मरकरी सेल या मर्करी सैल क्या है , कार्यप्रणाली , संरचना चित्र , एनोड कैथोड किसका बना होता है (mercury cell in hindi)

(mercury cell in hindi) मरकरी सेल या मर्करी सैल क्या है , कार्यप्रणाली , संरचना चित्र , एनोड कैथोड किसका बना होता है : ये सेल या बैटरी आकार में बहुत ही छोटी होती है इसलिए इनका उपयोग उन उपकरणों में किया जाता है जो आकार में बहुत छोटे होते है जैसे हाथ की घडी में लगने वाला सेल , केलकुलेटर आदि में लगने वाला सेल मर्करी सेल प्रकार का होता है। इस प्रकार के सेलों से स्थिर वोल्टता प्राप्त की जा सकती है , इनसे लगभग 1.35 वोल्ट विद्युत वाहक बल प्राप्त किया जाता है। ये सेल तुलनात्मक रूप से अधिक महंगे होते है इनका उपयोग कैमरा आदि में भी किया जाता है।
कभी कभी यह प्रश्न पूछ लिया जाता है कि मर्करी सेल में एनोड और कैथोड किस धातु या पदार्थ के बने हुए होते है ?
याद रखिये कि मरकरी सेल में एनोड जिंक (Zn) धातु का बना होता है और कैथोड ग्रेफाईट का बना होता है , इन दोनों इलेक्ट्रोडो के मध्य में HgO और KOH का नमी युक्त पेस्ट भरा हुआ रहता है , यह HgO और KOH का गिला पेस्ट विद्युत अपघट्य की तरह कार्य करता है।
जिंक (Zn) एनोड और विद्युत अपघट्य के मध्य में बहुत सारे छिद्र वाला (संरंध्र) कागज़ रखा जाता है जो एनोड (Zn) और विद्युत अपघट्य को अलग अलग रखता है।
जब मरकरी सेल डिस्चार्ज होता है तब इस सेल पर होने वाली अभिक्रिया निम्न है –
एनोड पर क्रिया –
Zn (Hg) + 2OH– →Zn (OH)2+2e–
कैथोड पर अभिक्रिया –
HgO + H2O + 2e– →Hg + 2OH–
अत: मर्करी सेल पर होने वाली कुल अभिक्रिया निम्न प्रकार है –
Zn (Hg) + HgO(s) →Zn (OH)2+ Hg(l)
मर्करी सेल एक स्थिर 1.35 वोल्ट की स्थिर विद्युत उत्पन्न करता है इसका कारण यह है कि इस सेल की पूर्ण अभिक्रिया के दौरान आयनों की सांद्रता में कोई परिवर्तन नहीं होता है अर्थात इस सेल में आयनों की संख्या शुरू से लेकर अंत तक अभिक्रिया में समान रहती है और इसलिए यह स्थिर विद्युत देता है।
इन सेलों को एक बार उपयोग में लेने के बाद पुन: उपयोग में नहीं लिया जा सकता है तथा उपयोग में लेने के बाद इन सेलों के पदार्थ तीव्रता के साथ विषाक्त होते है इसलिए इन सेलों को उपयोग में लाने के बाद सही तरीके से नष्ट करना जरुरी है।