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input and output impedance of op amp in hindi OP AMP की निवेश तथा निर्गम प्रतिबाधा क्या है
OP AMP (operational amplifier) की निवेश तथा निर्गम प्रतिबाधायें (INPUT AND OUTPUT IMPEDANCES OF OP AMP) आदर्श OP AMP में निवेश प्रतिरोध अत्यधिक तथा निर्गम प्रतिरोध अत्यल्प होता है परन्तु पार्श्व प्रतिबाधा (shunt impedance) द्वारा पुनर्निवेश करने से निवेश तथा निर्गम प्रतिबाधाओं के मान में परिवर्तन किया जा सकता है। इस अनुच्छेद में OP AMP की दोनों विधाओं में निवेश तथा निर्गम प्रतिबाधायें ज्ञात करते हैं।
(i) प्रतिलोमी प्रवर्धक (Inverting amplifier) इस प्रवर्धक के ॠण निवेश टर्मिनल पर Vi वोल्टता प्रतिबाधा Z1 द्वारा निवेश करते हैं जिससे धारा I1 प्रवाहित होती है। निवेश प्रतिबाधा (पुनर्निवेश के साथ)
तः प्रतिलोमी प्रवर्धक की निवेश प्रतिबाधा Zi प्रतिबाधा Z1 के मान पर निर्भर करती है न कि OPAMP के वोल्टता लब्धि पर । अब हम प्रतिलोमी प्रवर्धक की निर्गम प्रतिबाधा ज्ञात करते हैं।
4 OP AMP की आन्तरिक वोल्टता लब्धि A=- Vo/V1 होती है इसलिए V1 = Vo/A उपरोक्त समीकरण में
यदि इस प्रवर्धक में पुनर्निवेश नहीं है तो Zf = 0 होगा अर्थात् पुनर्निवेशन रहित निर्गम प्रतिबाधा
समीकरण (4) व (5) से पुनर्निवेशन सहित प्रतिलोमी प्रवर्धक की निर्गम प्रतिबाधा
अत: OP AMP की वोल्टता लब्धि A अत्यधिक होने के कारण निर्गम प्रतिबाधा का मान अत्यल्प रहता है।
(ii) अ – प्रतिलोमी प्रवर्धक (Non-inverting Amplifier) अ-प्रतिलोमी प्रवर्धक की निर्गम तथा निवेश प्रतिबाधा ज्ञात करने के लिए पिछले अनुच्छेद (9.4) के समीकरण ( 10 ) का उपयोग करते हैं।
9.6 निवेश ऑफसेट धारा ( INPUT OFFSET CURRENT)
यदि भेद प्रवर्धक या OPAMP के निवेश टर्मिनलों पर कोई वोल्टता निवेशित नहीं की जाय या समान वोल्टता निवेश हो तो आदर्श स्थिति में निर्गम वोल्टता का मान शून्य होना चाहिए अर्थात् V0 = 0 जब V1 = V2 या V1 = V2 = 0 परन्तु व्यावहारिक रूप से यह देखा गया है कि ट्रांजिस्टरों के कुमेलन (mismatch) या निवेश संकेत वोल्टताओं के असन्तुलन या निर्माण त्रुटियों के कारण समान या शून्य निवेश पर निर्गम वोल्टता का मान शून्य नहीं हो पाता है । किन्हीं कारणों से OPAMP के दोनों निवेश टर्मिनलों पर प्रवाहित दिष्ट बायसन धारायें I1 व I2 अत्यल्प होते हुए भी समान नहीं होती तथा इनका अन्तर OPAMP को ऑफसेट कर देता है अर्थात् शून्य निवेश के लिए निर्गम वोल्टता का मान शून्य नहीं हो पाता है। इन अभिनति धाराओं का अन्तर निवेश ऑफसेट धारा (input offset current) कहलाती है।
निर्गम प्रतिरोध अत्यल्प होता है तो चित्र (9.6-1) में दर्शाये गये पुनर्निवेशन प्रतिरोध Rf के निर्गम टर्मिनल को दिष्ट धारा के लिए लगभग भू सम्पर्कित माना जा सकता है। OPAMP के ऋण टर्मिनल पर धारा I1 R1 तथा Rf के समान्तर परिपथ से प्राप्त परिणामी धारा है। अतः इस टर्मिनल पर
निवेश वोल्टता
ऋण टर्मिनल पर यह निवेश वोल्टता प्रवर्धक को ऑफसेट कर देता है क्योंकि धन टर्मिनल पर वोल्टता शून्य है। धन टर्मिनल पर एक प्रतिरोध R2 लगाकर यह कम किया जा सकता है जैसा कि चित्र (9.6-2) में दर्शाया गया है। इस स्थिति में धन टर्मिनल पर निवेश वोल्टता
V2 = 12 R2
यदि OP AMP का वोल्टता लब्धि A है तो निर्गम वोल्टता
निर्गम ऑफसेट को न्यूनतम करने के लिये
प्रतिरोध R2 का यह मान निवेश ऑफसेट धारा Io = I2 – I1 ) के प्रभाव को न्यूनतम् कर देता है जब I2 तथा I1 समान नहीं होते हैं। R2 का उपयुक्त मान लेकर Vo शून्य किया जा सकता है परन्तु यह संतुलन I1 व I2 के निश्चित मान के लिये ही होगा I1 व I2 नियत नहीं होते हैं व इनका मान परिपथ अवस्था तथा ताप पर निर्भर होता है। अभिनति धारा अन्तर (I2 – I1) या ऑफसेट धारा के कारण निर्गम ऑफसेट वोल्टता Vos = Vo/A R2 (I2 – I1 ) के तुल्य होगी। जैसा कि चित्र (9.6-3) में दिखाया गया है, यदि Vos मान की अतिरिक्त वोल्टता धन टर्मिनल पर प्रयुक्त की जाय तो उपरोक्त असंतुलन को समाप्त किया जा सकता है। यह अतिरिक्त वोल्टता बाह्य परिपथ में अथवा आंतरिक रूप से प्रवर्धक में लगाई जा सकती है। इसके लिए बहुधा एक पोटेंशियोमीटर (potentiometer) प्रयुक्त किया जाता है जहाँ Vos = VR 2/ (R + R2 ) (चित्र 9.6-4)। दोनों निवेश भू-सम्पर्कित रख कर निर्गम पर प्राप्त ऑफसेट वोल्टता Vo तथा प्रवर्धक लब्धि A का अनुपात निवेश ऑफसेट वोल्टता (input offset voltage) Vos कहलाती है।
Vos = Vo/A (निवेश वोल्टतायें शून्य )
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