मुक्त , अवमंदित , प्रणोदित और पोषित दोलन , free , damped , forced and maintained , अनुनाद क्या है

(free , damped , forced and maintained oscillations) मुक्त , अवमंदित , प्रणोदित और पोषित दोलन : इन सबके के बारे में हम यहाँ विस्तार से अध्ययन करेंगे।

मुक्त दोलन (free oscillations) : जब किसी पिण्ड या कण पर कोई अन्य बाह्य बल कार्यरत न हो और उस पिण्ड या कण को इसकी साम्यावस्था से कुछ विस्थापित कर छोड़ दिया जाए तो यह जो दोलन करना प्रारंभ कर देता है इस प्रकार के दोलन को मुक्त दोलन कहते है।

इस प्रकार के दोलन में पिण्ड का नियत दोलन होता है और एक निश्चित आवृत्ति होती है , अत: पिण्ड के दोलन की आवृत्ति को वास्तविक आवृत्ति कहते है।

उदाहरण : जब एक स्प्रिंग पर लटके पिंड को पकड़कर विस्थापित कर छोड़ दिया जाता तो , पिण्ड में जो दोलन उत्पन्न होते है उन्हें मुक्त दोलन कहते है।

अवमंदित दोलन (damped oscillations) : जब किसी पिण्ड या कण पर घर्षण जैसे बाह्य बल कार्यरत हो और इन पिण्डो को थोडा विस्थापित कर छोड़ दिया जाए तो बाह्य बल (घर्षण इत्यादि) के कारण इनके दोलन का आयाम समय के साथ घटता जाता है , इन्हें अवमन्दित दोलन कहते है।

प्रणोदित दोलन (forced oscillations) : जब किसी पिण्ड या कण पर कोई बाह्य आवर्ती बल आरोपित हो तो इस बल के कारण वह पिण्ड या कण अपनी वास्तविक या स्वभाविक दोलन से अलग आवृत्ति के दोलन उत्पन्न करता है , पिण्ड के इन दोलनों को प्रणोदित दोलन कहते है।

पोषित दोलन (maintained oscillations) : जब किसी पिण्ड को बाह्य अनावर्ती स्रोत से उर्जा प्रदान कर , पिण्ड के दोलनो को इसके वास्तविक दोलन के बराबर रखा जाए अर्थात इनके दोलन को स्वभाविक दोलन बनाकर रखा जाए तो इस प्रकार के दोलन को पोषित दोलन कहते है।

अनुनाद क्या है (resonance)

किसी पिण्ड या कण पर आरोपित बाह्य आवर्ती बल हो जिसकी आवृत्ति या तो पिण्ड की आवृत्ति के समान हो या पिंड की आवृत्ति के सरल गुणन के बराबर हो तो इस स्थिती में पिण्ड के आयाम का मान बहुत अधिक बढ़ जाता है इस स्थिति में पिण्ड में जो दोलन उत्पन्न होते है उन्हें अनुनादी दोलन कहते है और इस सम्पूर्ण घटना को अनुनाद कहते है।
उदाहरण : ध्वनि अनुनाद आदि।