हिंदी माध्यम नोट्स
उल्का पिंड किसे कहते हैं , उल्कापिण्ड की परिभाषा क्या होती है meteors in hindi meaning definition
what is meteors in hindi meaning definition उल्का पिंड किसे कहते हैं , उल्कापिण्ड की परिभाषा क्या होती है ?
उल्कापिण्ड (Meteors)
यह अंतरिक्ष में तीव्र गति से घूमता हुआ अत्यंत सूक्ष्म ब्रह्मांडीय कण होता है। धूल व गैस निर्मित ये पिंड जब वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो घर्षण के कारण ये चमकने लगते हैं। इन्हें ‘टूटता हुआ तारा‘ (Shooting Star) कहा जाता है। प्रायः ये पृथ्वी पर पहुंचने से पूर्व ही जलकर राख हो जाते हैं, जिसे उल्काश्म कहते हैं। परन्तु कुछ पिण्ड वायुमंडल के घर्षण से पूर्णतः जल नहीं पाते हैं और चट्टानों के रूप में पृथ्वी पर आ गिरते हैं, जिन्हें उल्कापिंड कहा जाता है।
परिचय
ज्योग्राफी (भूगोल) दो लैटिन शब्दों जियो और ग्राफी से बना है। इसमें जियो (geo) का अर्थ ‘पृथ्वी‘ और ग्राफी (graphy) का अर्थ ‘वर्णन करना‘ है।
भूगोल का अर्थ विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पृथ्वी के बारे में अध्ययन किया जाता है। ग्रीक विद्वान हेकिटयस को भूगोल का पिता माना जाता है। एक अन्य ग्रीक विद्वान इरैटोस्थनीज ने सर्वप्रथम ‘ज्योग्रैफी‘ शब्द का प्रयोग किया। आधुनिक भूगोल के जनक अलेक्जेंडर वॉन हमवोल्ड और कार्ल रिटर माने जाते हैं।
भूगोल में प्रयुक्त तकनीकें
1. कार्टोग्राफी: यह मानचित्र व आरेख खींचने का विज्ञान और कला है।
2. गणितीय भूगोल: यह मानचित्र तैयार करने और सांख्यिकीय आंकड़ों की व्याख्या और विश्लेषण से जुड़ा हुआ है।
3. दूर संवेदन और भौगोलिक सूचना व्यवस्था (ळज्ै)रू भौगोलिक समस्याओं के अध्ययन के लिए यह शाखा सबसे महत्त्वपूर्ण और प्रभावी तकनीक के रूप में उभरी है।
ब्रह्मांड
ऽ ब्रह्मांड में असंख्य तारे, ग्रह, उल्का पिंड, पुच्छल तारे, ठोस एवं गैसीय कण विद्यमान हैं जिन्हें ‘खगोलीय पिण्ड‘ कहते हैं।
ऽ ये सभी पिण्ड ब्रह्माण्ड में एक निश्चित कक्षा में गति करते हैं। इनके बीच की दूरी को मापने के लिए हम प्रकाश वर्ष (स्पहीज लमंत) का प्रयोग एक मात्रक के रूप में करते हैं।
ऽ एक प्रकाश वर्ष से तात्पर्य वर्ष भर में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी से है। यह दूरी 9.46 × 1015 मी अथवा 9500 बिलियन किमी के बराबर होती है।
ऽ प्रकाश वर्ष दूरी का मात्रक है। 1 पारसेक = 3.26 प्रकाश वर्ष
खगोलीय पिण्ड
निहारिका (Nebula)
हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल का संचयन निहारिका कहलाता है। इसी से आकाशगंगा का निर्माण हुआ है। निहारिका आकाशगंगा के शैशवावस्था को दर्शाती है जबकि आकाशगंगा इसकी विकसित अवस्था है।
आकाश गंगा (Galaxy)
ब्रह्मांड में 100 अरब से अधिक आकाश गंगाएं हैं। हमारा सौर परिवार आकाश गंगा का ही एक भाग है, जिसका नाम ‘मिल्की वे‘ है। इसमें 300 बिलियन तारे हैं जिनमें से एक सूर्य है। मर्केनियन-348, सबसे विशाल ज्ञात आकाश गंगा है जो मिल्की वे से 13 गुना बड़ी है। एंड्रोमेडा आकाश गंगा सबसे निकट की आकाश गंगा है जो हमारी आकाशगंगा से 2.2 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
तारामंडल (Constellation)
तारों के समूह, जो विभिन्न आकृतियों में व्यवस्थित होते हैं, तारामंडल कहलाते हैं, जैसे हरकुलीज, हाइड्रा, सिगनस आदि । आकाश में कुल 89 तारामण्डल हैं। इनमें सबसे बड़ा तारामंडल सेन्टॉरस है जिसमें 94 तारे हैं। हाइड्रा में 68 तारे हैं।
तारा (Star) कुछ खगोलीय पिण्डों का अपना प्रकाश एवं ऊष्मा होती है। इन्हें तारा कहा जाता है। ये वस्तुतः हाइड्रोजन व हीलियम गैसों के बहुत बड़े गर्म पिंड होते हैं । ये टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं तथा ऊष्मा एवं ऊर्जा प्रदान करते हैं। सूर्य भी एक तारा है।
ऽ साइरस सबसे चमकीला तारा है। यह ‘डॉग स्टार‘ भी कहलाता है। प्रोक्सिमा सेन्चॉरी (Proxima Centauri) पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है।
ऽ तारों का जन्म होता है, उनमें वद्धि होती है और अन्ततः उनका क्षय हो जाता है। तारे का विनाश सुपरनोवा विस्फोट से होता है तथा बचे हुए न्यूट्रॉन तारे ‘ब्लैक होल‘ अथवा कृष्ण छिद्र कहलाते हैं।
