JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

14 वें वर्ग के तत्व , इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या होता है , वर्ग 14 के तत्त्व कौनसे है (group 14 elements in hindi)

(group 14 elements in hindi) 14 वें वर्ग के तत्व , इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या होता है , वर्ग 14 के तत्त्व कौनसे है : जैसा कि हम जानते है कि p ब्लॉक के तत्वों में 13 से लेकर 18 वर्ग के तत्वों को शामिल किया गया है , हम यहाँ 14 वें वर्ग के तत्वों के बारे में विस्तार से अध्ययन करते है।
वर्ग 14 के तत्वों में कार्बन (C), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn) और लीड (Pb) को रखा जाता है , 14 वें वर्ग के तत्वो में से कार्बन अधातु पदार्थ होता है , सिलिकन और जर्मेनियम को उपधातु की श्रेणी में रखा जाता है और टिन और लेड को धातु कहा जाता है , अत: हम कह सकते है कि इस ग्रुप में दो धात्विक तत्व , दो उपधातु तत्व और एक अधातु तत्व शामिल होते है।
14 वें वर्ग के तत्वों की संयोजकता कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np2 होता है। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को देखकर हम बता सकते है कि इस ग्रुप के तत्वों के अंतिम बाह्यतम कोश में चार इलेक्ट्रॉन होते है जिसके कारण बाह्तम कोश में s पूर्ण रूप से भरा हुआ रहता है अर्थात s में दो इलेक्ट्रॉन होते है और p में भी 2 इलेक्ट्रॉन भरे हुए रहते है।
14 वें वर्ग के तत्वों के कुछ रासायनिक और भौतिक गुण होते है जो इन्हें अन्य वर्ग के तत्वों से भिन्न बनाते है या इन कुछ विशेष गुणों के कारण इन तत्वों को इस वर्ग में रखा गया है , हर वर्ग के तत्वों के कुछ विशेष गुण होते है।
इस वर्ग के तत्वों में निम्न तत्वों को निम्न प्रकार रखा जाता है –

अत: हम कह सकते है कि इस ग्रुप में C , Si , Ge , Sn और Pb को रखा जाता है।

वर्ग 14 के रासायनिक और भौतिक गुण

  • इस वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर कार्बन से लेकर सिलिकन तक सहसंयोजक त्रिज्या में अधिक वृद्धि होती है जबकि सिलिकन से लेकर लेड तक त्रिज्या में बहुत कम वृद्धि होती है।
  • 14 वें वर्ग के तत्वों की प्रथम आयनन एन्थैल्पी का मान 13 वें वर्ग के तत्वों की तुलना में अधिक होती है , जब इस वर्ग में ऊपर से नीचे आया जाता है तो सामान्यता आयनन एन्थैल्पी का मान कम होता जाता है।
  • इस ग्रुप में विद्युत ऋणता का मान सिलिकन से लेकर लेड तक लगभग समान बना रहता है लेकिन 13 वें के संगत तत्वों से अधिक होता है।
  • इस वर्ग के तत्वों में सिलिकन से लेकर लेड तक क्वथनांक का मान कम होता जाता है अर्थात ग्रुप में ऊपर से नीचे आने पर क्वथनांक का मान कम होता चला जाता है।
  • 14 वें वर्ग के तत्वों के लिए गलनांक और क्वथनांक बिंदु का मान 13 वर्ग के संगत तत्वों से अधिक होता है।
  • इस वर्ग में जर्मेनियम से लेकर लेड तक +2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति बढती जाती है।
  • इस वर्ग का लेड तत्व +2 अवस्था में स्थायी अवस्था में रहता है तथा यह +4 ऑक्सीकरण अवस्था में ओक्सिकारक कारक की तरह व्यवहार करता है।
  • 14 वें वर्ग के तत्वों को जब ऑक्सीजन के साथ गर्म किया जता है तो ये दो प्रकार के ऑक्साइड बना लेते है , पहला मोनोऑक्साइड और दूसरा डाई ऑक्साइड , यहाँ मोनो ऑक्साइड की तुलना में डाई ऑक्साइड अधिक अम्लीय प्रवृत्ति के होते है।
  • इस ग्रुप के तत्व कार्बन की एक अलग प्रकृति होती है , यह अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ जुड़कर एक बड़ी कार्बन श्रृंखला का निर्माण कर लेता है , कार्बन की इस प्रकृति को श्रृंखलन कहते है , ग्रुप में ऊपर से नीचे जाने पर श्रृंखलन का गुण कम होता जाता है , इस ग्रुप के तत्व लेड द्वारा श्रृंखलन का गुण प्रदर्शित नहीं किया जाता है।
  • इसके अलावा कार्बन में pπ– pπ बंध बनाने की भी एक अलग ही प्रकृति होती है।
  • कार्बन अपने श्रृंखलन गुण और pπ– pπ बंध के कारण , कई रूपों के रूप में पाया जाता है जैसे ग्रेफाइट , हिरा आदि।

14 वें वर्ग के तत्वों के उपयोग

यहाँ हम इस ग्रुप के तत्वों के उपयोगो के बारे में अध्ययन करते है।
  • ग्रेफाइट का उपयोग विभिन्न प्रकार की बैट्री में इलेक्ट्रोड के रूप में किया जाता है।
  • कार्बन का उपयोग ग्रेफाइट फाइबर के रूप में विमानों में उपयोग किया जाता है।
  • चारकोल कार्बन का बना हुआ होता है , चारकोल का उपयोग पानी को शुद्ध करने के लिए और गैसों के जहर आदि को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
  • हिरा कार्बन से बना हुआ रहता है , हीरे का उपयोग जवाहरतो के रूप में किया जाता है।
  • सिलिकन तत्व का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स में बहुत अधिक किया जाता है इसके अलावा इसका उपयोग सीमेंट बनाने में भी किया जाता है।
  • खतरनाक विकिरणों से बचने के लिए जो आवरण बनाया जाता है वह लेड का बनाया जाता है।
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now