प्रतिबंधन एन्जाइम (RE) की परिभाषा क्या है , विशेषताएं लक्षण/गुण , प्रकार , नामकरण

Prohibition enzyme RE in hindi  जैव-प्रोद्योगिकी के साधन और जैव-तकनीक के उपकरण प्रतिबंधन एन्जाइम (RE) की परिभाषा क्या है , विशेषताएं लक्षण/गुण , प्रकार , नामकरण

1 प्रतिबंधन एन्जाइम (RE) : DNA  को काटकर छोटे टुकडों में बदलने वाले विषेष एन्जाइम को प्रतिबंधन एन्जाइम कहते है।

 RE  कीे विशेषताएं लक्षण/गुण:-

1 ये वाँछित क्छ।एवं वाहक DNA को काटते है।

2 ये प्राकृतिक रूप में सूक्ष्म जीवों में पाये जाते है अब तक 900 से अधिक RE ज्ञात किये जा चुके है जो 230 जीवाणुओं के प्रभेदों से प्राप्त हुए।

3 ये जीवाणु DNA का अपघटन नहीं करते है।

4 ये जीवाणुओं पर आक्रमण करने वाले DNA /वायरस के DNA का अपघटन करते है।

5 ये DNA  के 4’6 न्यूक्लिओटाइड क्ष्द्वारकों को पहचानते है जिन्हें अभिज्ञेय स्थल पेलिन्ड्रोम न्यक्लिओटाइड कहते है। DNA के 4’6 खण्ड लम्बे क्षारकों के अनुक्रम जिन्हें पडने का अभिविन्यास समान होने पर क्षारकों का क्रम भी समान होता है।

6 RE DNA  न्यूक्लिओटाइडो की सम्पूर्ण लम्बाई में निरीक्षण करता है।

7 अभिज्ञेय स्थल के प्राप्त होने पर दोनो लडियों को षर्करा फास्फोरस बंधों के मध्य काट लेता है।

8 DNA लडियो के कटे हुए एक लडिये सिरे चिपचिपे हो जाते है यह चिपचिपान DNA के चिपकने में मदद करता है।

9 दो अलग-अलग DNA के एक लडिये सिरो को लाइगेज एन्जाइम की सहायता से आपस में जोड देते है। इस प्रकार पुनर्योगज DNA प्राप्त होता है।

पुनर्योगज DNA चित्र

RE प्रकार:-दो प्रकार के होते है:-

1-एक्सोन्यूक्लिऐजेज:-ये DNA के सिरो से न्यूक्लिओटाइड को अलग करते है।

2-एण्डोन्यूक्लिऐजेज:- ये DNA को भीतर से विषेष पहचान अनुक्रम पर काटता है।

RE को नामकरण:-

1 RE के नाम का प्रथम अक्षर जिस सूक्ष्म जीव से वह प्राप्त होता है उसका प्रथम अक्षर होता है।

2 RE का दूसरा और तीसरा अक्षर सूख्म जीव की जाति के पहले और दूसरे अक्षर होते है।

3 RE का प्रथम अक्षर बडे अक्षरों में तथा दूसरा और तीसरा अक्षर छोटे अक्षरों में लिखते है।