JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistrychemistry

रसायन विज्ञान की एक अच्छी पाठ्यपुस्तक की प्रमुख विशेषता क्या है main characteristics of a good chemistry text book in hindi

main characteristics of a good chemistry text book in hindi रसायन विज्ञान की एक अच्छी पाठ्यपुस्तक की प्रमुख विशेषता क्या है ?

 रसायन विज्ञान की एक अच्छी पाठ्यपुस्तक की प्रमुख विशेषता क्या है?
What are the main characteristics of a good chemistry text book?
उत्तर-शिक्षण के कार्य में पाठ्य-पुस्तकें सहायक रही है तथा अध्यापक का मार्ग-प्रदर्शन करती आ रही है।
एक विद्वान के शब्दों में-“पाठ्य पुस्तक ज्ञान को मितव्ययी ढंग से प्रदान करने के लिये आवश्यक है। यह मनुष्यों तथा अध्यापकों का समय बचाती है, एक ही समय में लाखों मनुष्यों के हृदय को प्रभावित करती है। इनके द्वारा स्वाध्याय तथा आत्मविश्वास की बुद्धि की जा सकती है।‘‘
डाक्टर थिग्र के मतानुसार “A text book is a teacher of teachers.”
डगलस के शब्दों में “The teacher and the teÛt&book make the school”
मैक्सवैल के मतानुसार, “It is at least the medium through which the teacher presents a subject to the class.”
उपयुक्त विवरण से स्पष्ट हो जाता है कि उत्तम पाठ्य-पुस्तक आधारभूत ज्ञान की प्राप्ति का साधन है। वैज्ञानिक चिन्तन के लिये पाठ्य-पुस्तक एक मार्गदर्शिका का काम करती है।
एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की निम्न विशेषताएँ हैं-
1. अध्यायीकरण व अनुच्छेदीकरण (Chapterisation and Paragraphing)- एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की यह विशेषता होती है कि उसमें प्रत्येक प्रकरण अलग-अलग अध्यायों में बंटे होते हैं और उनके भी विभाजन अनुच्छेदों में किये जाते हैं। इससे प्रकरण को सरल रूप से आसानी से समझा जा सकता है।
2. तार्किक संगठन (Logical Organisation)- पाठ्य-पुस्तक में विषय सामग्री संगठन करते वक्त उसका तार्किक पहलू भी सामने रखा जाना चाहिये कि यह छात्रों की तर्क शक्ति को कितना बढ़ा सकेगा। इस प्रकार से पाठ्य पुस्तक द्वारा छात्रों की तर्क शक्ति का विकास अच्छा हो सकेगा।
3. अभिगम सिद्धान्तों से अनुरूपता (Conformity to the Principles of Learning)- पाठ्य पुस्तक का संगठन करते वक्त मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों की शान रखना आवश्यक है। यदि मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों को ध्यान में नहीं रखा जा एक अच्छी पुस्तक की श्रेणी में नहीं आ पाती है।
4. भाषा की उपयुक्तता व शद्धता (Suitability and Accurarey of Language)- किसी भी रसायन शास्त्र की पाठ्य पुस्तक तभी अच्छी मानी जबकि उसके अन्दर लिखी भाषा सरल व बोधगम्य हो तथा ऐसा हो जो कि अधिकांशों की समझ में आ सके। साथ ही उसकी शैली स्पष्ट हो और शुद्ध हो । यदि शैली में अशुद्धियां अधिकतम होगी तो वह छात्र का विकास उचित ढंग से नहीं कर पायेगी। अतः पाठ्य पुस्तक की भाषा शैली उपयुक्त व शुद्ध होनी चाहिये।
5. शिक्षण निर्देशन (Teaching Guidance)- पाठ्य पुस्तक के अन्दर शिक्षण निर्देशन भी उचित ढंग से दिये जाने चाहिये ताकि शिक्षक कक्षा में उस पाठय पस्तक को ठीक ढंग से पढ़ा कर छात्रों का विकास कर सके।
6. दृष्टांत सामग्री (Illustrations)- पाठ्य पुस्तक का निमार्ण करते वक्त उसमें दृष्टांत सामग्री का भी उचित ढंग से समायोजन करना चाहिये क्योंकि छात्र दृष्टांत को ध्यान में रखकर ही प्रकरण को समझने का प्रयत्न करता है।
7. पुस्तक की भौतिक विशेषताएयें (Physical Features of the Book)- इसके अन्तर्गत पुस्तक का आकर्षण बाह्य आवरण, उपयोगिता, स्थायित्व, पठनीयता व मूल्य श्रेणी उल्लेखनीय है। आज अच्छी पुस्तक उस श्रणी में आता है जिसका बाह्य आवरण ऐसा हो जो को भी आकर्षित कर ले । उसका मुख्य पृष्ठ, उसके अन्दर क्या है, कि संक्षिप्त जानकारी प्रदान करे। उसकी कितनी उपयोगिता है यह भी पुस्तक को अच्छी श्रेणी में लाने के लिए एक कारक है। उसके पाठक कितने हैं, वह कितनी लोकप्रिय है तथा उसका मूल्य कितना है यह सभी पक्ष पुस्तक की विशेषताओं में आते हैं।

