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आसवन द्वारा पदार्थ का शुद्धिकरण कैसे करते है ? चित्र बनाकर समझाइये। how to purify water using distillation
प्रश्न 30 : आसवन द्वारा पदार्थ का शुद्धिकरण कैसे करते है ? चित्र बनाकर समझाइये।
उत्तर : इस विधि द्वारा उन द्रवों के मिश्रण को पृथक किया जाता है जिन द्रवों के क्वथनांको में अधिक अंतराल होता है , अर्थात जब दो ऐसे द्रव जिनके क्वथनांको में अधिक अन्तर पाया जाता है वे आपस में मिश्रित हो तो ऐसे मिश्रण विलयन में से दोनों द्रवों को अलग अलग आसवन विधि द्वारा करते है।
यहाँ द्रवों के क्वथनांक में अधिक अंतर का तात्पर्य है कि एक पदार्थ या द्रव का क्वथनांक का मान बहुत कम होता है और दुसरे द्रव के क्वथनांक का मान बहुत अधिक होता है , जब ऐसे द्रव मिलकर कोई मिश्रण बनाते है तो ऐसे मिश्रण में से इन द्रवों को आसवन विधि द्वारा पृथक किया जाता है।
आसवन पृथक्करण की एक भौतिक विधि होती है अर्थात इसमें केवल पदार्थ की अवस्था परिवर्तित होती है जो कि भौतिक परिवर्तन होता है , इस विधि में रासायनिक परिवर्तन नहीं होता है इसलिए यह विधि रासायनिक विधि नहीं है।
उदाहरण : शुद्ध जल प्राप्त करने के लिए या नमक जैसे अशुद्धि को दूर करने के लिए पानी का आसवन किया जाता है जिससे शुद्ध पानी प्राप्त होता है और अशुद्धियाँ पृथक हो जाती है।
यहाँ द्रवों के क्वथनांक में अधिक अंतर का तात्पर्य है कि एक पदार्थ या द्रव का क्वथनांक का मान बहुत कम होता है और दुसरे द्रव के क्वथनांक का मान बहुत अधिक होता है , जब ऐसे द्रव मिलकर कोई मिश्रण बनाते है तो ऐसे मिश्रण में से इन द्रवों को आसवन विधि द्वारा पृथक किया जाता है।
आसवन पृथक्करण की एक भौतिक विधि होती है अर्थात इसमें केवल पदार्थ की अवस्था परिवर्तित होती है जो कि भौतिक परिवर्तन होता है , इस विधि में रासायनिक परिवर्तन नहीं होता है इसलिए यह विधि रासायनिक विधि नहीं है।
उदाहरण : शुद्ध जल प्राप्त करने के लिए या नमक जैसे अशुद्धि को दूर करने के लिए पानी का आसवन किया जाता है जिससे शुद्ध पानी प्राप्त होता है और अशुद्धियाँ पृथक हो जाती है।
आसवन विधि द्वारा पदार्थ के शुद्धिकरण के लिए काम में लिया जाने वाला उपकरण चित्र –
प्रक्रिया : माना हमारे पास जल और एसीटोन का एक मिश्रण है हमें इस मिश्रण में से दोनों पदार्थो को अर्थात जल और एसीटोन को अलग करना है जिसे हम आसवन विधि द्वारा करते है।
सबसे पहले हम जल और एसीटोन के मिश्रण को आसवन फ्लास्क में डालते है , इस फ्लास्क में एक थर्मामीटर भी लगा होता है जो हमें ताप का मान बताता है।
इस फ्लास्क से एक नली को चित्रानुसार व्यवस्थित करते है और इस नली के दुसरे सिरे पर पात्र रखते है जिसमें शुद्ध द्रव को प्राप्त करना है।
अब मिश्रण को धीरे धीरे गर्म किया जाता है और समय समय पर थर्मामीटर का अवलोकन करते है , चूँकि एसीटोन का क्वथनांक कम होता है इसलिए जिस पदार्थ की वाष्प कम ताप पर बनने लगे वह एसीटोन है , एसीटोन की वाष्प बनकर नली से जाती हुई ठंडी हो जाती है और द्रव में बदलकर पात्र में प्राप्त हो जाती है , इस प्रकार पात्र में प्राप्त द्रव शुद्ध अवस्था में एसीटोन है और फ्लास्क में जो शेष बचता है वह जल है।
इस प्रकार आसवन विधि द्वारा जल और एसीटोन पदार्थो को पृथक किया जाता है।
tag in English : how to purify water using distillation ?
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