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विलय और अधिग्रहण के बीच का अंतर क्या है | विलय और अधिग्रहण किसे कहते है merger and acquisitions examples in hindi
merger and acquisitions examples in hindi definition mergers meaning विलय और अधिग्रहण के बीच का अंतर क्या है | विलय और अधिग्रहण किसे कहते है ?
परिभाषा : विलय और अधिग्रहण ः इससे उस स्थिति का पता चलता है जिसमें स्वतंत्र स्वामित्व वाले फर्म एक ही स्वामित्व के अन्तर्गत एकजुट होती हैं।
भारत में संयुक्त उद्यम, विलय और अधिग्रहण
भारतीय उद्योगों में संयुक्त उद्यमों, विशेषकर विदेशी फर्मों के साथ, की बड़ी संख्या रही है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, बहुधा संयुक्त उद्यम विदेशी फर्म के लिए प्रवेश का सबसे पसंदीदा माध्यम रहा है। तथापि, भारत में यह सरकारी विनियमों द्वारा निर्देशित हुआ है कि लाभप्रदता की अपेक्षा सरकारी अनुबंध ने भारतीय फर्मों के साथ संयुक्त उद्यम में विदेशी फर्मों के प्रवेश को निर्देशित किया है, यह कुछ हद तक इस बात से स्पष्ट है कि उद्यमों की स्थापना के कुछ वर्षों बाद वे टूट जाते हैं।
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग कुछ सफल संयुक्त उद्यमों का साक्षी रहा है। उदाहरण के लिए, भारत सरकार और सुजुकी कारपोरेशन, जापान के बीच मारुति उद्योग लिमिटेड, टाटा समूह और जर्मनी की डैमलर बेंज के बीच मर्सिडीज-बेंज इंडिया, डी सी एम और देव के बीच संयुक्त उद्यम, सिंघानिया के एल एम एल इंडिया और पियाजियो, इटली के बीच एल एम एल-पियाजियो । उपस्नेहक (lubricant) उद्योग भी एक अन्य क्षेत्र है जिसमें संयुक्त उद्यमों का वर्चस्व है हालाँकि इस क्षेत्र में तत्काल काफी लाभ की संभावना नहीं है। इंडियन आयल और मोबिल, एच पी सी एल और रॉयल डच शेल कुछ उल्लेखनीय संयुक्त उद्यम हैं। एक अन्य क्षेत्र जिसमें संयुक्त उद्यम स्थापित किया जा रहा है वह है इलैक्ट्रॉनिक्स । व्हर्लपुल इंडिया और जे.आर. देसाई एवं एसोसिएट्स के बीच 787 करोड़ रु. के संयुक्त उद्यम में, यू एस आधारित व्हर्लपुल कारपोरेशन का 1990 के दशक के मध्य में 56 प्रतिशत हिस्सा था। मोदी और जेरॉक्स कारपोरेशन के बीच मोदी-जेरॉक्स एक अन्य प्रसिद्ध संयुक्त उद्यम है।
1990 के दशक में नई नीति व्यवस्था ने पूँजी निर्गमन नियंत्रण अधिनियम, एम आर टी पी और कंपनी अधिनियम के अंतर्गत प्रतिबन्धों को हटा कर विलय और अधिग्रहण के माध्यम से औद्योगिक पुनःसंरचना की संभावना को अत्यधिक उदारीकृत किया है। परिणामस्वरूप भारतीय उद्योगों ने अपने कार्य संचालनों को और अधिक दृढ़ करने के लिए विलयों और अधिग्रहणों का अधिक से अधिक उपयोग किया। नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (DFI) नीति और फेरा विनियमों के उन्मूलन ने भी बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा अधिग्रहण को सुगम बनाया। नई विदेशी फर्मों द्वारा विलयों और अधिग्रहणों के अलावा विदेशी साझीदारों द्वारा पूर्व संयुक्त उद्यमों को अपने अधिकार में भी लिया गया है। उदाहरणस्वरूप, कम्प्यूटर सिस्टम्स और पेरीफेरल्स में टाटा और आई बी एम के बीच संयुक्त उद्यम को 1999 में आई बी एम ने अपने अधिकार में ले लिया था। विदेशी साझीदारों द्वारा संयुक्त उद्यमों को अधिकार में लेने के कुछ अन्य उल्लेखनीय उदाहरण में जनवरी, 2000 में विज्ञापन क्षेत्र की बेट्स वल्र्डवाइड ने बेट्स क्लैरिऑन को खरीद लिया और अप्रैल, 1996 में प्रकाशन उद्योग में मैकग्रॉ हिल ने टाटा मैक ग्रॉ हिल को खरीद लिया था।
नीचे दी गई तालिका 17.2 से पता चलता है कि 1997-99 के दौरान भारत में लगभग 40 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश विलय और अधिग्रहण के रूप में हुआ है। यह 1990 तक अनुषंगियों के रूप में होने वाले लगभग सभी प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों के बिल्कुल प्रतिकूल है।
