JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: physicsPhysics

h parameters in hindi h-प्राचल किसे कहते हैं ? Common Emitter Configuration Common Base Configuration

Common Emitter Configuration Common Base Configuration h parameters in hindi h-प्राचल किसे कहते हैं ?

h-प्राचल (h-PARAMETERS)

सामान्यत: चतुर्टमिनल या द्वि-द्वारक जाल के व्यवहार का अध्ययन उसके निवेशी व निर्गम टर्मिनलों पर मापित राशियों के रूप में व्यक्त कुछ प्राचलों के द्वारा किया जाता है। इस विषय पर विस्तृत विवरण अध्याय 1 के खण्ड 1. 7 में दिया जा चुका है। चर्तुटर्मिनल जाल से सम्बद्ध चार राशियों, निवेशी धारा I1निविष्ट वोल्टता V1 निर्गत धारा I2 व निर्गत वोल्टता V2 में से दो को स्वतंत्र चर मान लिया जाता है व शेष दो राशियां इन दो स्वतंत्र चरों के रूप में व्यक्त की जाती हैं। स्वतंत्र चरों (independent variables) का चयन स्वेच्छ ( arbitrary) न होकर तर्क संगत होता है। ट्रॉजिस्टर परिपथों से निवेशी धारा 1, तथा निर्गम वोल्टता V1⁄2 परिपथ के व्यवहार को नियंत्रित करते हैं अतः इन राशियों को स्वतंत्र चरों के रूप में मानना उपयुक्त होता है, अतः खण्ड 1.7 (iii) के अनुसार

संबंध (1) व (2) में प्रयुक्त राशियाँ h11, h12, h21 व  h22 h – प्राचल या संकर प्राचल (h-parameters or hybrid parameters) कहलाती हैं।

h11=V1/I1  जब V2 = 0  अर्थात् यह निर्गम लघुपथित होने पर परिपथ की निवेश प्रतिबाधा है। 11 का मात्रक होगा।

H12 = V1/V2 जब I1 = 0 अर्थात् यह निवेश खुला रख कर निर्गत वोल्टता का निवेश पर अंतरित अंश है

इसे खुले परिपथ का उत्क्रमित वोल्टता अनुपात भी कहते हैं। h12 विमाहीन राशि है।

h21 = I2/I1  जब = V2 = 0 अर्थात् यह निर्गम लघुपथित होने पर अग्र धारा लाभ है। h21 विमा हीन राशि है।

h22 = I2/V2 जब I1 = 0  यह निवेश टर्मिनल खुले होने पर निर्गम प्रवेश्यता है। इसका मात्रक म्हो (mho) है।

h- प्राचलों को संकर प्राचल (hybrid parameters) भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें परिभाषित करने के लिये खुले व लघुपथित दोनों प्रकार के समापनों का उपयोग किया जाता है तथा इन प्राचलों की विमायें समान नहीं होती

हैं।

ट्रॉजिस्टर परिपथों के लिये h11, h12. h21 व h22 के स्थान पर क्रमश: hi, hr,  hf  ho लिखना अधिक सुविधाजनक होता है व हम इन्हीं प्रतीकों का आगे उपयोग करेंगे। पादाक्षर i, r, f व ० का भौतिक महत्व है ये क्रमश: निवेश (input), उत्क्रमित (reverse), अग्र (forward) व निर्गम (output) को निरूपित करते हैं। चित्र (4.8-1) में एक द्वि- द्वारक जाल प्रदर्शित किया गया है। -प्राचलों की सहायता से इस परिपथ का एक गणितीय प्रारूप प्राप्त किया जा सकता है। समी. (1) के अनुसार वोल्टता V1 प्रतिरोध hi पर धारा I1 के कारण वोल्टता पतन hi, Ii तथा एक जनित्र द्वारा उत्पन्न वोल्टता hr,V2 के योग के तुल्य है, समी. (2) के अनुसार निर्गत धारा I2, प्रवेश्यता ho से वोल्टता V2 के कारण प्रवाहित धारा hoV2 तथा एक धारा जनित्र द्वारा उत्पन्न धारा hfI1 के योग के तुल्य है। इस प्रकार समी. (1) व (2) को चित्र 4.8-1(b) के द्वारा निरूपित किया जा सकता है। अतः चित्र 4.8 – 1 (b), चित्र 4.8-1 (a) में प्रदर्शित द्वि- द्वारक जाल का तुल्य परिपथ है।

