हिंदी माध्यम नोट्स
एम एफ हुसैन किस क्षेत्र में प्रसिद्ध थे ? मकबूल फिदा हुसैन की प्रारम्भिक शिक्षा कहाँ हुई , की विवादित पेंटिंग
मकबूल फिदा हुसैन की प्रारम्भिक शिक्षा कहाँ हुई , की विवादित पेंटिंग एम एफ हुसैन किस क्षेत्र में प्रसिद्ध थे ? M. F. Husain in hindi
एम. एफ. हुसैन
उनका पूरा नाम मकबूल फिदा हुसैन था और वे हमारे सबसे महान कलाकारों में से एक थे। वे कुशल चित्रकार, फोटोग्राफर, निर्देशक और भारतीय संसद के सदस्य थे। हालांकि, जीवन के अपने आरंभिक चरण में उन्होंने कलाकार के रूप में काम किया लेकिन वे 20 वर्ष की आयु तक अप्रशिक्षित थे। उन्होंने मध्य प्रदेश से मुंबई आकर और कई वर्षों के प्रशिक्षण के लिए जे. जे. कला विद्यालय में दाखिला लिया । चित्रकला में लीन होने के पश्चात् वह एमिल नोल्डे जैसे आधुनिक कलाकारों और मथुरा और गांधार शैली की प्राचीन भारतीय मूर्तिकला से प्रभावित होने लगे।
उन्होंने महाभारत और रामायण महाकाव्यों कलकत्ता, मुम्बई आदि जैसे विषयों पर काम करके ख्याति प्राप्त की। वे मदर इंडिया और कुछ हिंदू देवी-देवताओं की नग्न पेंटिंग बनाने पर विवादों में आ गए जिसके फलस्वररूप उनके विरूद्ध अश्लीलता के कई मुकदमे किए गए और बजरंग दल-आरएसएस से उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ, जिसके फलस्वरूप उन्हें संयुक्त अरब अमीरात स्थानांतरित होने के लिए विवश होना पड़ा। उन्होंने सभी 3 पद्म पुरस्कारों और बर्लिंग फिल्म समारोह में गोल्डन बियर पुरस्कार जैसे कई पुरस्कार प्राप्त किए।
नर्तक
मालविका सारुक्कई
वे एक भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं जिन्हें भरतनाट्यम में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्होंने कई अन्तराष्ट्रीय केन्द्रों, यथा ‘लिंकन सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स‘ तथा ‘जे.एड. केन्नेडी सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स‘, पर अपनी प्रस्तुति दी है। उनके जीवन तथा उनकी कला को ‘डांसिंग‘ शीर्षक से बी.बी.सी.ध्डब्ल्यू.एन.इ.टी. वृत्तचित्र का विषय बनाया गया है। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। वर्ष 2003 में उन्हें पद्म श्री भी प्रदान किया गया।
पंडित बिरजू महाराज
पंडित बिरजू महाराज के नाम से लोकप्रिय ब्रिज मोहन नाथ मिश्र एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कत्थक नर्तक हैं, तथा उनका संबंध पुराने लखनऊ घराने से है। उत्तर भारत में कत्थक को लोकप्रिय बनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।
नृत्य तथा नाट्य दोनों को मिला कर उन्होंने ‘गोबर्धन लीला‘, ‘माखन चोरी‘, ‘फाग बहार‘, इत्यादि जैसी आलोचकों द्वारा प्रशंसित प्रस्तुतियों की रचना की है। उन्होंने नृत्य के कई तार वाद्यों, यथा सितार तथा ढोलक, के साथ मेल किया है। उन्हें पद्म विभूषण, संगीत नाटक अकादमी सम्मान, कालिदास सम्मान जैसे कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। नृत्य के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उन्हें फेलोशिप तथा दो मानद उपादियाँ भी प्रदान की गयी हैं।
वैजयंतीमाला बाली
