JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

श्रम उत्पादकता किसे कहते है | श्रम उत्पादकता की परिभाषा क्या है labour productivity in hindi

labour productivity in hindi meaning definition श्रम उत्पादकता किसे कहते है | श्रम उत्पादकता की परिभाषा क्या है is the main aim of labour productivity is measured by comparing.

परिभाषा :

श्रम उत्पादकता ः श्रम आदान की तुलना में निर्गत का अनुपात | श्रम के बदले कितना कार्य आदि निर्गत के रूप में , इन दोनों के अनुपात को श्रम उत्पादकता कहते है |

श्रम उत्पादकता
1950 से 1990 तक पाँच दशकों में, भारतीय उद्योग में श्रम उत्पादकता में उध्र्वगामी प्रवृत्ति रही है (देखिए तालिका 20.1)। वर्ष 1951 से 1970 तक श्रम उत्पादकता की औसत वृद्धि-दर लगभग पाँच प्रतिशत प्रतिवर्ष थी। अगले दस वर्षों में (1970 के दशक में) श्रम उत्पादकता में वृद्धि-दर काफी कम थी। यह लगभग एक प्रतिशत प्रतिवर्ष था। वर्ष 1980 और 1990 के दशक में, श्रम उत्पादकता की वृद्धि-दर फिर बढ़ी। इस अवधि में, श्रम उत्पादकता में तीव्र वृद्धि हुई थी। औसत वृद्धि-दर प्रतिवर्ष छः प्रतिशत से अधिक थी।

तालिका 20.1ः भारतीय उद्योग में, 1951 से 1997-98 तक श्रम उत्पादकता, पूँजी उत्पादकता और पूँजी गहनता की वृद्धि-दर।
लेखक अवधि श्रम उत्पादकता में पूँजी उत्पादकता में पूँजी गहनता में
वृद्धि-दर वृद्धि-दर वृद्धि-दर
गोल्डार
1951 से 1965 3.83 -1.14 5.38
1966 से 1970 5.56 -2.03 3.54
1970 से 1980 0.94 -0.13 0.81
आहलूवालिया
1965-66 से 1979-80 1.4 -1.9 3.3
1980-81 से 1985-86 8.3 0.0 8.4
त्रिवेदी इत्यादि
1973-74 से 1980-81 1.84 -0.83 2.67
1980-81 से 1990-91 6.56 -0.82 7.38
1990-91 से 1997-98 6.52 -0.56 7.08

स्रोत: बी एन गोल्डार; प्रोडक्टिविटी ग्रोथ इन इंडियन इंडस्ट्री, नई दिल्ली, एलाइड पब्लिशर्स, 1986; बी.एन. गोल्डार, ‘‘प्रोडक्टिविटी एण्ड फैक्टर यूज एफिसिएन्सी इन इंडियन इंडस्ट्री‘‘ अरुण घोष इत्यादि (संपा.) में, इंडियन इण्डस्ट्रियलाइजेशनः स्ट्रक्चर एण्ड पॉलिसी इश्यूज, दिल्लीः ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 1992 आई.जे. आहलूवालिया, प्रोडक्टिविटी एण्ड ग्रोथ इन इंडियन मैन्यूफैक्चरिंग, दिल्लीः ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 1991; पी. त्रिवेदी, ए. प्रकाश. एण्ड डी. सिनेट, ‘‘प्रोडक्टिविटी इन मेजर मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज इन इंडिया‘‘ अध्ययन सं. 20, डेवलपमेंट रिसर्च ग्रुप, डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक एनालिसिस एण्ड पॉलिसी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, मुम्बई, अगस्त, 2000

उद्देश्य
इकाई 19 में, हमने उत्पादकता की अवधारणा और माप पर चर्चा की है। यह इकाई भारतीय उद्योगों पर उन अवधारणाओं और माप पद्धतियों की अनुभवसिद्ध प्रयोज्यता से संबंधित है। यह भारत में औद्योगिक उत्पादकता पर उत्पादन वृद्धि और व्यापार नीति में उदारीकरण के प्रभावों की भी जाँच करेगी। इस इकाई को पढ़ने के बाद, आप:
ऽ विगत पाँच दशकों में भारतीय उद्योग में श्रम उत्पादकता, पूँजी उत्पादकता, पूर्ण उपादान उत्पादकता और पूँजी गहनता के रूझान के बारे में जान सकेंगे;
ऽ उत्पादकता वृद्धि में बड़े पैमाने पर अंतर-उद्योग विविधता और उत्पादकता वृद्धि में विविधता के कारणों के संबंध में जान सकेंगे;
ऽ उत्पादन वृद्धि और उत्पादकता वृद्धि के बीच संबंध समझ सकेंगे; और
ऽ भारत में औद्योगिक उत्पादकता के लिए व्यापार में उदारीकरण के प्रभाव को समझ सकेंगे।

प्रस्तावना
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् जब भारत औद्योगिकरण की ओर उन्मुख हुआ था, तो भारत का

उद्योग की प्रधानता थी। भारत न आयात-प्रतिस्थापन्न उन्मुख औद्योगिकरण की रणनीति अपनाई। घरेलू उद्योगों को सीमा शुल्क और आयात लाइसेंसों के माध्यम से विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाया गया। विविधिकरण, आत्मनिर्भरता, संतुलित क्षेत्रीय विकास, एकाधिकार पर नियंत्रण, घरेलू प्रौद्योगिकीय विकास का संवर्द्धन इत्यादि उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए औद्योगिक लाइसेन्स तथा औद्योगिक नियंत्रण के अन्य उपायों के माध्यम से पूरी सख्ती से घरेलू उद्योगों को विनियमित किया गया।

