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यांत्रिक ऊर्जा की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , प्रकार (mechanical energy in hindi)
(mechanical energy in hindi) यांत्रिक ऊर्जा की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , प्रकार : हमने यह शब्द भौतिक विज्ञान में बहुत सुना है और उपयोग भी किया होगा लेकिन यह हमेशा गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा के रूप में भ्रमित करता है हम यहाँ इसको सरल शब्दों में विस्तार से अध्ययन करेंगे और इसकी परिभाषा , उदाहरण , प्रकार आदि सभी को पढ़ेंगे।
सबसे पहले हम इसे समझने के लिए पढ़ते है कि कार्य क्या होता है ?
कार्य (work) : जब किसी वस्तु पर बल आरोपित किया जाता है तो वस्तु में विस्थापन उत्पन्न हो जाता है या विकृति उत्पन्न हो जाती है या अन्य कोई परिवर्तन हो जाता है , बल द्वारा वस्तु पर इस परिवर्तन को किया गया कार्य कहते है।
उदाहरण : जब हम किसी दरवाजे पर बल लगाते है तो यह खुल जाता है , लेकिन क्या आप बता सकते है कि हमने दरवाजे पर कौनसा बल आरोपित किया है ? यहाँ हमें यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
सबसे पहले हम इसे समझने के लिए पढ़ते है कि कार्य क्या होता है ?
कार्य (work) : जब किसी वस्तु पर बल आरोपित किया जाता है तो वस्तु में विस्थापन उत्पन्न हो जाता है या विकृति उत्पन्न हो जाती है या अन्य कोई परिवर्तन हो जाता है , बल द्वारा वस्तु पर इस परिवर्तन को किया गया कार्य कहते है।
उदाहरण : जब हम किसी दरवाजे पर बल लगाते है तो यह खुल जाता है , लेकिन क्या आप बता सकते है कि हमने दरवाजे पर कौनसा बल आरोपित किया है ? यहाँ हमें यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy)
कार्य करने के लिए किसी वस्तु में विद्यमान गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा कहते है। अगर यान्त्रिक ऊर्जा को सरल शब्दों में कहे तो किसी वस्तु में विद्यमान इसकी गति और स्थिति के कारण ऊर्जा को वस्तु की यांत्रिक ऊर्जा कहते है।
यांत्रिक ऊर्जा (Total Mechanical energy) = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा
यांत्रिक ऊर्जा का उदाहरण (examples of Mechanical energy)
जब हम गेट को धकेलते है तो यह खुल जाता है , यहाँ मैंने अपने अन्दर निहित स्थितिज ऊर्जा को काम में लिया और अपने अन्दर निहित इस ऊर्जा के कारण अपने हाथ को उठाया और गेट को धक्का दिया , मैंने गेट को धक्का देने के लिए भी अपने हाथ से गतिज ऊर्जा का प्रयोग किया।
मेरे द्वारा गेट को स्थितिज ऊर्जा व गतिज ऊर्जा दोनों स्थानान्तरित की गयी जिसके कारण यह गेट खुल जाता है अर्थात मेरे द्वारा गेट को स्थानान्तरित की गयी गतिज व स्थितिज ऊर्जा यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है अत: हम कहते है कि यांत्रिक ऊर्जा , गतिज उर्जा व स्थितिज ऊर्जा का योग होता है। और इस यांत्रिक ऊर्जा के कारण गेट खुल जाता है।
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