हिंदी माध्यम नोट्स
फ्रेनल विवर्तन , फ्राउन हॉकर विवर्तन , fresnel and fraunhofer diffraction in hindi , ध्वनि तरंगो का विवर्तन , श्वेत प्रकाश
fresnel and fraunhofer diffraction in hindi , ध्वनि तरंगो का विवर्तन , श्वेत प्रकाश , फ्रेनल विवर्तन :-
प्रश्न : श्वेत प्रकाश के कारण व्यतिकरण को समझाइये |
उत्तर : श्वेत प्रकाश की तरंग दैर्ध्य परास 3800 A से 7800 A तक के मध्य होती है | सभी रंगों के प्रकाश की तरंग दैधर्य अलग अलग होता है एवं इनके लिए कलाकोण भी अलग-अलग होती है , जिससे इनकी फ्रिंज चौड़ाई भी अलग-अलग होती है | जब श्वेत प्रकाश को S1 व S2 से आपतित किया जाता है तो S1S2 के कारण पर्दे के बिन्दु O पर पहुँचने वाली सभी प्रकाश तरंगों की दूरी एक समान होती है जिससे इन प्रकाश तरंगो के मध्य △x (पथांतर) शून्य होता है जिससे की पर्दे पर श्वेत फ्रिंज प्रकाश दीप्त प्राप्त होती है | जिसे केन्द्रीय श्वेत फ्रिंज कहते है | केन्द्रीय श्वेत फ्रिन्ज में सबसे निकट लाल रंग की फ्रिंज दिखाई देती है , वह सबसे दूर बैंगनी रंग की फ्रिंज होती है |
श्वेत प्रकाश की सहायता से केंद्र पर केन्द्रित श्वेत फ्रिंज प्राप्त होती है जबकि एकवर्णीय प्रकाश स्रोत लेने पर सभी फ्रिन्जो की चौड़ाई व तीव्रता एक समान प्राप्त होता है इसलिए इन फ्रिंजो में केन्द्रीय फ्रिंज को पहचानना मुश्किल हो जाता है अत: श्वेत प्रकाश का उपयोग केन्द्रीय श्वेत फ्रिंज प्राप्त करने में किया जाता है |
विवर्तन (diffraction in hindi)
विवर्तन की खोज सर्वप्रथम ग्रीमोल्डी नामक वैज्ञानिक ने की |
प्रकाश तरंगो द्वारा अवरोधक से टकराकर ज्यामितीय छाया क्षेत्र में पहुँचने की घटना को प्रकाश का विवर्तन कहते है |
तरंगों द्वारा अवरोधक से टकराकर दूसरे क्षेत्र में पहुँचने की घटना या मुड़ने की घटना को तरंगो का विवर्तन कहते है |
विवर्तन के लिए आवश्यक है कि तरंग की तरंग दैधर्य का मान अवरोधक के आकार के बराबर या उससे अधिक हो |
माना प्रकाश तरंग की तरंग दैधर्य λ व अवरोधक का आकार D है तो विवर्तन के लिए आवश्यकता है कि –
- λ = D विवर्तन संभव है |
- λ>>D पूर्णतया विवर्तन होगा |
- λ<<D विवर्तन नहीं होगा |
विवर्तन का गुण ध्वनी तरंगो एवं प्रकाश तरंगों में पाया जाता है |
प्रश्न : ध्वनि तरंगो का विवर्तन प्रकाश तरंगो की तुलना में अधिक होता है क्यों ?