इन नीतियों के अनुसरण से भारत में बृहत् और विविधिकृत औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना में मदद मिली। तथापि, बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धा से संरक्षण और औद्योगिक विनियमन से भारतीय उद्योगों की कार्यकुशलता और उच्च लागत, एक साधारण-सी बात हो गई। औद्योगिक कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए, व्यापार और औद्योगिक सुधारों की क्रमिक प्रक्रिया 1970 के दशक के उत्तरार्द्ध में शुरू की गई जो 1985 के पश्चात् और तीव्र हो गई। भारत में 1991 के पश्चात् आर्थिक नीतियों में व्यापक सुधार की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे आप अवश्य ही अवगत होंगे। औद्योगिक फर्मों के संबंध में अधिकांश विनियमों को समाप्त कर दिया गया है। लगभग सभी वस्तुओं के आयातों पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है। सीमा शुल्कों में भी भारी कटौती की गई है।

इस पृष्ठभूमि में, हम पूछ सकते हैं कि विगत पाँच दशकों में भारतीय उद्योग का उत्पादकता कार्यनिष्पादन क्या रहा है? क्या अत्यधिक संरक्षण और सख्त औद्योगिक विनियमन की अवधि में उत्पादकता वृद्धि-दर अत्यन्त कम थी? क्या 1980 के दशकों में जब महत्त्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापार सुधार किए गए तो उत्पादकता वृद्धि में तेजी आई? इन प्रश्नों का हल हम इस इकाई में खोजेंगे।

भारतीय उद्योग में उत्पादकता के संबंध में अनेक अध्ययन किए गए हैं। प्रायः सभी अध्ययनों में केवल संगठित क्षेत्र पर विचार किया गया है अर्थात् ऐसे कारखाने जिसमें विद्युत का उपयोग हो रहा है और 10 या अधिक कर्मकार नियोजित हैं अथवा वैसे कारखाने जिसमें विद्युत का उपयोग नहीं हो रहा है किंतु 20 या अधिक कर्मकार नियोजित हैं। इन अध्ययनों में श्रम उत्पादकता, पूँजी उत्पादकता, पूर्ण उपादान उत्पादकता और पूँजी गहनता के अनुमान प्रस्तुत किए गए हैं। साधारणतया नियोजन की तुलना में वास्तविक योजित मूल्य के अनुपात के द्वारा श्रम उत्पादकता की माप की गई है। पूँजी उत्पादकता का माप स्थिर मूल्यों पर अचल पूँजी स्टॉक के मूल्य की तुलना में वास्तविक योजित मूल्य अनुपात के द्वारा किया जाता है। स्थिर मूल्यों पर प्रति कर्मचारी अचल पूँजी स्टॉक का उपयोग पूँजी गहनता के माप के लिए किया गया है। पूर्ण उपादान उत्पादकता की माप के लिए पूर्ण उपादान उत्पादकता के केनड्रिक, सोलो और ट्रांसलॉग सूचकांकों का उपयोग किया गया है। कुछ अध्ययनों ने पूर्ण उपादान उत्पादकता वृद्धि-दर के माप के लिए उत्पादन फलन का अनुमान लगाया है।

वास्तविक योजित मूल्य, चालू मूल्यों पर योजित मूल्य को पर्याप्त रूप से घटा कर प्राप्त किया गया है। अपस्फीति का अर्थ मूल्य सूचकांक की सहायता से मूल्य परिवर्तनों के लिए मूल्य योजित श्रृंखला को सही करना है। इसी प्रकार, पूँजी स्टॉक की स्थिर मूल्यों पर गणना की गई है।

बोध प्रश्न 1
1) रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
स्वतंत्रता के पश्चात् भारत ने ……………………. औद्योगिकरण रणनीति अपनाई। विदेशी प्रतिस्पर्धा से भारतीय उद्योग को प्रदान किए गए संरक्षण का स्तर ……………….. था। औद्योगिक लाइसेन्स इत्यादि के माध्यम से भी घरेलू उद्योग को ……………………. दिया जाता था। इन सबका औद्योगिक उत्पादकता पर ……………………… प्रभाव था।
2) भारतीय उद्योग के संबंध में किए गए उत्पादकता अध्ययनों में कैसे श्रम और पूँजी उत्पादकता समान रूप से मापे गए हैं?
3) सही के लिए हाँ और गलत के लिए नहीं लिखिए।
प) भारतीय उद्योगों के लिए अधिकांश उत्पादकता अध्ययनों में सिर्फ संगठित क्षेत्र पर ही विचार किया गया है। ( )
पप) पूँजी गहनता की माप आमतौर पर अचल पूँजी की तुलना में नियोजन के अनुपात से की जाती है। ( )
पपप) केनड्रिक, सोलो और ट्रांसलॉग सूचकांकों का उपयोग पूर्ण उपादान उत्पादकता की माप के लिए किया गया है। ( )
पअ) भारतीय उद्योग के संबंध में किए गए किसी भी अध्ययन में पूर्ण उपादान उत्पादकता वृद्धि की दर के माप के लिए उत्पाद फलन का अनुमान किया गया है। ( )

बोध प्रश्न 1 उत्तर
1) क्रमशः आयात-स्थानापन्न उन्मुख, उच्च, निश्चित प्रतिकूल
2) श्रम उत्पादकता: नियोजन में वास्तविक योजित मूल्य का अनुपात।
पूँजी उत्पादकता: स्थिर मूल्य पर अचल पूँजी स्टॉक के मूल्य में वास्तविक योजित मूल्य का अनुपात।
3) (प) हाँ, (पप) नहीं (पपप) हाँ (पअ) नहीं।

 

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

11 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

11 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now