JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

रेखीय आवर्धन का सूत्र क्या है ? दर्पण का रेखीय आवर्धन किसे कहते है ? magnification of mirror in hindi

magnification of mirror in hindi , रेखीय आवर्धन का सूत्र क्या है ? दर्पण का रेखीय आवर्धन किसे कहते है ? , magnification of plane mirror is ?

प्रकाश का परावर्तन : प्रकाश का किसी चिकने धरातल से टकराकर वापस उसी माध्यम में लौट जाने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते है।

परावर्तन के नियम :

  1. आपतित किरण , परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब , तीनो एक ही तल में होते है।
  2. आपतन कोण i तथा परावर्तन कोण r बराबर होते है।

गोलीय दर्पण : गोलीय दर्पण खोखले गोले का एक भाग है। इस भाग के एक ओर पोलिस कर देते है अत: दुसरे भाग से परावर्तन होता है।

यदि परावर्तन दबे हुए भाग से होता है तो इसे अवतल दर्पण कहते है और यदि परावर्तन उभरे हुए भाग से होता है तो इसे उत्तल दर्पण कहते है।

  1. दर्पण का द्वारक: दर्पण के आकार MM’ को दर्पण का द्वारक कहते है।
  2. दर्पण का ध्रुव: दर्पण के मध्य बिंदु P को दर्पण का ध्रुव कहते है , सभी दूरियां दर्पण के ध्रुव से नापी जाती है।
  3. वक्रता केंद्र: गोलीय दर्पण जिस खोखले गोले से काटे जाते है उस गोले के केंद्र C को गोलीय दर्पण का वक्रता केंद्र कहते है।
  4. वक्रता त्रिज्या: दर्पण के ध्रुव से वक्रता केंद्र तक की दूरी को वक्रता त्रिज्या कहते है , इसे R से प्रदर्शित करते है।
  5. मुख्य अक्ष: दर्पण के ध्रुव एवं वक्रता केंद्र को मिलाने वाली रेखा को मुख्य अक्ष कहते है।

चिह्न परिपाटी :

  1. वस्तु को हमेशा दर्पण के बायीं ओर रखते है।
  2. आपतित प्रकाश की दिशा में नापी गयी दूरियाँ धनात्मक होती है जबकि आपतित प्रकाश की दिशा के विपरीत नापी गयी दूरियाँ ऋणात्मक होती है।
  3. मुख्य अक्ष के ऊपर की दूरीयाँ धनात्मक तथा मुख्य अक्ष के नीचे की दूरियां ऋणात्मक मानी जाती है।

गोलीय दर्पण से प्रतिबिम्ब बनाने के नियम

  1. मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली प्रकाश किरण परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर काटती है (अवतल दर्पण में)

या

परावर्तन के पश्चात् पीछे बढाने पर मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर मिलती है (उत्तल दर्पण में )

मुख्य फोकस अथवा फोकस कहलाता है।

  1. फोकस से गुजरने वाली (अवतल दर्पण में) या फोकस की ओर जाती प्रतीत होने वाली (उत्तल दर्पण में) प्रकाश किरण गोलीय दर्पण से परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है।
  2. वक्रता केंद्र की ओर जाने वाली (अवतल दर्पण में) या वक्रता केंद्र की ओर जाती प्रेरित होने वाली प्रकाश किरण उसी मार्ग पर वापस लौट जाती है जहाँ से आई थी।
  3. यदि कोई प्रकाश किरण दर्पण के ध्रुव पर आपतित होती है तो परावर्तन के नियम अनुसार ही परावर्तित हो जाती है।

वक्रता त्रिज्या (R) तथा फोकस दूरी (F) में सम्बन्ध :

A = आपतित किरण

MB = परावर्तित किरण

CM = अभिलम्ब

कोण AMC = θ = कोण CMP (आपतन कोण = परावर्तन कोण)

