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LEGENDRE DIFFERENTIAL EQUATION in hindi लेजेंड्रे अवकल समीकरण क्या है व्यंजन सूत्र लिखिए

लेजेंड्रे अवकल समीकरण क्या है व्यंजन सूत्र लिखिए LEGENDRE DIFFERENTIAL EQUATION in hindi ?

लेजेंड्रे अवकल समीकरण (LEGENDRE DIFFERENTIAL EQUATION) द्वितीय कोटि के निम्न रैखिक अवकल समीकरण लेजेंड्रे अवकल समीकरण के नाम से

……………………(1)

जानी जाती है यहाँ n पूर्णांक है तथा y’ = dy/dx एवं y” = d2y/dx2

समीकरण (1) से, Po(x) = ( 1 – x 2 ), p1 (x) = – 2x तथा P2 (x) = n(n+1) = 0 के निकट इसका हल फ्रोबिनियस (Frobenius) विधि द्वारा ज्ञात करते हैं। इस विधि में अवकल इस समीकरण में विचित्र बिन्दु x = 1 तथा साधारण बिन्दु x = 0 होता है। साधारण बिन्दु, समीकरण का साधारण बिन्दु x = 0 (अभिसरण – त्रिज्या – 1<x < 1 के अंदर) के निकट हल निम्न

घात श्रेणी के रूप में लिखते हैं।

इसके प्रथम तथा द्वितीय अवकलज लेने पर,

इनकों समीकरण (1) में रखने पर,

चूँकि समीकरण ( 2 ) अवकल समीकरण (1) का हल है इसलिये समीकरण (3) x के प्रत्येक मान के लिये संतुष्ट होनी चाहिये। अतः यह एक तत्समक ( identity) है इसलिये इसमें x के प्रत्येक घात का गुणांक अलग-अलग शून्य होना आवश्यक है। xh के गुणांक को शून्य के बराबर करने पर

r = 0 रखने पर,

चूंकि घात श्रेणी गुणांक Ag से प्रारम्भ होती है इसलिये हम A2 = A1 = 0 रख सकते हैं। इस र निम्न घातांकी समीकरण (indicial equation) प्राप्त होती है।

अतः m के दो मान होने के कारण लेजेंड़े समीकरण के दो हल होते हैं।

परिस्थिति I: जब m = n

समीकरण (4) से,

A1=A2=A_3  …. = 0 ध्यान में रखते हुए इसमें r = 1, 3, 5,… रखते हैं।

पुन: A_1 = A2 = A_3…… = 0 ध्यान में रखते हुए समीकरण ( 5 ) में r = 0, 2, 4, 6 … रखते

चूँकि श्रेणी A0 से प्रारम्भ होती है इसलिये इसको ज्ञात नहीं किया जा सकता है और न ही यह शून्य के बराबर होता है। अतः

ये सभी गुणांकों के मान समीकरण (2) में रखने पर अवकल समीकरण का एक हल श्रेणी रूप में प्राप्त हो जाता है।

Ao एक स्वैच्छिक नियतांक है 1n के पूर्णांक होने पर यह श्रेणी अंतकृत (terminate) हो

जाती है और बहुपद (Polynomial) में परिवर्तित हो जाती है। इस बहुपद का प्रसामान्यीकरण (normalization) करने के लिये Ao का चयन इस प्रकार किया जाता है कि इस बहुपद का प्रथम

पद का गुणांक 1 के बराबर हो जाये। इसके लिये यदि

जहाँ क्रमगुणित (factorial (In) को निम्न सूत्र द्वारा परिभाषित किया जाता है।

[n = n(n – 1 ) (n – 2) (n-3)…… 3.2.1

हो तो परिणामी समीकरण को P. (x) से व्यक्त करते हैं तथा यह बहुपद प्रथम प्रकार का n डिग्री वाला लेजेंड्रे बहुपद (Legendre polynomial) कहलाता है। यदि इस बहुपद में n समपूर्णांक हो तो

अंतिम पद नियतांक होगा और यदि n विषमपूर्णांक है तो अंतिम पद में x होगा ।

इस श्रेणी को निम्न प्रकार से भी लिख सकते हैं।

जहाँ N =n/2 जब n सम धनात्मक पूर्णांक है और N = (n-1)/2, जब n विषम `धनात्मक पूर्णांक है ।n के कुछ विशिष्ट मानों के लिये लेजेंड्रे बहुपद Pn (x) के मान है।

परिस्थिति II: जब m = (n+1)

यह मान समीकरण (4) में रखने पर,

A1 = A2 = A_3….. = 0 ध्यान में रखते हुए इसमें r = 1, 3, 5…. रखते हैं।

पुन: A_1=A2=A_3…. = 0 ध्यान में रखते हुए समीकरण () में r = r = 0, 2, 4, 6… रखते हैं

चूँकि श्रेणी Ao से प्रारम्भ होती है इसलिये इसको ज्ञात नहीं किया जा सकता है और न ही यह शून्य के बराबर होता है। अतः

ये सभी गुणांकों के मान समीकरण (2) में रखने पर अवकल समीकरण का दूसरा हल श्रेणी रूप में प्राप्त हो जाता है।

जहाँ Ao एक स्वैच्छिक नियतांक है। इसके लिये यदि

रखें तो परिणामी समीकरण को Qn(x) से व्यक्त करते हैं तथा यह बहुपद द्वितीय प्रकार का n डिग्री वाला लेजेंड्रे बहुपद कहलाता है।

इस श्रेणी को निम्न प्रकार से भी लिख सकते हैं।

अत: लेजेंड्रे अवकल समीकरण का व्यापक हल है।

Pa (x) का रोड्रिग सूत्र (RODRIGUE FORMULA FOR Pn (x))

लेजेंड्रे बहुपद को रोड्रिग सूत्र द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिये फलन (x2 – 1)n को द्विपद प्रमेय (binomial theorem) से श्रेणी रूप में विस्तारित करते हैं। अतः

चर राशी x के सापेक्ष n बार अवकलित करने पर,

जहाँ N =n/2 जब n सम धनात्मक पूर्णांक है और N = (n-1)/2 जब n विषम धनात्मक पूर्णांक

लेजेंड्रे बहुपद का सूत्र रोड्रिग सूत्र कहलाता है। इस सूत्र से n के विशिष्ट मान के लिये लेजेंड्रे बहुपद प्राप्त किया जा सकता है।

Pn(x) का उदभव फलन (GENERATING FUNCTION FOR PH (x))

फलन (1 – 2xz + z2)-1/2 का Z के घातों के बढ़ते हुए क्रम में द्विपद विस्तार करने पर यह पाया जाता है कि “का गुणांक लेजेंड्रे बहुपद आता है इसलिये इस फलन को लेजेंड्रे बहुपद का उदभव फलन कहते हैं। अतः फलन

समीकरण (2) को समीकरण (1) में रखकर वे पद जिनमें 2″ होता है उनको एकत्रित करते हैं।

यह श्रेणी Pr (x) के समतुल्य है।

समीकरण (1) का nth पद – Pr (x)zn

उद्भव फलन से Pn (x) के विभिन्न मान ज्ञात कर सकते हैं।

इसमें x = 1 रखने पर

z के समान घातों की तुलना करने पर,

समीकरण (4) में x को -x से प्रतिस्थापित करने पर,

समीकरण (4) में z को z से प्रतिस्थापित करने पर,

 समीकरण (6) व (7) की तुलना करने पर, Pn (x) = (-1)nPn(x)

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