उत्तर : विवर्तन के लिए आवश्यक है कि तरंग की तरंग दैधर्य का मान अवरोधक के आकार के बराबर या उससे अधिक हो ध्वनि तरंगो की तरंग दैधर्य 1 मीटर होती है जिसके कारण ध्वनि तरंगों का सामान्य अवरोधक से विवर्तन हो जाता है जबकि प्रकाश तरंगो की तरंग दैधर्य 10-7 मीटर होती है जिसके कारण प्रकाश तरंगो का सामान्य अवरोधक से विवर्तन नहीं होता , यही कारण है कि ध्वनि तरंगो का विवर्तन अधिक होता है |
विवर्तन के प्रकार
विवर्तन निम्न दो प्रकार के होते है –
- फ्रेनल विवर्तन
- फ्राउन हॉकर विवर्तन
- फ्रेनल विवर्तन: ऐसी विवर्तन व्यवस्था जिसमे प्रकाश स्रोत एवं पर्दा अवरोधक से सिमित दूरी पर स्थित होते है , इस प्रकार के विवर्तन को फ्रेनल विवर्तन कहते है |
फ्रेनल विवर्तन में आपतित एवं विवर्तित तरंगाग्र गोलाकार अथवा बेलनाकार होता है एवं इस विवर्तन व्यवस्था में पर्दे के बिन्दु C व D के मध्य दीप्त व अदीप्त फ्रिन्जे प्राप्त होती है जिनकी तीव्रता एक समान होती है | बिंदु C के ऊपर व D के नीचे अंधकारमय क्षेत्र प्राप्त होता है |
फ्रेनल विवर्तन की विवर्तन व्यवस्था को चित्र में दर्शाया गया है –
- फ्रोन हॉकर विवर्तन: ऐसी विवर्तन व्यवस्था जिसमे प्रकाश स्रोत एवं पर्दा , अवरोधक से असिमित दूरी पर स्थित होते है , इस प्रकार के विवर्तन को फ्रोन हॉकर विवर्तन कहते है |
इस विवर्तन व्यवस्था में आपतित एवं विवर्तित तरंगाग्र समतल तरंगाग्र होते है एवं इसमें अवरोधक व पर्दे के मध्य अधिक फोकस दूरी का उत्तल लेंस लगा होता है एवं इस विवर्तन में केन्द्र पर दिप्त फ्रिन्ज प्राप्त होती है जिसे मुख्य उचिष्ट कहा जाता है |
केंद्र से ऊपर या नीचे जाने पर तीव्रता के मान में कमी होती जाती है |
फ्रोन हॉकर विवर्तन की व्यवस्था को चित्र में दर्शाया गया है –
प्रश्न : फ्रेनल विवर्तन एवं फ्रोन हॉकर विवर्तन में अंतर स्पष्ट कीजिये |
उत्तर :
फ्रेनल विवर्तन | फ्रोन हॉकर विवर्तन |
1. फ्रेनल विवर्तन में अवरोधक से प्रकाश स्रोत व पर्दे की दूरी सिमित होती है | | 1. इस विवर्तन में अवरोधक से प्रकाश स्रोत व पर्दे की दूरी असिमित होती है | |
2. फ्रेनल विवर्तन में आपतित एवं विवर्तित तरंगाग्र गोलाकार अथवा बेलनाकार हो सकते है | | इस विवर्तन में आपतित एवं विवर्तित तरंगाग्र समतल तरंगाग्र होते है | |
3. फ्रेनल विवर्तन में पर्दे पर दीप्त एवं अदीप्त फ्रिन्जे प्राप्त होती है | | फ्रोन हॉकर विवर्तन में पर्दे के केंद्र पर सदैव दीप्त फ्रिंज प्राप्त होती है | |
4. फ्रेनल विवर्तन में पर्दे पर प्राप्त होने वाली दीप्त एवं अदीप्त फ्रिन्जो की तीव्रता एक समान होती है | | फ्रोन हॉकर विवर्तन में केंद्र पर तीव्रता सबसे अधिक उसके पश्चात् तीव्रता कम होती जाती है | |
5. फ्रेनल विवर्तन में केवल एक ही प्रकाश स्रोत के कारण पर्दे पर विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त होता है | | फ्रोन हॉकर विवर्तन में एक से अधिक प्रकाश स्रोतों के कारण पर्दे पर विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त होते है | |
6. फ्रेनल विवर्तन में किसी भी लेंस को काम में नहीं लिया जाता है | | फ्रोन हॉकर विवर्तन में अधिक फोकस दूरी के उत्तल लेंस को काम में लिया जाता है | |
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…