JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

हाइड्रोजन बंध , वांडरवाल बंध hydrogen bond and wonderwall bond in hindi

(wonderwall bond in hindi ) वांडरवाल बंध : वान्डर वाल बल द्वारा atoms में उत्पन्न द्विध्रुव बल द्वारा बने bond को molecular बंध या वान्डरवाल बल कहते है।

या

वान्डरवाल बल के द्वारा polar अणु व ध्रुवित अणुओ द्वारा ध्रुवित अणुओ के मध्य लगने वाले बल के कारण बंध बनता है इसे हम वान्डर वाल बल कहते है।  (आण्विक बंध)

अभिलाक्षणिक गुण

1. B.E : इनकी B.E बहुत कम होती है।
2. B.E तथा M.P : B.E and M.P बहुत कम होते है। सामान्य ताप पर ये सब गैसीय अवस्था में होते है।
3. चालकता : ये क्रिस्टल कुचालक होते है।
4. optical property : ये क्रिस्टल पारदर्शी होते है।
5. Compressibility :  ये क्रिस्टल संपीड्य होते है।
उदाहरण : Ne , Ar , हाइड्रोजन , oxigen आदि।

हाइड्रोजन बंध (hydrogen bond)

highly विद्युतऋणी atom द्वारा hydrozen के साथ बनाया गया bond H-बंध कहलाता है।  जिसके कारण हाइड्रोजन पर आंशिक धनात्मक व E.N atom पर आंशिक ऋणात्मक आवेश आ जाता है।  ये molecular polar molecules की तरह व्यवहार करते है।

अभिलाक्षणिक गुण

1. B.E : low होती है।
2. बहुलीकरण की प्रवृति होती है।
3. यह बंध दिशात्मक होता है।
उदाहरण : HF , DNA आदि।

Binding energy and Ionic Crystal :

अणुओं में B.E electron बंधुता I.P व lattice energy के योग के बराबर होती है।

1. E.A. (electron affinity) : उदासीन परमाणु 1 electron ग्रहण कर ऋणात्मक आयन बनाता है तो electron को ग्रहण करने के लिए जितनी energy की आवश्यकता होती है उसे electron affinity कहते है।
2. I.P : उदासीन परमाणु में से 1 electron बाहर निकालने के लिए जितनी energy की जरुरत होती है उसे हम I.P. कहते है।
3. lattice energy : जब किसी धनात्मक आयन को ऋणात्मक आयन के पास लाया जाता है तो आकर्षण बल लगता है। जिसके कारण इससे सम्बद्ध उर्जा कुलोम्बिक energy कहलाती है।
अत: कुल उर्जा  (E) = Ea + Ei + El
उदाहरण : NaCl
NaCl एक घनीय आकृति है।
कूलाम उर्जा ज्ञात करने के लिए एक NaCl cube में जिसकी प्रत्येक आयन को निकटतम दूरी a है।
NaCl crystal में एक Na धनात्मक आयन 6 Cl ऋणात्मक आयन द्वारा घिरे हुए है।

प्रतिकर्षण P.E. :

जब आयनों के मध्य प्रतिकर्षण बल लगता है तो दोनों आयनों को पास लाने के लिए कार्य करना पड़ता है
अर्थात
आयनों के मध्य दूरी न्यूनतम रखने के लिए आवश्यक energy lattice energy या repulsive P.E कहलाती है।
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now