तालिका 17.2: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी में विलयों और अधिग्रहणों का हिस्सा
वर्ष प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अन्तर्वाह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में विलय
(मिलियन डॉलर) अधिग्रहण का हिस्सा
1997 3200 40.6
1998 2900 34.5
1999 1400 35.7
योग 7100 39.4
नोट: ’ जनवरी-मार्च
स्रोत: इकनॉमिक टाइम्स, जून 1999 दूसरी ओर, नीचे तालिका 17.3 में 1990 के दशक में विलय और अधिग्रहण में वृद्धि दर्शाया गया है।
तालिका 17.3: भारत में विलय और अधिग्रहण
विलय अधिग्रहण योग
1993-94 4 9 13
1994-95 7 7
1995-96 12 12
1996-97 2 46 48
1997-98 4 61 65
1998-99 9 60 69
1999-00 198 1297 1495
2000-01 -287 1188 1475
स्रोत: कुमार 2000 सी एम आई ई, विभिन्न अंक
यद्यपि कि अधिकांश विलय और अधिग्रहण विनिर्माण के क्षेत्र में हुआ है, हाल के वर्षों में सेवाएँ जैसे बैंकिंग और वित्त, एकाउंटिंग और मैनेजमेंट कन्सल्टिंग, यात्रा संबंधी सुविधाएँ और विज्ञापन अधिक महत्त्वपूर्ण हो गए हैं। इन क्षेत्रों में, विदेशी कंपनियाँ मुख्यतः अधिग्रहण के माध्यम से व्यवसाय में घुसने का प्रयास कर रही हैं। विनिर्माण क्षेत्र में, विदेशी कंपनियों द्वारा विलय और अधिग्रहण खाद्य और बीवरेज, घरेलू उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स में अत्यधिक केन्द्रीकृत हैं। इसका सबसे ज्वलन्त उदाहरण कोका कोला है जिसने देश में 1993 में पुनः प्रवेश करके पारले का अधिग्रहण किया था जिसका राष्ट्रव्यापी बॉटलिंग और विपणन संजाल (नेटवर्क) था।
बोध प्रश्न 3
1) बताइए, निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत ।
क) हर्फिण्डाल सूचकांक उद्योग में फर्मों की संख्या की माप करता है। ( )
ख) भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र अत्यधिक केन्द्रीकृत है। ( )
2) भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्थापित होने वाले महत्त्वपूर्ण संयुक्त उद्यम कौन-से हैं?
3) सही उत्तर पर ( ) निशान लगाइए:
क) 1997-99 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में विलय और अधिग्रहण का हिस्सा था,
प) लगभग 40 प्रतिशत
पप) 20 प्रतिशत
पपप) 30 प्रतिशत
पअ) 50 प्रतिशत से अधिक
ख) अधिकांश विलय और अधिग्रहण इनमें हुआ,
प) बैंकिग और वित्त
पप) विनिर्माण क्षेत्र
पपप) एकाउंटिंग और मैनेजमेंट कन्सल्टेन्सी
पअ) ऑटोमोबाइल सेक्टर
बोध प्रश्न 3 उत्तर
1) (क) गलत (ख) सही
2) उपभाग 17.3.3 पढ़िए।
3) (क) (प) (ख) (पप)
शब्दावली
बड़े पैमाने की मितव्ययिता ः एक स्थिति जिसमें जब संयंत्र का आकार और निर्गत बढ़ाया जाता है तो उत्पादन की औसत लागत में कमी आती है।
फेरा ः विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) भारतीय रिजर्व बैंक को भारत में विदेशी कंपनियों और विदेशी नागरिकों के कार्यकलापों को विनियमित करने का अधिकार प्रदान करताहै।
छ-फर्म केन्द्रीकरण अनुपात ः मान लीजिए एक उद्योग में ड फर्म हैं। इन कंपनियों का उनके बाजार हिस्सा के ह्रासमान मूल्य के अनुरूप सूचकांक बनाने के पश्चात्,
S1 > S2 > S3 —– > SN > SN ़1 > ———– > SM
जब हम इस क्रम में पहली छ फर्मों के बाजार हिस्सों का जोड़ लेते हैं, तो हमें छ-फर्म का केन्द्रीकरण अनुपात प्राप्त हो जाता है।
मूल्य भेद ः खरीदी गई अलग-अलग इकाइयों के लिए अलग-अलग मूल्य लेना अथवा खरीदी गई सामान इकाइयों के लिए अलग-अलग उपभोक्ताओं से अलग-अलग मूल्य लेना।
रणनीतिक समझौता ः मोटे रूप से इसकी परिभाषा दो या अधिक फर्मों के बीच संबंध के रूप में की जा सकती है।
अधि-सामान्य लाभ ः सभी लेखा लागतों (जैसे श्रमिकों का भुगतान, कच्चे माल की लागत, किराया इत्यादि) और निहित लागतों (जैसे उद्यमिता के अवसर लागत, अपनी पूँजी इत्यादि) से अधिक राजस्व ।
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