
अब हम इन सबको विस्तार से अध्ययन करते है।
i. विलायक के विनियम से : जब कोई एक पदार्थ किसी एक विलायक में विलेय हो सके और यही पदार्थ किसी अन्य विलायक में विलेय न हो सके अर्थात अघुलनशील हो तो इन दोनों विलायकों को मिलाकर मिश्रण विलायक बनाया जाता है और जब पदार्थ को इस मिश्रण विलायक में डाला जाता है तो जो विलयन प्राप्त होता है कोलाइड विलयन प्राप्त होता है।
जैसे : सल्फर पदार्थ अल्कोहल में विलेय हो जाता है लेकिन सल्फर पानी में नही घुलता या अविलेय होता है लेकिन यदि पानी और अल्कोहल को घोलकर या मिश्रित करके अब इसमें कुछ मात्रा सल्फर की डाली जाए या सल्फर अल्कोहल विलयन की कुछ बुँदे पानी में डाली जाए तो कोलाइड विलयन प्राप्त होता है।
ii. भौतिक अवस्था परिवर्तित करके : कुछ कोलाइड विलयन जैसे मर्करी तथा सल्फर पदार्थों का कोलाइड विलयन बनाने के लिए इनकी वाष्प को ठंडे पानी से गुजारा जाता है जिसमें स्टेबलाइजर (अमोनियम नमक या साइट्रेट) लगा होता है।
iii. ऑक्सीकरण : H2S के जलीय विलयन और ब्रोमीन जल या नाइट्रिक एसिड या SO2 के साथ ऑक्सीकरण द्वारा सल्फर का कोलाइड विलयन प्राप्त होता है , चूँकि इस अभिक्रिया में ऑक्सीकरण हो रहा है इसलिए ऐसी विधि को जिसमें ऑक्सीकरण द्वारा किसी पदार्थ का कोलाइड विलयन तैयार किया जाता है उसे ऑक्सीकरण विधि कहते है।
इस विधि में सल्फर का कोलाइड विलयन निम्न अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होता है –
iv. अपचयन : इस विधि द्वारा भारी धातुओं जैसे Ag , Cu , pt आदि के कोलाइड विलयन तैयार करने के लिए होता है , इस प्रकार की भारी धातुओं के लवणों के जलीय विलयन का अपचयन अपचायको जैसे HCHO , टैनिक अम्ल , स्टैनस क्लोराइड आदि के द्वारा कराया जाता है , चूँकि इस विधि में पदार्थ का कोलाइड विलयन अपचयन अभिक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है इसलिए इसे अपचयन विधि कहते है।
उदाहरण :
v. द्विक अपघटन द्वारा : अकार्बनिक अघुलनशील लवणों के कोलाइड विलयन जैसे आर्सेनिक सल्फाइड, सिल्वर हलाइड्स आदि को द्वि अपघटन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है।
उदाहरण :
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now