law of chemical combination in hindi रासायनिक संयोग के नियम क्या है ? सभी नियम लिखिए :
2. स्थिर अनुपात का नियम (law of constant proportions): किसी रासायनिक यौगिक में तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात निश्चित होता है।
जैसे – नमक को प्रयोगशाला विधि में बनाया जाए या प्रकृति से प्राप्त किया जाये तो भी नमक में Na व Cl का अनुपात 23:35.5 ही रहता है।
3. गुणित अनुपात का नियम (Law of multiple proportions): जब दो तत्व परस्पर क्रिया करके दो या दो से अधिक यौगिक बनाते है तो एक तत्व के भिन्न भाग दूसरे तत्व के निश्चित भार से क्रिया करते है। वे परस्पर सरल अनुपात में होते है इसे गुणित अनुपात का नियम कहते है।
उदाहरण –
नाइट्रोजन के ऑक्साइड
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N व O के द्रव्यमान का अनुपात
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N से क्रिया करने वाले O के द्रव्यमान
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O के द्रव्यमान का अनुपात
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N2O
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28:16
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16
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1
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2NO
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28:32
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32
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2
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N2O3
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28:48
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48
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3
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N2O4
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28:64
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64
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4
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N2O5
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28:80
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80
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5
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गे लुसेक का नियम (Gay-Lussac Law of Gaseous Volumes): जब दो या दो से अधिक गैस परस्पर क्रिया करती है तो उनके आयतन में सरल अनुपात होता है , यदि बनने वाला पदार्थ भी गैसीय है तो इसका आयतन भी क्रिया करने वाली गैसों के सरल अनुपात में होगा।
नोट : यह नियम उसी अवस्था में लागू होता है जब सभी गैसों के ताप व दाब समान है।
N2 (g) + 3H2 (g) → 2NH3 (g)
गैसों के आयतन का अनुपात 1:3:2
रासायनिक संयोग के नियम :
1. द्रव्यमान संरक्षण का नियम : यह नियम 1774 में ‘लेवोशियर’ ने दिया था।
यह नियम कहता है कि द्रव्य न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।
या
एक रासायनिक अभिक्रिया में क्रियाकारकों का द्रव्यमान , उत्पादों के द्रव्यमान के बराबर होता है।
उदाहरण :
2Mg + O2 → 2MgO
2 x 24 + 32 → 2 (24+16)
क्रियाकारको का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान = 80
C + O2 → CO2
12 + 32 → 12 + 32 = 44
क्रियाकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान = 44
इस नियम का अपवाद नाभिकीय अभिक्रियाएँ है जिसमे आइन्स्टाइन समीकरण (E = mc2) लागू होती है।
2. स्थिर संघटन या निश्चित अनुपात का नियम
यह नियम 1799 में “प्राउस्ट” ने दिया।
यह नियम कहता है कि “किसी रासायनिक यौगिक के सभी शुद्ध नमूनों में समान तत्व इनके द्रव्यमान के समान अनुपात में संयोजित रहते है। “
उदाहरण : CO2 के विभिन्न नमूनों में C और O भार से 12:32 या 3:8 के रूप में होते है। इसी तरह H2O में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन भार से 1:8 के रूप में रहते है।
3. गुणित अनुपात का नियम
यह नियम 1804 में “जॉन डाल्टन” द्वारा दिया गया था।
यह नियम कहता है कि “जब दो तत्व A और B एक से अधिक यौगिक बनाने के लिए आपस में संयोजित होते है तो A के कई द्रव्यमान जो पृथक रूप से B के निश्चित द्रव्यमान से संयोजित होते है , एक सरल अनुपात में होते है। “
उदाहरण :
CO और CO2
12:16 और 12:32
अनुपात : 16:32
= 1:2
इसी प्रकार –
H2O और H2O2
2:16 और 2:32
अनुपात = 16:32
= 1:2
4. व्युत्क्रम अनुपात का नियम
यह नियम 1792 में “रिचर” द्वारा दिया गया।
यह नियम कहता है कि “जब दो तत्व पृथक रूप से तीसरे तत्व के निश्चित द्रव्यमान से संयोजित होते है और विभिन्न प्रकार के अणु बनाते है तो चाहे वे समान संख्या में या पूर्ण संख्या में मिले , उनका अनुपात , अनुपात का गुणन होता है जिसमे वे एक दुसरे से मिलते है। “
उदाहरण :
C + O2 → CO2 , C + 2H2 → CH4
12 32 12 4
CO2 बनाने के लिए कार्बन , ऑक्सीजन से और CH4 बनाने के लिए हाइड्रोजन से संयोजित होता है। CO2 में 12 ग्राम , C , 32 ग्राम O से क्रिया करता है जबकि CH4 में 12 ग्राम C , 4 ग्राम H से क्रिया करता है इसलिए जब O और H आपस में संयोजित होते है तो वे भी 32:4 (अर्थात 8:1) के अनुपात में संयोजित होने चाहिए या इसके सरल अनुपात के रूप में संयोजित होने चाहिए। यदि अनुपात जल के अणु (H2O ) में भी पाया गया जिसमे H और O के भार का अनुपात 1:8 है।
5. आयतन संयोजन का नियम
यह नियम 1808 में “गैलुसेक” द्वारा दिया गया।
यह नियम कहता है कि “जब गैसे आपस में क्रिया करती है तो क्रिया करने वाले गैसों के साथ साथ उत्पादों (यदि गैस है। ) के आयतन एक सरल सम्पूर्ण संख्या के अनुपात के रूप में होते है जबकि सभी दिए गए आयतन तापमान और दाब की समान परिस्थियों में मापे जाए”
उदाहरण :
H2 (g) + Cl2(g) → 2HCl (g)
1 इकाई आयतन 1 इकाई आयतन 2 इकाई आयतन
अनुपात = 1:1:2
N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g)
1 इकाई आयतन 3 इकाई आयतन 2 इकाई आयतन
अनुपात =1:3:2