 ट्रांजिस्टर के CB, CE व CC विन्यास तथा उनके तुल्य परिपथ (CB, CE AND CC CONFIGURATIONS OF THE TRANSISTOR AND THEIR EQUIVALENT CIRCUITS)

ट्रॉजिस्टर एक त्रि- टर्मिनल (आधार, उत्सर्जक व संग्राहक ) युक्ति है । यदि इसका एक टर्मिनल निवेश व निर्गम में उभयनिष्ठ रहे तो यह चर्तुटर्मिनल जाल की भांति व्यवहार करेगा। उभयनिष्ठ टर्मिनल के आधार पर ट्रॉजिस्टर के तीन विन्यास संभव हैं।

(i) उभयनिष्ठ आधार विन्यास (Common Base Configuration)-

इस विन्यास में आधार टर्मिनल निवेश व निर्गम में उभयनिष्ठ होता है तथा इसे भू-सम्पर्कित रखा जाता है। इस विन्यास को भूसम्पर्कित- आधार विन्यास (grounded base configuration) भी कहते हैं। उत्सर्जक व आधार निवेश टर्मिनलों का तथा संग्राहक व आधार निर्गम टर्मिनलों का कार्य करते हैं [ चित्र (4.9-2)]। इस विन्यास में

अतिरिक्त पादाक्षर b, उभयनिष्ठ आधार को निरूपित करता है।

समी. 4.8 (1) व (2) के अनुसार CB विन्यास के लिये

लघु आयाम के संकेत प्रयुक्त करने पर – प्राचलों को नियत मानते हुए

वोल्टता व धारा के परिवर्तनों को अनुरूपी लघु अक्षरों से लिखने पर

उपरोक्त समीकरणों के आधार पर लघु आयाम के प्रत्यावर्ती संकेतों के लिये तुल्य परिपथ चित्र (4.9-3) के अनुसार होगा।

(ii) उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास (Common Emitter Configuration)— इस विन्यास में भूसम्पर्कित उत्सर्जक, निवेश व निर्गम में उभयनिष्ठ होता है। चित्र (494) में इस विन्यास को प्रदर्शित किया गया है। लघु आयाम के प्रत्यावर्ती संकेतों के लिये h प्राचलों के रूप में निम्न संबंध यथार्थ होंगे।

इस संबंधों के अनुसार तुल्य परिपथ चित्र (4.9–5) में दिया गया है।

hoe के स्थान पर निर्गम प्रतिरोध roe भी प्रदर्शित किया जा सकता है परन्तु यह ध्यान रखना आवश्यक है कि hoe म्हो में चालकता (व्यापक रूप में प्रवेश्यता) है तथा roe में प्रतिरोध है। अग्र धारा लब्धि के लिये hfe के स्थान पर  प्रतीक B भी प्रयुक्त होता है ।

 (iii) उभयनिष्ठ संग्राहक विन्यास (Common Collector Configuration) इस विन्यास में संग्राहक भू-सम्पर्कित होता है तथा यह निवेश व निर्गम में उभयनिष्ठ होता है, चित्र (4.9-6)।

उभयनिष्ठ संग्राहक विन्यास में लघु आयाम के प्रत्यावर्ती संकेतों के लिये

तुल्य परिपथ चित्र (4.9-7) में प्रदर्शित है। fast (4.9-6)

उपरोक्त परिपथ प्रारूप ( तुल्य परिपथ) NPN तथा PNP दोनों प्रकार के ट्रॉजिस्टर के लिये यथार्थ हैं तथा ये लोड अथवा बायसन विधि पर निर्भर नहीं हैं।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

13 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

13 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now