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गुरुत्वीय विभव का मान अलग आकृति के कारण सूत्र (gravitational potential due to different bodies)
(gravitational potential due to different bodies) गुरुत्वीय विभव का मान अलग आकृति के कारण सूत्र : हम यहाँ अलग अलग आकृति लेंगे और उन सबके कारण अलग अलग स्थितियों पर गुरुत्वीय विभव का मान ज्ञात करेंगे , सूत्र की स्थापना करेगें , उनकी स्थिति के आधार पर अलग अलग शर्तों पर V का मान की गणना करेंगे।
1. एकसमान ठोस गोले के कारण गुरुत्वीय विभव (gravitational potential due to solid sphere)
माना एक ठोस गोला है जिसमे M द्रव्यमान समान रूप से वितरित है तथा इस गोले की त्रिज्या a है , इस गोले का केन्द्र बिंदु O है , O से r दूरी पर एक बिन्दु P की कल्पना करते है और इस बिंदु P पर अलग अलग स्थितियों के लिए गुरुत्वीय विभव की गणना करते है।
i. जब P बिंदु गोले के बाहर स्थित हो : जब P बिंदु गोले के केंद्र से r दूरी पर गोले के बाहर स्थित हो तो इस स्थिति में इस बिन्दु P पर गुरुत्वीय विभव का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
ii. जब P बिंदु केंद्र O से r दूरी पर गोले के अन्दर ही स्थित हो तो इस स्थिति में गोले की त्रिज्या का मान r से अधिक होगा अर्थात a > r
चित्रानुसार जब P बिंदु ठोस गोले के अन्दर स्थित हो तो इस P बिंदु पर गुरुत्वीय विभव का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
iii. जब P बिन्दु केंद्र से a दूरी पर स्थित हो अर्थात ठोस गोले की सतह पर स्थित हो तो इस स्थिति में गोले की त्रिज्या व दूरी r का मान समान हो जायेगा , इस स्थिति में P बिन्दु पर गुरुत्वीय विभव का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
V = -GM/R
iv. ठोस गोले के केन्द्र O पर विभव का मान अधिकतम होता है और इस स्थिति में r = 0 होता है तथा विभव का मान निम्न सूत्र से ज्ञात किया जाता है –
V = -3GM/4
2. गोलीय कोश के कारण गुरुत्वीय विभव (gravitational potential due to hollow sphere)
माना एक चित्रानुसार गोलीय कोश है जिसकी त्रिज्या a है तथा इसका केंद्र O से दर्शाया गया है , इसके केंद्र से r दूरी पर एक बिन्दु P स्थित है जिस पर हमें विभव का मान ज्ञात करना है।
परिभाषा के अनुसार : एकांक द्रव्यमान को अन्नत से लाने में किया गया कार्य का मान गुरुत्वीय विभव कहलाता है।
इस बिन्दु P की तीन स्थितियां संभव है हम तीनो के लिए विभव के मान की गणना करेंगे।
i. जब P बिंदु गोलीय कोश के बाहर स्थित हो : इस स्थिति में r का मान त्रिज्या से अधिक होगा अर्थात a > r तथा इस स्थिति में P बिंदु पर गुरूत्वीय विभव का मान निम्न होगा –
V = -GM/r
ii. जब P बिन्दु गोलीय कोश के सतह पर स्थित हो : इस स्थिति में गोले की त्रिज्या a का मान , केंद्र से P बिंदु के मध्य की दूरी r के मान के बराबर होगा अर्थात a = r तथा इस स्थिति में विभव का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है।
V = -GM/a
iii. जब P बिन्दू गोले के अन्दर स्थित हो : इस स्थिति में r का मान a से कम होता है r < a तथा इस स्थिति में गुरुत्वीय विभव का सूत्र निम्न होता है –
V = -GM/a
3. एकसमान वलय के कारण गुरुत्वीय विभव (Gravitational Potential Due to Uniform Ring)
माना एक M द्रव्यमान की एकसमान वलय है जिसकी त्रिज्या a है तथा इसका केन्द्र O है , केंद्र O से r दूरी पर P बिन्दु स्थित है जिस पर इस रिंग के कारण गुरुत्वीय विभव का मान ज्ञात करना है , चूँकि यहाँ P की अलग अलग स्थिति संभव है हम सभी संभव स्थितियों के कारण विभव का मान ज्ञात करेंगे।
i. जब P बिन्दु वलय की अक्ष के किसी बिंदु पर स्थित है : इस स्थिति में विभव का मान निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित की जाती है –
ii. एकसमान वलय के कारण इसके केंद्र पर स्थित बिन्दु P पर गुरुत्वीय विभव का मान निम्न सूत्र से ज्ञात की जाती है –
V = -GM/a
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