समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में आयताकार कुण्डली की घूर्णन गति के कारण उत्पन्न विद्युत वाहक बल (वि.वा.बल)

(Induced emf due to rotation of a rectangular coil in uniform magnetic field ) समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में आयताकार कुण्डली की घूर्णन गति के कारण उत्पन्न विद्युत वाहक बल (वि.वा.बल)  : मान लीजिये एक B समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में एक आयताकार कुण्डली रखी हुई है , इसे चित्र में abcd द्वारा दर्शाया गया है।
इस आयताकार कुण्डली abcd को इस प्रकार रखा जाता है की इसकी घूर्णन की अक्ष चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत हो।
अब इस आयताकार कुण्डली को w कोणीय वेग से घुमाया जाता है , घुमाने पर हम देखते है की कुण्डली abcd के तल तथा चुम्बकीय क्षेत्र में मध्य कोण θ लगातार बदलता रहता है।
चूँकि हम जानते है की चुम्बकीय फ्लक्स का मान पृष्ठ के तल तथा चुम्बकीय क्षेत्र में मध्य बने कोण पर निर्भर करता है अत: स्पष्ट है की यहाँ लगातार कोण θ परिवर्तित होने से कुण्डली abcd से गुजरने वाला फ्लक्स का मान भी लगातार परिवर्तित होगा।
कुण्डली से संबद्ध फ्लक्स में लगातार परिवर्तन से कुंडली में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल भी लगातार बदलता रहेगा।
मान लेते है किसी क्षण t पर कुण्डली क्षेत्रफल सदिश A तथा चुंबकीय क्षेत्र B के मध्य θ कोण बना हुआ है तथा इस आयताकार कुण्डली में फेरो की संख्या N है तो इस कुण्डली से सम्बंधित चुम्बकीय फ्लक्स का मान निम्न होगा
ϴ = NBAcosθ
 चूँकि यहाँ कोणीय गति हो रही है अतः θ = wt
अतः
ϴ = NBA.cos(wt) 
चूँकि t समय के साथ चुम्बकीय फ्लक्स का मान परिवर्तित हो रहा है अत: फैराडे के नियमानुसार कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान 
E = dϴ/dt 
सूत्र में फ्लक्स ϴ का मान रखने पर 
 E = dNBA.cos(wt)/dt 
अवकलन हल करने पर 
E = NBAwsin(wt)
यदि θ = wt = 90 तो
E = NBAw
यह कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल का अधिकतम मान है। 
प्रेरित विद्युत वाहक बल तथा कोण θ के मध्य ग्राफ खीचने पर यह निम्न प्रकार प्राप्त होता है