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अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा क्या है , अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा टेढ़ी-मेढ़ी क्यों है , कितनी बार विचलित होती है , मुड़ी international date line in hindi
international date line in hindi , अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा क्या है , अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा टेढ़ी-मेढ़ी क्यों है , कितनी बार विचलित होती है , कितनी बार मुड़ी हुई है :-
विषुव (equinox) : पृथ्वी की कक्षा में वह स्थिति जब सूर्य विषुवत रेखा के ठीक ऊपर स्थित होता है उसे विषुव कहते है।
इस दौरान पृथ्वी पर सभी स्थानों पर 12 घंटे का दिन और 12 घन्टे की रात होती है।
विषुव की स्थिति 1 वर्ष में 2 बार बनती है –
1. बसंत विषुव (21 मार्च)
2. शरद विषुव (23 सितम्बर)
अयनांत (solstice) : वह स्थिति जब सूर्य 23.5 अक्षांश के ठीक ऊपर स्थित होता है उस अयनांत कहते है।
अयनांत की स्थिति वर्ष में 2 बार बनती है।
1. ग्रीष्म अयनांत (21 जून) : इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लम्बा दिन होता है तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे लम्बी रात होती है।
2. शीत अयनांत (22 दिसम्बर) : इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लम्बी रात और दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे लम्बा दिन होता है।
अक्षांश और देशांतर (latitudes and longitudes)
अक्षांश तथा देशांतर का उपयोग किसी भी स्थान की पृथ्वी पर विशिष्ट स्थिति का निर्धारण करने के लिए किया जाता है।
अक्षांश तथा देशांतर पृथ्वी पर एक रेखा तंत्र का निर्माण करते है जिसे रेखा तंत्र कहते है।
अक्षांश (latitudes) : पृथ्वी की सतह पर किसी भी स्थान का अक्षांश उस स्थान की विषुवत रेखीय तल से कोणीय दूरी दर्शाता है।
पृथ्वी पर कुल 181 मानक अक्षांश दर्शाए जाते है। अक्षांश रेखाएँ 179 होती है क्योंकि ध्रुवों पर केवल एक बिन्दु मात्र होता है। अक्षांश रेखाएं एक दुसरे के समांतर चलती है। दो मानक अक्षांश रेखाओ के बीच लगभग 111 किलोमीटर की दूरी होती है। अक्षांश रेखाएँ एक सम्पूर्ण वृत्त का निर्माण करती है।
ध्रुवीय क्षेत्रो की ओर बढ़ने पर अक्षांश रेखाओ की लम्बाई कम होती जाती है।
अक्षांश बढने के साथ तापमान कम होता है।
90 अक्षांश पर स्थित ध्रुवीय क्षेत्र सबसे ठण्डे है।
प्रमुख अक्षांश (major latitudes) :
0-30 डिग्री – निम्न अक्षांश (lower latitude)
30-60 डिग्री – मध्य अक्षांश (mid latitudes)
60-90 डिग्री – उच्च अक्षांश (higher latitude)
देशांतर (longitudes) :
कुल देशान्तर = 180E + 180W + 0 = 361
देशांतर रेखाएँ = 360
देशांतर : पृथ्वी की सतह पर किसी भी स्थान का देशांतर उस स्थान की प्रधान मध्याह्न रेखीय तल से पूर्व तथा पश्चिम में कोणीय दूरी दर्शाता है। पृथ्वी पर कुल 361 मानक देशांतर दर्शाए जाते है। देशांतर रेखायें 360 होती है। क्योंकि 180 डिग्री पूर्वी देशांतर एवं 180 डिग्री पूर्वी देशांतर एवं 180 डिग्री पश्चिमी देशांतर की रेखा एक ही होती है।
देशांतर रेखा एक अर्द्ध वृत्त का निर्माण करती है। सभी देशान्तर रेखाओ की लम्बाई समान होती है। देशांतर रेखाओ के बीच की दूरी ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर बढ़ने पर कम हो जाती है। देशांतर रेखाओ के बीच सर्वाधिक दूरी विषुवत रेखीय क्षेत्र में पायी जाती है। जो लगभग 111 किलोमीटर होती है।
देशांतर का उपयोग स्थानीय समय गणना के लिए किया जाता है।
स्थानीय समय गणना (local time calculation)
1884 में अन्तराष्ट्रीय देशांतर सम्मलेन हुआ था , जिसमे स्थानीय समय गणना के मानक निर्धारित किये गए थे। इस सम्मलेन में ग्रीन विच से गुजरने वाले देशांतर को प्रधान मध्यान रेखा घोषित किया गया था।
यहाँ के समय को अन्तराष्ट्रीय समय निर्धारित कर लिया गया।
इसे Greanwich mean time (GMT) कहते है।
अन्तराष्ट्रीय समय (international standard time) (IST)
यह रेखा ग्रीन विच देशांतर UK , फ़्रांस , स्पेन , अल्जीरिया , माली , बुर्किना फासो , घाना , टोगो , अंटार्कटिका देशो से गुजरती है।
स्थानीय समय गणना के लिए देश ऐसा देशांतर चुनते है जो 15 या 7.5 से विभाजित होता हो।
भारत के स्थानीय समय गणना के लिए 82.5 पूर्वी देशांतर को चुना है।
भारत का समय GMT से 5.5 घंटे आगे है।
बहुत से देशों में से 1 से अधिक काल खण्ड होते है।
जैसे :
फ्रांस में – 12
रूस में – 11
USA में – 11
अंटार्कटिका में – 10
UK – 9
अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा (international date line) : तिथि रेखा 180 डिग्री पूर्वी तथा पश्चिमी देशांतर के समान्तर चलती है।
तिथि रेखा के पूर्व में पश्चिमी गोलार्द्ध स्थित है तथा तिथि रेखा के पश्चिम में पूर्वी गोलार्द्ध स्थित है।
तिथि रेखा को पूर्व से पश्चिम की ओर पार करने पर एक तिथि बढ़ जाती है।
तिथि रेखा को पश्चिमी गोलार्द्ध से पूर्वी गोलार्द्ध की ओर पार करने पर एक तिथि बढ़ जाती है। तिथि रेखा कुछ स्थानों को बचाने के लिए थोडा मुडती है वे स्थान निम्न है –
1. पूर्वी साइबेरिया
2. अल्युशियन द्वीप
3. प्रशांत महासागर द्वीप
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