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द्योतक शब्द | घोतक का अर्थ meaning in English | समूहवाचक शब्द समूहवाचक को परिभाषित करो
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पशु-पक्षियों की बोलियों के द्योतक शब्द
चिड़िया–चहचहाना, कोयल-कू कू करना, कूकना, कौवा-काँव काँव करना। गाय-रैभाना, सिंह-गरजना, घोड़ा-हिनहिनाना, गधा-रेंकना। मुर्गा-बाँग देना, मोर-कूकना, कबतर-गुटरगूं करना, कुत्ता-भौंकना। बैल-हुँकारना, बिल्ली-म्याऊँ-म्याऊँ, बकरी-मिमियाना, शेर -दहाड़ना ।
कुछ ध्वनियाँ
दाँत-कटकटाना, पंख-फड़फड़ाना, बर्तन-खड़खड़ाना, दरवाजा- खटखटाना, रुपया-खनखनाना, शस्त्र-झनझनाना, हृदय- धड़कना, मेघ – गरजना, पानी-सरसराना, बिजली-कड़कड़ाना, आग- चटचटाना, वायु-साँय साँय करना, गीत- गूंजना ।
समूहवाचक शब्द
यात्रियों का समूह लकड़ी का ढेर
लोगों की भीड़ पर्वतों की श्रेणी
फूलों की माला तारों का मंडल
पक्षियों की डार वृक्षों का झुण्ड
पशुओं का झुण्ड लताओं का कुंज
सिपाहियों की सेना चाबियों का गुच्छा
वस्तुओं का भंडार विचारों की समिति
धन का कोष पंडितों की सभा
ध्वनियों का कोलाहल बातों का जाल
अंगूरों का गुच्छा गायकों की मंडली
राज्यों का संघ मेघों की माला
विरोधियों का जत्था, दल धन की राशि
राजनीतिज्ञों का दल
व्याकरण के अंतर्गत वाक्य का अध्ययन बड़ा ही महत्वपूर्ण होता। सार्थक शब्दों का सुव्यवस्थित रूप ही वाक्य कहलाता है । वस्तुतः उस पदसमूह को वाक्य कहते हैं जो हमारे विचारों को अच्छी तरह प्रकट करे। वाक्य रचना की कई विशेषताएँ होती हैं-(1) स्पष्टता, (2) विचारों को जागरित करने की सामर्थ्य, (3) पदों अथवा शब्दों का तारतम्य, (4) संक्षिप्तता अर्थात् वाक्य में व्यर्थ के पदों या शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए, (5) माधुर्य भी वाक्यरचना की एक विशेषता होनी चाहिए।
वर्णसमूह को शब्द कहते हैं । वाक्य में प्रयुक्त होने वाला शब्द ही पद कहलाता है, अर्थात् जबतक शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त नहीं होता, तब तक वह शब्द ही रहता है। वाक्य को पदसमूह भी कहते हैं । पदसमूह के 5 भेद होते हैंकृ(1) संज्ञापद, (2) सर्वनाम-पद, (3) विशेषण-पद, (4) क्रियापद, (5) अव्ययपद ।
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