ग्रह (Planet)
कुछ खगोलीय पिण्ड ऐसे होते हैं जिनका न तो अपना प्रकाश होता है और न ही ऊष्मा होती है। वे सिर्फ सूर्य जैसे तारों से प्रकाश प्राप्तकर उसे परावर्तित करते हैं। ये ग्रह कहलाते हैं। हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से प्रकाश एवं ऊष्मा प्राप्त करती है।
उपग्रह (Satellite)
जो आकाशीय पिण्ड किसी ग्रह के चारों और परिक्रमा करते है, उपग्रह कहलाते हैं। ग्रहों के लिए सूर्य तथा उपग्रहों के लिए ग्रह गुरूत्व केन्द्र का कार्य करते हैं।
ऽ चन्द्रमा उपग्रह का एक उदाहरण है जो पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है तथा साथ ही सूर्य का भी चक्कर लगाता है।
धूमकेतु/पुच्छल तारा (Comet)
ये सूर्य के चारों ओर ये लंबी किन्तु अनियमित या असमकेन्द्रित कक्षा में घूमते हैं । कई सालों के बाद जब ये घूमते हुए सूर्य के समीप पहुंचते हैं तो गर्म होकर इनसे गैसों की फुहार निकलती है जो एक लंबी-चमकीली पूंछ के समान प्रतीत होती है। सामान्य अवस्था में यह बिना पूंछ का होता है। हेली एक पुच्छलतारा है जो 76 वर्षों के अंतराल के बाद दिखाई पड़ता है। इसे 1986 में अंतिम बार देखा गया था ।
क्षुद्र ग्रह (Steroids)
छोटे आकार से लेकर सैकड़ों किमी आकार के पिण्ड जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच सूर्य की परिक्रमा करते हैं, क्षुद्र ग्रह या आवान्तर ग्रह कहलाते हैं। सीरस (Ceres) सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह है।
हमारा सौरमंडल
हमारे सौर मंडल में सूर्य एवं आठ ग्रह हैं। इसके अलावा कुछ अन्य पिण्ड भी इसके सदस्य हैं। जैसे-उपग्रह, घूमकेतु, उल्काएं तथा क्षुद्रग्रह । हमारे सौर परिवार में अभी तक 163 उपग्रहों की खोज की जा चुकी है। ये सभी मिल्की वे आकाश गंगा में अवस्थित हैं। पूरा सौर परिवार 25 करोड़ वर्ष में आकाश गंगा के केन्द्र के चारों और चक्कर लगाता है। यह समय अन्तराल कॉस्मिक वर्ष कहलाता है।
सूर्य
ऽ सूर्य सौर मंडल के केन्द्र में अवस्थित है। सभी ग्रह इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं । सूर्य का व्यास पृथ्वी से 109 गुना, आयतन 13 लाख गुना तथा भार 303 लाख गुना अधिक है और इसका वजन 2 × 1027 टन है।
ऽ सूर्य का घनत्त्व पृथ्वी का एक चैथाई है।
ऽ इसके संघटन में 71% हाइड्रोजन एवं 26.5% हीलियम पाया जाता है।
ऽ सूर्य पृथ्वी से लगभग 150 मिलियन किमी दूर है।
ऽ प्रकाश की चाल 3 लाख किमी प्रति सेकेंड है। इस गति से सूर्य की किरणें पृथ्वी तक आने में लगभग 8 मिनट 16.6 सेकंड का समय लेती हैं।
ऽ सूर्य को ऊर्जा की प्राप्ति नाभिकीय संलयन प्रक्रिया द्वारा होती है। इसमें हाइड्रोजन के छोटे-छोटे नाभिक मिलकर हीलियम अणु का निर्माण करते हैं।
ऽ सूर्य के कोर का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेंटिग्रेड होता है।
सूर्य की विभिन्न सतहें तथा तापमान
सूर्य की सतहों से लगातार ऊष्मा एवं ऊर्जा निकलती रहती है। पृथ्वी की सतह पर जीवन का आधार यही ऊर्जा है। सूर्य की सतह पर 6000° से. तापमान पाया जाता है जबकि इसके केन्द्र में 15 मिलियन डिग्री से. तापमान पाया जाता है।
ऽ प्रकाश मंडल (Photoshere)ः सूर्य के निचले धरातल को प्रकाश मंडल कहते हैं । सूर्य का यह भाग हमें आंखों से दिखाई देता है। उस पर स्थित गहरे धब्बों को सूर्यकलंक (Sunspot) कहते हैं।
ऽ वर्ण मंडल (Chromosphese)ः यह प्रकाश मंडल के ऊपर एक संकीर्ण परत के रूप में है जहां उंचाई में वृद्धि के साथ तापमान में वृद्धि होती है। सामान्यतया, इसे नग्न आंखों से देखा नहीं जा सकता है क्योंकि प्रकाश मंडल में प्रकाश द्वारा ये अभिभूत (Overpower) हो जाते हैं। कभी-कभी इस मंडल में तीव्र गहनता का प्रकाश उत्पन्न होता है, जिसे ‘सौर ज्वाला‘ कहते हैं। इस परत पर पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश तत्व गैसीय अवस्था में उपस्थित हैं।
ऽ कोरोना (Corona)ः यह सूर्य का बाहरी भाग है जो सूर्यग्रहण के समय दिखाई देता है। इससे एक्स किरणें (X-तंले) निकलती हैं तथा इसका तापमान 15 लाख डिग्री से. होता है।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…