JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Biology

हार्डी वेनवर्ग साम्यावस्था (समीकरण) , विकास की क्रियाविधि ( साल्टेशन)

Hardy Weinberg equilibrium हार्डी वेनवर्ग साम्यावस्था (समीकरण)  विकास की क्रियाविधि ( साल्टेशन) :-

डार्विन के अनुसार विभिन्नताएं विकास का कारण है ये विभिन्नताएं छोटी-2 एवं दिषावाहन लेती है युगो डी ब्रीज में एवनीग प्रिमरोज पादप पर प्रयोग करते हुए बताया कि जीवों ने अचानक परिवर्तन हो जाते है तथा इनसे उत्परिवर्तन करना। उत्परिवर्तन यदृच्छिक एवं दिषा लीन होते है। तथा इनके कारण विकास होता है। अतः ब्रीन ने विकास को विषाल परिवर्तन का बडा कदम कहा तथा इसे साल्टेषन नाम दिया तथा उसके अनुसार यही विकास की क्रिया विधि है।

हार्डी वेनवर्ग साम्यावस्था (समीकरण):- किसी में युग्विकल्पी उने स्थान एवं आकृति निष्चित होती है। किसी समष्टि में उपस्थित समस्त युग्म विकल्पी एवं उनके जीनों के भोग को जीन कोष कहते है। यह अपरिवर्तनीय होता है इसे आनुवाँषिक सन्तुलन कहते है इसे ही हार्डी वेनवर्ग साम्यावस्था कहते है।

किसी समष्टि में युग्म विकलपीयों की तीन स्थितियाँ हो सकती है।

समयुग्मी प्रभावी:-

समयुग्मदी अप्रभावी:

विषमयुगमनी:-

हार्डी:- वेनवर्ग ने को तथा को से व्यक्त किया। किसी समष्टि के लिए

इसे ही हाडी वेनवर्ग समीकरण कहते है तथा जब इसका मान 1 होता है तो यह सन्तुलित स्थिति है तथा विकास नहीं होता है तथा साम्यावस्था में परिवर्तन होने पर ही विकास होता है विकास के पाँच मुख्य घटक होते है।

1 आनुवाँषिकी पूर्नोयोजन

2 आनुवाँषिक विचलन

3 उत्परिवर्तन

4 जीन प्रवास

जीन कोष की कुल संख्या में से घटने-बढने की क्रिया को जीन स्थानान्तरण या जीन प्रवास कहते है तथा इस संख्या को उस समाष्टि से घटा देते है तथा नयी समृष्टि में जोड देने है जीन प्रवास दो प्रकार का होता है।

1 आनुवाँषिक अपवास:- यह प्रवास संभोग वंष होता है।

2 संस्थापक प्रवास:-इसमें किसी समृष्टिश् में नये लक्षण आते है तथा विभिन्न लाभो के कारण धीरे-धीरे कुछ पीढियों बाढ नयी जाति बन जाती है।

5 प्राकृतिक वरण:-

सूक्ष्म जीवों पर प्रयोग के द्वारा यह सिद्ध किया जा चुका है कि लाभदायक लक्षकों का प्रकृतिक वरण करती ै तथा इन जीवों में वातावरण के अनुसार नये लक्षण आते है उनमें संतान उत्पत्ति की दर अधिक होती है तथा कई पीढियों बाद धीरे-2 नयी जातियों का विकास हो जाता है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now