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प्रकाश उत्सर्जक डायोड (light emitting diode in hindi) (LED)
(light emitting diode in hindi) (LED) प्रकाश उत्सर्जक डायोड : यह डायोड एक विशेष प्रकार से बनाया गया डायोड होता है जो बहुत ही संकीर्ण बैंड चौड़ाई की दृश्य क्षेत्र में अलग अलग रंगों की तरंग दैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित करता है। लेकिन ये प्रकाश तभी उत्सर्जित करते है जब इन डायोड को अग्र बायस या अभिनति में रखा जाए।
अत: इन्हें निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
ये विशेष अर्धचालक पदार्थों से बने होते है और जब इन डायोड को अग्र अभिनति अवस्था में रखा जाए तो ये अलग अलग रंग का प्रकाश उत्सर्जित करते है।
प्रकाश उत्सर्जक डायोड को LED (एल इ डी) कहा जाता है और यह अधिकतर इसी नाम से जाना जाता है , ये एक विशेष प्रकार से बनाये गए डायोड होते है लेकिन इनमें PN संधि के समान कई गुण होते है।
इन डायोड में विद्युत गुण PN संधि की तरह होते है जैसे ये डायोड भी PN संधि की तरह केवल अग्र अभिनति में धारा का प्रवाह करते है और पश्च अभिनति में इनमें बहने वाली धारा लगभग शून्य होती है।
एक साधारण PN संधि डायोड में अग्र बायस में इलेक्ट्रॉन की गति n क्षेत्र से P क्षेत्र की तरफ होती है और P क्षेत्र में जाकर ये कोटर से संयोग करके उदासीन हो जाते है। चूँकि इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पाए जाते है अर्थात इलेक्ट्रॉन चालन बैण्ड में होते है , और ये इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर अर्थात चालन बैंड से निम्न ऊर्जा स्तर अर्थात संयोजक बैण्ड में आते है।
हम जानते है कि जब इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में आता है तो यह ऊर्जा का उत्सर्जन करते है , यह ऊर्जा इलेक्ट्रॉन ऊष्मा के रूप में करते है।
जब इस डायोड में विभिन्न प्रकार के पदार्थ इस्तेमाल किये जाते है जैसे गैलियम आर्सेनिक फोस्फाइड(Ga , As , P) , गैलियम फोस्फाइड (GaP) आदि , तो ये विशेष प्रकार के अर्द्धचालक ऊर्जा का उत्सर्जन ऊष्मा के रूप में न करके अलग अलग रंगों के रूप में करते है और हमें अलग अलग रंगों का प्रकाश दिखाई देता है।
अलग अलग पदार्थो का उपयोग करके अलग अलग रंगों का प्रकाश दिखाई देता है।
LED बहुत अधिक डोपिंग वाले अर्द्धचालकों से बना होता है इनकी बहुत पतली तरत इस डायोड में होती है लेकिन यह पतली परत बहुत अधिक डोपिंग होती है।
इस प्रकार के डायोड में अलग अलग प्रकार के अर्द्धचालक का उपयोग करके अलग प्रकाश प्राप्त किया जाता है , लेकिन कौनसा पदार्थ या अर्द्धचालक इस्तेमाल करने पर कौनसा रंग दिखाई देगा , इसके लिए निचे टेबल दी गयी है –
अत: इन्हें निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
ये विशेष अर्धचालक पदार्थों से बने होते है और जब इन डायोड को अग्र अभिनति अवस्था में रखा जाए तो ये अलग अलग रंग का प्रकाश उत्सर्जित करते है।
प्रकाश उत्सर्जक डायोड को LED (एल इ डी) कहा जाता है और यह अधिकतर इसी नाम से जाना जाता है , ये एक विशेष प्रकार से बनाये गए डायोड होते है लेकिन इनमें PN संधि के समान कई गुण होते है।
इन डायोड में विद्युत गुण PN संधि की तरह होते है जैसे ये डायोड भी PN संधि की तरह केवल अग्र अभिनति में धारा का प्रवाह करते है और पश्च अभिनति में इनमें बहने वाली धारा लगभग शून्य होती है।
एक साधारण PN संधि डायोड में अग्र बायस में इलेक्ट्रॉन की गति n क्षेत्र से P क्षेत्र की तरफ होती है और P क्षेत्र में जाकर ये कोटर से संयोग करके उदासीन हो जाते है। चूँकि इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पाए जाते है अर्थात इलेक्ट्रॉन चालन बैण्ड में होते है , और ये इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर अर्थात चालन बैंड से निम्न ऊर्जा स्तर अर्थात संयोजक बैण्ड में आते है।
हम जानते है कि जब इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में आता है तो यह ऊर्जा का उत्सर्जन करते है , यह ऊर्जा इलेक्ट्रॉन ऊष्मा के रूप में करते है।
जब इस डायोड में विभिन्न प्रकार के पदार्थ इस्तेमाल किये जाते है जैसे गैलियम आर्सेनिक फोस्फाइड(Ga , As , P) , गैलियम फोस्फाइड (GaP) आदि , तो ये विशेष प्रकार के अर्द्धचालक ऊर्जा का उत्सर्जन ऊष्मा के रूप में न करके अलग अलग रंगों के रूप में करते है और हमें अलग अलग रंगों का प्रकाश दिखाई देता है।
अलग अलग पदार्थो का उपयोग करके अलग अलग रंगों का प्रकाश दिखाई देता है।
LED बहुत अधिक डोपिंग वाले अर्द्धचालकों से बना होता है इनकी बहुत पतली तरत इस डायोड में होती है लेकिन यह पतली परत बहुत अधिक डोपिंग होती है।
इस प्रकार के डायोड में अलग अलग प्रकार के अर्द्धचालक का उपयोग करके अलग प्रकाश प्राप्त किया जाता है , लेकिन कौनसा पदार्थ या अर्द्धचालक इस्तेमाल करने पर कौनसा रंग दिखाई देगा , इसके लिए निचे टेबल दी गयी है –
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