PC = R

PF = f

त्रिभुज MCD से –

tanθ = MD/CD  [लम्ब/आधार]

यदि D बिंदु P के निकट हो –

CD = CP

चूँकि tanθ = MD/CP   समीकरण-1

△MFD से –

tan2θ = MD/FD

चूँकि FD = FP

चूँकि tan2θ = MD/FP   समीकरण-2

समीकरण-1 में समीकरण-2 का भाग देने पर

tanθ/tan2θ  = FP/CP  समीकरण-3

यदि θ अल्प हो तो tanθ = θ तथा tan2θ = 2θ

θ/2θ = 1/R

1/2 = f/R

2f = R

f = R/2

गोलीय दर्पण के लिए बिम्ब की दूरी (U) , प्रतिबिम्ब दूरी (V) तथा फोकस दूरी (f) में सम्बन्ध :

AB एक बिम्ब है जिसकी दर्पण के ध्रुव P से दूरी U है जिसका प्रतिबिम्ब A’B’ पर बनता है जिसकी दर्पण की ध्रुव से दूरी V है तथा f दर्पण का फोकस बिंदु है।

1/V   +  1/U   = 1/f

दर्पण का रेखिक आवर्धन : प्रतिबिम्ब के आकार तथा बिम्ब के आकार के अनुपात को रेखिक आवर्धन कहते है , इसे m से प्रदर्शित करते है।

रैखिक आवर्धन (m) = प्रतिबिम्ब का आकार (ऊँचाई)/बिम्ब का आकार (ऊँचाई)

यदि बिम्ब की ऊंचाई = h

प्रतिबिम्ब की ऊंचाई = h’

रैखिक आवर्धन = h’/h = -V/u

प्रकाश का अपवर्तन

जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम पर आपतित होता है तो प्रकाश का कुछ भाग परावर्तित होकर उसी माध्यम में वापस लौट जाता है जिसमे आया था। तथा शेष भाग अपवर्तित हो जाता है।

अपवर्तन का मुख्य कारण है कि भिन्न भिन्न माध्यमो में प्रकाश का वेग भिन्न भिन्न होता है। विरल माध्यम में प्रकाश का वेग अधिक होते है जैसे जैसे माध्यम सघन होता है , प्रकाश का वेग घटता जाता है।

जब प्रकाश किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलम्ब की ओर झुक जाती है। इसके विपरीत जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलम्ब से दूर हट जाती है।

अपवर्तन का नियम :

  1. आपतित किरण अपवर्तित किरण तथा अभिलम्ब एक ही तल में होते है।
  2. किन्ही दो माध्यमों के लिए आपतित कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात सदैव नियत रहता है इसे पहले माध्यम के सापेक्ष दुसरे माध्यम का अपवर्तनांक कहते है तथा n21से प्रदर्शित करते है। पहले माध्यम के सापेक्ष दुसरे माध्यम का अपवर्तनांक –

n21 = sin i/sin r  समीकरण-1

यदि पहले माध्यम का अपवर्तनांक n1

दुसरे माध्यम का अपवर्तनांक n2

पहले माध्यम में प्रकाश का वेग u1

दुसरे माध्यम में प्रकाश का वेग u2

n21 = sin i/sin r  = n2/n1 = V1/V2

चूँकि पहले माध्यम के सापेक्ष दुसरे माध्यम का अपवर्तनांक n21

दुसरे माध्यम के सापेक्ष पहले माध्यम का अपवर्तनांक n12 है।

n12 x  n21 = n1/n2  x n2/n1   = 1

n12 x  n21 = 1

पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक n21 

दुसरे माध्यम के सापेक्ष तीसरे माध्यम का अपवर्तनांक n31 

तीसरे माध्यम के सापेक्ष प्रथम माध्यम का अपवर्तनांक n13 

n21 x n31 x n13 = 1

पाशर्विक विस्थापन

जब कोई प्रकाश किरण काँच की आयताकार सिल्ली से गुजरती है तो इस प्रकाश किरण का दो बार अपवर्तन होता है। वायु से काँच में तथा कांच फिर वायु में अत: आपतित और निर्गत किरण में कोई विचलन तो नहीं होता परन्तु निर्गत किरण आपतित किरण से कुछ दूरी पर विस्थापित हो जाती है।

