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गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता (gravitational field intensity in hindi)
(gravitational field intensity in hindi) गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता : किसी गुरुत्वीय क्षेत्र में स्थित एकांक द्रव्यमान के पिण्ड पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के मान को उस बिंदु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता कहलाती है।
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर उस एकांक बिंदु द्रव्यमान पर कार्यरत गुरुत्वीय बल व दिशा दोनों को प्रदर्शित करती है। इसे I से दर्शाया जाता है।
माना एक एकांक द्रव्यमान का परिक्षण m द्रव्यमान को किसी गुरुत्वीय क्षेत्र में रखा गया है , इस गुरुत्वीय क्षेत्र में इस पिण्ड पर गुरुत्वाकर्षण बल कार्य करेगा , माना कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल का मान F है तो उस बिंदु पर परिक्षण द्रव्यमान m पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता I = F/m
यहाँ F = पिण्ड m पर आरोपित बल है।
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि होती है और इसकी दिशा वही होती है जो गुरुत्वीय क्षेत्र की होती है। इसका मात्रक न्यूटन/किलोग्राम या मीटर/सेकंड2 होता है तथा इसका विमीय सूत्र (विमा) [M0L1T-2] होता है।
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर उस एकांक बिंदु द्रव्यमान पर कार्यरत गुरुत्वीय बल व दिशा दोनों को प्रदर्शित करती है। इसे I से दर्शाया जाता है।
माना एक एकांक द्रव्यमान का परिक्षण m द्रव्यमान को किसी गुरुत्वीय क्षेत्र में रखा गया है , इस गुरुत्वीय क्षेत्र में इस पिण्ड पर गुरुत्वाकर्षण बल कार्य करेगा , माना कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल का मान F है तो उस बिंदु पर परिक्षण द्रव्यमान m पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता I = F/m
यहाँ F = पिण्ड m पर आरोपित बल है।
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि होती है और इसकी दिशा वही होती है जो गुरुत्वीय क्षेत्र की होती है। इसका मात्रक न्यूटन/किलोग्राम या मीटर/सेकंड2 होता है तथा इसका विमीय सूत्र (विमा) [M0L1T-2] होता है।
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता को प्रदर्शित करना
माना पृथ्वी का द्रव्यमान M है तथा एक पिण्ड जिसका द्रव्यमान m है वह पृथ्वी के केंद्र से r दूरी पर स्थित है जैसा चित्र में दर्शाया गया है –
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार यह पिंड m गुरुत्वाकर्षण बल महसूस करता है जिसका मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता की परिभाषा से m पर I का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –
I = F/m
इस सूत्र में गुरुत्वाकर्षण बल F का माना रखने पर
इसका सदिश निरूपण अर्थात सदिश रूप निम्न है –
अत: यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के कारण किसी बिंदु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता को प्रदर्शित करता है , जिसमे G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
यदि यह परीक्षण आवेश गति करने के लिए मुक्त अवस्था में हो तो यह त्वरण के साथ पृथ्वी के द्रव्यमान की तरफ गति करता है , अर्थात इसकी गति उस दिशा में होगी जिसके कारण गुरुत्वीय क्षेत्र का निर्माण हो रहा है। और इस स्थिति में परिक्षण द्रव्यमान m पर लगने वाला बल व उत्पन्न त्वरण का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
अत: किसी बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मान गुरुत्वीय क्षेत्र में रखे परिक्षण द्रव्यमान में उत्पन्न त्वरण के मान के बराबर होती है।
यदि गुरुत्वीय क्षेत्र पृथ्वी द्वारा उत्पन्न किया जाए तो उत्पन्न त्वरण का मान गुरुत्वीय त्वरण g के बराबर होता है –
शून्य गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का बिन्दु (zero gravitational field intensity point)
जब दो पिण्ड एक दुसरे से कुछ दूरी पर रखे होते है तो दोनों पिंडो के मध्य एक बिंदु ऐसा पाया जाता है जहाँ दोनों पिंडो के कारण उत्पन्न गुरुत्वीय क्षेत्र का मान शून्य होता है , यदि इस शून्य गुरुत्वीय क्षेत्र बिंदु पर किसी अन्य द्रव्यमान को रखा जाए तो यह दोनों पिण्डो के कारण किसी प्रकार का कोई गुरुत्वाकर्षण बल महसूस नहीं करता है , इस बिंदु को ही शून्य तीव्रता का बिन्दु कहते है।
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