हिंदी माध्यम नोट्स
gouy method in hindi गॉय विधि क्या है ? gouy’s method for magnetic susceptibility formula
gouy’s method for magnetic susceptibility formula , gouy method in hindi गॉय विधि क्या है ?
चुम्बकीय प्रवृत्ति के निर्धारण की विधियाँ : पदार्थो की चुम्बकीय प्रवृति ज्ञात करने की कई विधियाँ उपलब्ध है जिनमें से दो प्रमुख है , क्रमशः गॉय विधि और फैराडे विधि , जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित प्रकार है –
- गॉय विधि (Gouy method): किसी पदार्थ के चुम्बकीय प्रवृति और आघूर्ण को ज्ञात करने की यह एक सरल और उत्तम विधि है। इस विधि में एक विशेष प्रकार की गॉय तुला (gouy balance) में पहले पदार्थ की कुछ मात्रा को तोल लिया जाता है। बाद में पदार्थ पर एक चुम्बकीय क्षेत्र लगाते है तथा पदार्थ के भार में अंतर को ज्ञात कर लेते है। गॉय चुम्बकीय तुला उपकरण को चित्र में निचे प्रदर्शित कर सकते है –
प्रतिचुम्बकीय पदार्थो में कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होता अत: उनका चुम्बकीय आघूर्ण शून्य होता है। ऐसे पदार्थ पर यदि बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र लगा दिया जायेगा तो उनमें प्रेरित चुम्बकीय आघूर्ण बन जायेगा जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र के विपरीत दिशा में होगा फलत: ऐसा पदार्थ चुम्बकीय बल रेखाओं को प्रतिकर्षित करेगा जिससे उसके भार में थोड़ी कमी आ जाएगी।
इसके विपरीत एक अनुचुम्बकीय पदार्थ में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों के कारण वे चुम्बकीय बल रेखाओं को आकर्षित करते है जिससे वह पदार्थ दोनों चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य में खिंच जाता है जिससे उसके भार में वृद्धि हो जाती है।
किसी पदार्थ की विशिष्ट प्रवृत्ति (specific susceptibility) अथवा ग्राम या भार प्रवृत्ति χg को निम्नलिखित समीकरण द्वारा ज्ञात करते है –
χg = (2l x △m)/(H2 x m )
जहाँ l = दो ध्रुवों के मध्य की दूरी
△m = पदार्थ के भार में अंतर
H = चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता
m = पदार्थ का द्रव्यमान
ग्राम प्रवृत्ति को अणुभार से गुणा करने पर पदार्थ की मोलर प्रवृत्ति ज्ञात की जाती है। अत:
χm = χg x M
2. फैराडे विधि (Faraday method)
फैराडे विधि में पदार्थ को चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य में लटकाया जाता है .चुम्बकीय ध्रुवों की सावधानीपूर्वक इस प्रकार की आकृति बनाई जाती है कि पदार्थ द्वारा घेरे गए समस्त क्षेत्र में H0(δH/δx) का मान स्थिर रहे। जब m द्रव्यमान और χ चुम्बकीय प्रवृत्ति वाले किसी पदार्थ को एक असममित क्षेत्र H के मध्य x दिशा (δH/δx) में लटकाया जाएगा तो x अक्ष पर वह पदार्थ एक बल (f) का अनुभव करेगा :
f = (m χ H0)(δH/δx)
इस बल को ज्ञात करने के लिए पदार्थ को पहले चुम्बकीय क्षेत्र में तथा फिर चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में तोल लिया जाता है , दोनों भारों का अंतर f के बराबर होता है। सामान्यतया प्रयोग को सरल करने के लिए लिए एक ज्ञात प्रवृत्ति वाले पदार्थ , उदाहरण , Hg[Co(SCN)4] χ = 16.44 x 10-6 cm3 mol-1 पर लगाए जाने वाले बल को ज्ञात करते है। यदि इस मानक तथा अज्ञात दोनों यौगिकों पर समान चुम्बकीय क्षेत्र तथा प्रवणता को लगाया जाए तो दोनों की तुलना से अज्ञात यौगिक की चुम्बकीय प्रवृति को ज्ञात किया जा सकता है।
अत:
fs/ms χs = fu/mu χu
या
χu = fums χs/mufs
तथा
χu को अणुभार से गुणा करने पर मोलर प्रवृत्ति को ज्ञात किया जा सकता है।
फैराडे और गॉय विधियों की तुलना
फैराडे तथा गॉय दोनों विधियाँ इस तकनीक पर आधारित है कि चुम्बकीय पदार्थ को यदि चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाए तो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र तथा पदार्थ के चुम्बकीय क्षेत्र की अंतर्क्रिया के कारण पदार्थ पर कुछ बल कार्य करेगा।
दोनों विधियों में पदार्थ को पहले चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में तोलते है तथा फिर चुम्बकीय क्षेत्र लगाकर उसकी उपस्थित में पदार्थ को तोला जाता है। पदार्थ के तोल के अंतर से पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति का निर्धारण किया जाता है। इसके उपरान्त भी दोनों विधियों में फैराडे विधि को गॉय तुला विधि की तुलना में बेहतर मानते है , इसके निम्नलिखित कारण है –
- फैराडे विधि में पदार्थ की आवश्यकता कम मात्रा में पडती है , कुछ मिलीग्राम जबकि गॉय तुला विधि में लगभग एक ग्राम पदार्थ की आवश्यकता पड़ती है।
- फैराडे विधि में सीधे विशिष्ट प्रवृत्ति की जानकारी मिलती है जबकि गॉय तुला विधि में वस्तुतः पहले आयतन प्रवृति ज्ञात होती है जिसे पदार्थ के घनत्व की सहायता से उसकी विशिष्ट प्रवृत्ति को परिकलित किया जाता है। चूँकि पदार्थ की पैकिंग से उसका घनत्व प्रभावित होता है अत: इस विधि द्वारा प्राप्त परिणामों की यथार्थता में थोडा अंतर हो सकता है।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…