हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: Geology
joints in hindi संधि in geology , वर्गीकरण , types
संधि (joints in hindi) in geology : जब किसी चट्टान पर किसी के द्वारा बलाधिकृत (तनाव बल) अथवा दाबीय फाॅर्स लगाया जाता है तो उसमे नियमित अथवा अनियमित दरारें बन जाती है। ये दरारें उनके विकास से सम्बन्ध नहीं रखती है इन्हे “joint या संधि ” कहते है। इनकी सतह सपार होती है।
संधियाँ लगभग सभी प्रकार की चट्टानों में पायी जाती है। ये क्षैतिज , ऊर्ध्वाधर या किसी कोण पर झुकी हुई हो सकती है।
सामान्यतया: शैलों में अनेक संधियाँ होती है जो की एक दूसरे के समान्तर होती है। ये समान्तर सन्धियाँ एक साथ ” संधि समुच्चय ” कहलाती है।
दो या दो से अधिक सन्धि समुच्चय किसी शैल को बड़े बड़े कोणीय blocks में तोड़ देते है। दो या दो से अधिक समुच्चय एक साथ मिलकर ” joint system ” बनाते है।
कभी कभी संधियाँ बहुत अच्छे Fracture सतह रखती है , उनकी स्थिति स्पेस में टर्म डीप व strike से दी जाती है। संधियों की dip व strike उसी प्रकार ज्ञात की जाती है जिस प्रकार अवसादी परतों की ज्ञात की जाती है।
संधियों का वर्गीकरण (Classification of joints)
उत्पत्ति के आधार पर :
1. तनाव संधि (Tension joints ) :
तनाव संधियाँ वे है जो तनाव बलों के कारण बनती है। इन संधियों की सतह खुरदरी एवं अनियमित होती है। बेसाल्ट शिलाओं की स्तम्भ संधि इसी प्रकार की होती है।
यह संधि आयतन घटने से निर्मित होती है।
2. अपरूपणी संधि (Shear joints) :
अपरूपणी संधियाँ वे है जो किसी शैल के वलन एवं भ्रंश में संपीडन बलों में शामिल हो जानें से बनती है। इन संधियों में स्पष्ट कट होते है और बहुत अधिक नजदीक होते है।
अपरूपणी संधियां वहाँ प्राप्त होती है जहाँ दो sets conjugate joint system से उच्च कोण पर intersect हो।
अन्य संधियाँ
वलन के अक्ष के लंबवत जो संधि पायी जाती है उन्हें विस्तार संधि (extension joints) तथा वलन अक्ष के समान्तर जो संधि पायी जाती है उन्हें मोचन सन्धि (Release joints) कहते है।
ज्यामितीय वर्गीकरण :
1. नतिलम्ब संधि : (strike) संधि जो किसी क्षेत्रीय शैल की नतिलम्ब के समानांतर गति करे तो वह ” नतिलंब संधि ” कहलाती है।
2. नति संधि : (dip) वह संधि जो क्षेत्रीय शैल की नति की दिशा के समानांतर गति करे तो ” नति संधि ” कहलाती है।
3. तिर्यक संधि : (oblique) यदि संधि तल का नतिलम्ब संस्तरों के नति या नतिलम्ब का अनुसरण न करे वरन इन दोनों दिशाओं के बीच में हो तो उसे तिर्यक या विकर्णी संधि कहते है।
तनाव संधियाँ वे है जो तनाव बलों के कारण बनती है। इन संधियों की सतह खुरदरी एवं अनियमित होती है। बेसाल्ट शिलाओं की स्तम्भ संधि इसी प्रकार की होती है।
यह संधि आयतन घटने से निर्मित होती है।
2. अपरूपणी संधि (Shear joints) :
अपरूपणी संधियाँ वे है जो किसी शैल के वलन एवं भ्रंश में संपीडन बलों में शामिल हो जानें से बनती है। इन संधियों में स्पष्ट कट होते है और बहुत अधिक नजदीक होते है।
अपरूपणी संधियां वहाँ प्राप्त होती है जहाँ दो sets conjugate joint system से उच्च कोण पर intersect हो।
अन्य संधियाँ
वलन के अक्ष के लंबवत जो संधि पायी जाती है उन्हें विस्तार संधि (extension joints) तथा वलन अक्ष के समान्तर जो संधि पायी जाती है उन्हें मोचन सन्धि (Release joints) कहते है।
ज्यामितीय वर्गीकरण :
1. नतिलम्ब संधि : (strike) संधि जो किसी क्षेत्रीय शैल की नतिलम्ब के समानांतर गति करे तो वह ” नतिलंब संधि ” कहलाती है।
2. नति संधि : (dip) वह संधि जो क्षेत्रीय शैल की नति की दिशा के समानांतर गति करे तो ” नति संधि ” कहलाती है।
3. तिर्यक संधि : (oblique) यदि संधि तल का नतिलम्ब संस्तरों के नति या नतिलम्ब का अनुसरण न करे वरन इन दोनों दिशाओं के बीच में हो तो उसे तिर्यक या विकर्णी संधि कहते है।
Description of common joints :
1. Bedding joints : वे संधियां जो अवसादी शैलों में बेडिंग प्लेन के समानान्तर स्थित होती है बेडिंग संधियां कहलाती है।
2. Master joints : अवसादी शैलो संधियाँ सामान्तया: दाएं कोण के निकट दो दिशाओं में गति करती है। संधियों का एक समुच्चय नति की दिशा के समान्तर गति करता है। इनमे से संधियों समुच्चय बहुत अधिक विकसित होता है और बहुत दूर तक विकसित होता है ऐसी विकसित संधियों को “master joints ” कहते है।
3. primary joints : आग्नेय शैलों में संधियां मेग्मा के ठंडा होने व जमने से बनती है इस प्रकार की संधियां ” primary joints ” कहलाती है।
ये तीन प्रकार की होती है
- mural joints
- sheet joints
- columnar joints
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
11 hours ago
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
12 hours ago
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
2 days ago
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
2 days ago
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
3 months ago
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…
3 months ago