 रसायन विज्ञान पाठ्यपुस्तक का चुनाव करते समय अध्यापक को किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
What precautions will you take while selecting a chemistry text book.
उत्तर-अध्यापक के लिये सुझाव-विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक का चुनाव करते समय अध्यापक को विशेष सावधानी से काम लेना चाहिये। उसे सदा इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि पाठ्य-पुस्तक में कहीं गलत तथ्यों का संकलन तो नहीं है । विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक का चुनाव करते समय अध्यापक को निम्न बातों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिये
1. मनोवैज्ञानिक शैली-विज्ञान की पुस्तक की शैली का मनोवैज्ञानिक होना परम् आवश्यक है । विज्ञान के सिद्धान्तों का प्रतिपादन मनोवैज्ञानिक ढंग से समझकर किया जाये। विषय-वस्तु को अत्यन्त तार्किक तथा सुव्यवस्थित ढंग से संजोना आवश्यक है। विभिन्न समस्याओं का प्रस्तुतीकरण रोचक ढंग से किया जाये।
2. पुस्तक का लेखक-पाठ्य-पुस्तक के चुनाव के समय सर्वप्रथम यह बात ध्यान में रखने की है कि पुस्तक का लेखक अनुभवी तथा विज्ञान में पूर्णतया निपुण हो।
3. पाठ्यवस्तु का संकलन-उत्तम पाठ्य-पुस्तकों में पाठ्य-वस्तु का संकलन अत्यन्त सोच समझकर पाठ्यक्रमानुसार किया जाता है। उसमें वर्णित विषय-वस्तु बालकों के वातावरण, रुचियों तथा क्रियाओं से सम्बन्धित होती है।
पाठ्य-वस्तु का शुद्ध तथा स्पष्ट होना परम आवश्यक है। संक्षेप में विज्ञान की पाठ्य-वस्तु में निम्न योग्यताओं का होना आवश्यक है
1. पाठ्य-सामग्री छात्रों की मानसिक योग्यता के अनुकूल हो।
2. विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक की पाठ्य-वस्तु बालकों की जिज्ञासा तथा निरीक्षणात्मक शक्तियों को जाग्रत करने वाली हो।
3. पाठ्य-वस्तु व्यवस्थापन इस प्रकार का हो कि प्रकरणों तथा पाठों का तारतम्य बना रहे।
4. पाठ्य-वस्तु का बालकों के जीवन से सम्बन्धित होना परम आवश्यक है।
5. पाठ्य-वस्तु का प्रतिपादन सरस तथा रोचक ढंग से किया जाय।
4. पुस्तक की छपाई-पाठ्य-पुस्तक का मुद्रण छात्रों की आयु के अनुकूल हो। शीर्षक बड़े तथा छोटे टाइप में आवश्यकतानुसार दिये जायें।
5. पुस्तक का गेटअप (Get up)- पाठ्य पुस्तक का कागज सुन्दर तथा मजबूत होना चाहिये, उसकी जिल्द भी मजबूत होनी चाहिये। पुस्तक आकार में न तो अधिक लम्बी हो और न अधिक भारी, परन्तु आकार में इस प्रकार की हो कि छात्र उसे सरलता से ला और ले जा सकें। देखने में आकर्षक होना आवश्यक है।
6. पाठ्य पुस्तक की आन्तरिक साज-सज्जा-बालकों में रुचि तथा विज्ञान के प्रति आकर्षण उत्पन्न करने के लिए उचित मात्रा में उदाहरणों, चित्रों, ग्राफों, मानचित्रों तथा रेखाचित्र का आवश्यकतानुसार प्रयोग किया गया हो। छोटी कक्षा के छात्रों की पुस्तकों में रंगीन आकर्षक चित्रों का संकलन होना चाहिये।
7. अन्य ध्यान देने योग्य बातें-
1. पुस्तक का मूल्य अधिक न हो।
2. पुस्तक के आरम्भ में विषय-सूची तथा अन्त में अनुक्रमणिका होनी चाहिये।
3. पाठ के अन्त में दिए गए प्रश्न शुद्ध हों।
4. पाठ्य-पुस्तक पाठ्यक्रम को पूरा करने वाली हो।
5. गृह-कार्य का उल्लेख भी हो।
6. यह भी देखना परम आवश्यक है कि पाठ्य-पुस्तक की रचना में समन्वय के सिद्धान्त को अपनाया गया है अथवा नहीं।
7. विद्यालय में पढ़ाई प्रारम्भ होने से पहले बाजार में उपलब्ध होनी चाहिये।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

17 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

17 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now