वैजयंतीमाला बाली न केवल एक उत्कृष्ट भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं, बल्कि 50 और 60 के दशकों सर्वाधिक सफल अभिनेत्रियों में से एक भी रही हैं। वह कर्नाटक संगीत की एक प्रतिष्ठित गायिका भी हैं, तथा स्वयं की भारतनाट्यम् प्रस्तुति शृंखलाओं का नृत्य निर्देशन भी करती हैं। यद्यपि तमिल तथा तेलगू फिल्मों में उन्होंने अच्छी ख्याति प्राप्त की थी, ‘बहार‘ फिल्म के साथ उनका प्रवेश बॉलीवुड में हुआ। ‘साधना‘ और ‘मधुमती‘ जैसी फिल्मों ने उन्हें आलोचकों की दृष्टि में भी प्रशंसा दिलवाई। वर्ष 1984 में, उन्हें भरतनाट्यम् में उनकी जीवन भर की उपलब्धियों के लिए संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्रदान किया गया।
मृणालिनी साराभाई
वह भारत की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक तथा नृत्य निर्देशक रही हैं। मृणालिनी भरतनाट्यम तथा कथकली दोनों में निपुण थी। नाटक संगीत, नृत्य तथा कठपुतली नृत्य जैसी कलाओं में ज्ञान प्रदान करने के लिए उन्होंने अहमदाबाद में प्रतिष्ठित ‘दर्पण अकेडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स‘ की स्थापना की। उनकी शिक्षा-दीक्षा शान्ति निकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर के मार्ग-दर्शन में हुई थी तथा उनके पूरे जीवन पर इसका प्रभाव देखने को मिला। भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1992 में पद्म भूषण तथा संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप भी प्रदान किया।
मल्लिका साराभाई
मल्लिका साराभाई प्रख्यात नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई तथा जाने-माने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की पुत्री हैं। वे न केवल नृत्य-कला अपितु फिल्म-निर्माण, नृत्य-निर्देशन, अभिनय में भी निपुण हैं।
उन्होंने अपनी कृतियों, यथा ‘द्रौपदी‘, शक्ति- द पॉवर ऑफ विमिन‘, ‘सीता पुत्री‘, ‘गंगा‘, इत्यादि के माध्यम से विशेषतः महिलाओं से संबंधित मुद्दों को उठाया है। हाल ही में, वह लोक सभा चुनावों में भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री को चुनौती देने के कारण चर्चा में रही। उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान श्च्ंसउम क्वत’ प्रदान किया गया। उन्हें पद्म भूषण सम्मान भी प्राप्त हुआ है तथा नोबेल शान्ति पुरस्कार के लिए भी उन्हें नामित किया गया था।
बिम्बावती देवी
मणिपुरी नृत्य के सर्व-प्रथम प्रस्तुतकर्ताओं में से एक, बिम्बावती देवी इस कला विधा की पथ-प्रदर्शक रही हैं। उन्होंने पुंग (मणिपुरी मृद्ग) तथा थांग टा (मणिपुरी युद्धकला) का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्हें नृत्य, नाट्य, संगीत तथा दृश्य कला के लिए पश्चिम बंगाल अकादमी की ओर से नंदिता कृपलानी पुरस्कार जैसे कई सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। मणिपुरी नृत्यकला में रुचि जागृत करने के उद्देश्य से वह संस्कृति मंत्रालय से निकटता से जुडी हुई है।
सोनल मानसिंह
सोनल मानसिंह विख्यात ओडिसी नृत्यांगनाओं में से एक हैं, तथा उन्हें सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक तथा दार्शनिक के रूप में भी पहचान मिली है। उन्होंने भरतनाट्यम, छऊ नृत्य तथा कई अन्य संगीत कलाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
उन्होंने पौराणिक तत्वों को समकालीन मुद्दों से मिला कर ‘इन्द्रधनुष‘, ‘सबरस‘, ‘देवी दुर्गा‘, इत्यादि कृतियों की रचना की है। उन्हें पद्म भूषण सम्मान, राजीव गांधी उत्कृष्टता पुरस्कार, इत्यादि प्राप्त हुए हैं। उन्हें पद्म विभूषण सम्मान प्राप्त करने वाली पहली नृत्यांगना होने का गौरव प्राप्त है।