इसी दूरी को पाश्र्विक विस्थापन कहते है।

नोट : i1 = r2

r1 = i2

अपवर्तन के उदाहरण :

  1. पानी से भरे बीकर का तल कुछ ऊँचा उठा हुआ दिखाई देते है , इसका कारण यह है कि बीकर की तली से चलने वाली प्रकाश किरण पानी से वायु में अपवर्तित होती है अत: अभिलम्ब से दूर हटती है। अपवर्तित किरण को पीछे बढाने पर ये O’ पर मिलती है अत: बीकर की तली O के बजाय O’ पर दिखाई देती है अत: बीकर की तली कुछ उठी हुई दिखाई देती है।
  2. सूर्योदय से पहले तथा सूर्यास्त के बाद सूर्य का दिखाई देना:- सूर्य उदय से पूर्व तथा सूर्य अस्त के बाद सूर्य क्षैतिज से नीचे होता है। इसकी वास्तविक स्थिति S है। सूर्य के आस पास माध्यम विरल है जबकि पृथ्वी के आस पास माध्यम सघन है अत: सूर्य से चलने वाली प्रकाश किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाने के कारण अभिलम्ब की ओर झुकती है तथा पृथ्वी पर खड़े प्रेक्षक की आँख पर पहुँचती है , इन अपवर्तित किरणों को पीछे बढाने पर ये S’ पर मिलती है अत: S’ पर सूर्य का आभासी प्रतिबिम्ब बनता है , इसी कारण सूर्य उदय से पहले व सूर्य अस्त के बाद भी सूर्य दिखाई देता है।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन

जब कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है तो अभिलम्ब से दूर हटती है अर्थात अपवर्तन कोण का मान आपतन कोण से अधिक होता है अत: यदि आपतन कोण का मान और बढाया जाए तो अपवर्तन कोण का मान भी बढेगा तथा एक निश्चित आपतन कोण पर अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री हो जायेगा , इस कोण को क्रांतिक कोण IC कहते है।

अत: आपतन कोण का वह मान जिस पर अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री हो जाता है , क्रांतिक कोण कहलाता है।

अपवर्तन के नियम से –

n21 = sini/sinr

क्रांतिक कोण पर

i = ic

r = 90

n21 = sinic/sin90

चूँकि sin90 = 1

n21 = sinic

n12 = 1/n21

चूँकि n12 = 1/sinic = cosecic

अब यदि आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो तो प्रकाश किरण का अपवर्तन नहीं होता है बल्कि प्रकाश किरण उसी माध्यम में वापस लौट जाती है। इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते है।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्ते :

  1. प्रकाश किरण का अपवर्तन सघन माध्यम से विरल माध्यम में होता है।
  2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए।

पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के लिए एक प्रदर्शन :

एक बीकर में स्वच्छ जल भरा तथा इसमें एक साबुन के टुकड़े को रखकर धीरे धीरे हिलाया जिससे साबुन का घोल तैयार हो जायेगा।

जब इस घोल में से लेजर प्रकाश को गुजारा जाता है तो लेजर प्रकाश का पथ चमकीला दिखाई देगा।

जब लेजर प्रकाश को तली के नीचे से इस प्रकार आपतित किया कि प्रकाश पानी की सतह पर आपतित हो तो आपतित प्रकाश दो भाग हो जाते है कुछ भाग परावर्तित होकर फर्श की ओर मुड जाता है और कुछ भाग अपवर्तित होकर ऊपर की ओर निकल जाता है।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

22 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

22 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now