JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

अचालक या परावैद्युत या विद्युत रोधी किसे कहते है (insulator meaning in hindi) , उदाहरण परिभाषा क्या है

उदाहरण परिभाषा क्या है , (insulator meaning in hindi) , अचालक या परावैद्युत या विद्युत रोधी किसे कहते है ? कुचालक पदार्थ क्या होते है ?

अचालक (insulator) : अचालक वे पदार्थ होते है जिनसे होकर विद्युत प्रवाह नहीं हो सकता है। अचालकों के सामान्य उदाहरण रबर , प्लास्टिक , काँच , मोम , अभ्रक , एबोनाइट आदि है। इन पदार्थो में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या नगण्य होती है अर्थात इनमे न के बराबर मुक्त इलेक्ट्रॉन होते होते है या मुक्त इलेक्ट्रॉन अनुपस्थित होते है।

दुसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि इन पदार्थो के परमाणुओं में सभी इलेक्ट्रॉन बद्ध (बंधे हुए) होते है और वे मुक्त रूप से गति नहीं कर सकते है।

चूँकि अचालकों में मुक्त रूप से विचरण करने वाले आवेश नहीं होते है इसलिए इनसे होकर विद्युत का चालन संभव नहीं है।

यह याद रखने योग्य बात है कि अचालकों को ही परावैद्युत पदार्थ कहते है। स्वभाविक है कि परावैद्युत माध्यमों से भी विद्युत का प्रवाह नहीं हो सकता है लेकिन बाहरी वैद्युत क्षेत्र में रखने पर इन अचालकों (परावैद्युत) की सतह पर प्रेरित आवेश एकत्र हो जाता है। इस तरह हम परावैद्युत की परिभाषा निम्न प्रकार से दे सकते है –

“वे अचालक पदार्थ जो चालन के बिना विद्युत प्रभाव को प्रदर्शित करते है उन्हें परावैद्युत पदार्थ कहते है। ”

जब चालक पदार्थ को कोई आवेश दिया जाता है तो यह आवेश बहुत तेजी से चालक की सतह पर फ़ैल जाता है लेकिन अचालक को दिया गया आवेश वही पर ठहर कर रह जाता है जहाँ से आवेशित किया गया है।

जब नायलोन या प्लास्टिक की कंघी से सूखे बालों को कंघी करते है तो कंघी आवेशित हो जाती है लेकिन धातु की छड को रगड़ने पर वह आवेशित नहीं होती है क्योंकि उत्पन्न आवेश शरीर से होते हुए पृथ्वी में चले जाते है। शरीर और पृथ्वी दोनों ही विद्युत के चालक है।

जब हम किसी आवेशित वस्तु को पृथ्वी के सम्पर्क में लाते है तो उसका अतिरिक्त आवेश जोड़ने वाली चालक (उदाहरण – हमारा शरीर) में से होते हुए क्षणिक विद्युत धारा उत्पन्न करके भूमि में चला जाता है। आवेश का भूमि में जाना भू-सम्पर्कण (ग्राउंडिंग या अर्थिंग) कहलाता है।

भूसम्पर्कण विधुत परिपथों और अनुप्रयुक्तियो की सुरक्षा के लिए की गयी एक व्यवस्था है। धातु की एक मोटी प्लेट को भूमि में गहराई तक गाडा जाता है और इस प्लेट से मोटे तारों को निकालकर भवनों में इन तारों का उपयोग मुख्य आपूर्ति के निकट भू-सम्पर्कण के लिए किया जाता है। घरो में आपूर्ति के लिए तीन तारों का उपयोग किया जाता है –

1. उदासीन तार

2. विद्युन्मय तार

3. भूसम्पर्क तार

इनमे उदासीन व विद्युन्मय तार विद्युत् शक्ति को मुख्य लाइन से युक्तियो तक ले जाते है एवं तीसरा तार (भूसम्पर्क तार) भूमिगत प्लेट से जोड़ा जाता है। प्रेस , टेलिविज़न , रेफ्रीजरेटर , कूलर आदि युक्तियों के आवरण भूसम्पर्क तार से जुड़े होते है।

जब परिपथ में कोई त्रुटी होती है या विद्युन्मय तार का धातु के आवरण से स्पर्श होने पर आवेश भूमि में प्रवाहित हो जाता है और युक्तियो को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है अर्थात युक्तियाँ सुरक्षित रह जाती है , साथ ही साथ उपयोग कर्ता को भी कोई हानि नहीं होती है अर्थात विद्युत का झटका आदि नहीं लगता है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now