शशधर आचार्य
वर्तमान में वे अग्रणी छाऊ नर्तकों में से एक हैं। छऊ नृत्य को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त विरासत घोषित किया गया है, तथा इस नृत्य के संरक्षण तथा इसे सार्वजनिक लोकप्रियता दिलवाने का श्रेय गुरु आचार्य को ही जाता है। इस नृत्य में व्यापक रूप से मुखौटों का प्रयोग किया जाता है, तथा इसमें विविध वाद्य-यंत्रों, यथा ढोल, खोल, मड्डल, धुम्सा, नगाड़ा, इत्यादि की तालों को मिश्रित कर दिया जाता है। उन्हें संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्रदान किया गया है।
चित्रकला
राजा रवि वर्मा
राजा रवि वर्मा कोइल थम्पुरण को बीसवीं शताब्दी का सबसे बड़ा चित्रकार माना जाता है। वे त्रावणकोर की देसी रियासत से थे तथा लम्बे समय तक वहाँ के राज परिवार का संरक्षण उन्हें मिला। उन्हें पौराणिक चरित्रों को अपनी चित्रकला से सजीवता प्रदान करने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने, सामान्यतः, ‘नल और दमयंती‘, महाभारत, रामायण, इत्यादि से सुन्दर दृश्यावलियों के चित्र बनाए हैं।
ब्रिटिश सरकार के द्वारा उन्हें केसर-ए-हिन्द स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में ‘शकुन्तला‘, रावण के प्रहार से आहत जटायु‘, इत्यादि सम्मिलित हैं। उनकी प्रवीणता तथा ख्याति को देखते हुए केरल सरकार ने कला और संस्कृति में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वाले लोगों के लिए उनके नाम पर ‘राजा रवि वर्मा पुरष्कारम‘ का आरम्भ किया है।
अमृता शेर-गिल
अपने युग की सर्वाधिक ख्याति प्राप्त महिला चित्रकारों में से एक तथा यूरोप (बुडापेस्ट तथा फ्लोरेंस) में शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त अमृता शेर-गिल भारत आयीं। उनके चित्र ‘यंग गर्ल्स‘ पर निश्चय ही उनके यूरोपीय प्रशिक्षण की छाप दिखती है जिससे उन्हें असोशिएट ऑफ ग्रैंड सैलन इन पेरिस के लिए चयनित सर्वाधिक कम आयु की कलाकार (तथा प्रथम एशियाई) के रूप में प्रसिद्धि मिली।
आगे चलकर वे रवींद्रनाथ टैगोर और यामिनी राय से प्रभावित कलाकारों के कलकत्ता स्कूल की सदस्य बन गईं। उन्होंने भारत के कुछ भागों का भ्रमण आरंभ किया और ‘सिएस्ता एंड इन द लेडीज‘ एन्क्लोजर‘ और ‘विलेज सीन‘ जैसी कृतियों की रचना की। उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था और उनकी रचनाओं को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में रखी जाने वाली राष्ट्रीय विरासत घोषित किया गया।
बी. सी. सान्याल
उन्हें भारतीय कला में आधुनिकतावाद के अग्रदूत के रूप में जाना जाता है। उन्होंने न केवल चित्र बनाए बल्कि वे जीवनपर्यंत कई कलाकारों के लिए उत्सुक शिक्षक भी रहे । उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में डिस्पेयर एंड वे टू द पीस, काऊ हर्ड और ‘‘लाइंग स्केयरक्रो सम्मिलित हैं। वह एक प्रसिद्ध मूर्तिकार भी थे और उन्होंने दिल्ली शिल्पी चक्र ( दिल्ली मूर्तिकार वृत्त) की स्थापना की थी। वह घनिष्ठतापूर्वक ललित कला अकादमी से भी जुड़े थे और आजीवन उपलब्धि के लिए उन्हें ललित कला अकादमी फैलोशिप से सम्मानित किया गया था।
उन्हें पद्म भूषण आदि से भी सम्मानित किया गया था।
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…