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चालक तार की लम्बाई के साथ विभव पतन का अध्ययन करना find potential fall with wire length in hindi
find potential fall with wire length in hindi चालक तार की लम्बाई के साथ विभव पतन का अध्ययन करना ?
क्रियाकलाप (Activity))
उद्देश्य (Object):
नियत धारा के लिए चालक तार की लम्बाई के साथ विभव पतन का अध्ययन करना।
उपकरण (Apparatus):
विभवमापी, 2 वोल्ट की बैटरी, कुंजी, धारा नियंत्रक, 0-2अ परास का वोल्टमीटर एवं संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
सिद्धान्त (Theory):
यदि एक चालक तार का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल सर्वत्र एक समान हो तो चालक तार का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है, अर्थात्
R ∝ I …..;1)
तथा ओम के नियम से चालक तार के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर
V = IR
यदि धारा I नियत है तो V ∝ R …..;2)
. (1) व (2) से विभवपतन V ∝ l
या V/l = x नियतांक
नियतांक ग को चालक तार पर विभव प्रवणता कहते हैं।
विधि (Method):
1. सर्वप्रथम उक्त चित्रानुसार परिपथ संयोजन करते हैं जिसमें विभवमापी के । सिरे (शून्य बिन्दु) को बैटरी के धनाग्र तथा बैटरी के ़ऋणाग्र को श्रेणीकम में कुंजी धारानियंत्रक एवं विभवमापी के B सिर से संयोजित करते है।
2. अब वोल्टमीटर के धन. टर्मिनल को विभवमापी के । सिरे से तथा ऋण टर्मिनल को विसी कंुजी से संयोजित कर लेते हैं।
3. अब धारा निंयत्रक को किसी एक स्थिति पर नियंत रखते हुए कुंजी K की डाट लगा दत ह तथा विसर्पी कंुजी को A सिरे से क्रमशः 50-50 सेमी. दूरी बढ़ाते हए तार पर स्पर्श कराते हैं तथा प्रत्येक स्थिति मे वोल्टमीटर का पाठ्îांक नोट करते हैं।
प्रेक्षण (Observations):
(1) वोल्टमीटर का अल्पतमांक त्र परास/खानों की संख्या त्र……. वोल्ट
(2) सारणी:
क्रम संख्या विभवमापी तार की
लम्बाई l (सेमी.) वोल्टमीटर का पाठ्यांक V वोल्ट विभव प्रवणता
x = V/l
(वोल्ट/सेमी.)
विक्षेपित विभागों की संख्या n V = n× अल्पतमांक (वोल्ट)
1.
2.
3.
4.
5.
6. 50
100
150
200
250
300
गणना (Calculation):
प्रत्येक प्रेक्षण सेट के लिए टध्स की गणना करते हैं।
परिणाम (Result):
अनुपात टध्स का मान लगभग नियत रहता है अतः तार पर विभव पतन उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है।
सावधानियां (Precautions):
संयोजन करने से पूर्व संयोजक तारों के सिरों को रेगमाल से साफ कर लेना चाहिए।
संयोजन कसे हुए होने चाहिए।
तार की लम्बाई का मापन सेट-स्क्वायर की सहायता से यथार्थता से करना चाहिए।
मौखिक प्रश्न (Viva-voce):
(देखें प्रयोग संख्या 4 एवं प्रयोग संख्या 5)
क्रियाकलाप (Activity)-6)
उद्देश्य (Object):
एक दिए गए खुले परिपथ, जिसमें कम से कम एक बैटरी प्रतिरोध/धारा नियंत्रक, कुंजी, अमीटर तथा वोल्टमीटर हों का परिपथ चित्र बनाना तथा गलत तरीके से जुड़े हुए अवयवों को चिन्हित करना, परिपथ को सही करना तथा सही परिपथ आरेख बनाना। उपकरण (Apparatus):
बैटरी, कुंजी, प्रतिरोध, धारा नियंत्रक, अमीटर एवं वोल्टमीटर आदि।
सिद्धान्त (Theory):
किसी भी परिपथ में अमीटर, प्रतिरोध तार, धारा नियंत्रक एवं कुंजी सदैव बैटरी के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित होते हैं जबकि वोल्टमीटर उन दो बिन्दओं जिनके मध्य विभवान्तर का मापन करना है के समान्तर क्रम में संयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त वोल्टमीटर एवं अमीटर के धन टर्मिनल, बैटरी के धनाग्र की ओर जबकि ऋण टर्मिनल बैटरी के ऋणाग्र की ओर संयोजित किये जाते हैं।
परिपथ जांचने की प्रक्रिया (Process of checking the given circuit):
दिए गए परिपथ की जांच करने के लिए हमें निम्न पदों के अन्तर्गत आगे बढ़ते हुए अपनी कॉपी पर परिपथ का कच्चा चित्र बना लेना चाहिए।
1. बैटरी के धनाग्र से परिपथ की जांच प्रारंभ करनी चाहिए।
2. धनाग्र से जुड़े हुए संयोजक तार पर आगे बढ़ते हुए देखें कि कौनसा वैद्युत उपकरण संयोजित है तथा यदि उपकरण की ध्रुवता (जैसे अमीटर एवं वोल्टमीटर में) का संयोजन में महत्व है तो यह भी देखते हैं कि उपकरण का कौनसा टर्मिनल बैटरी के धनाग्र से जुड़ा है।
3. इसी प्रकार आगे बढ़ते हुए पहले श्रेणीक्रम में जुड़े हुए सभी उपकरणों की संयोजित स्थिति का अध्ययन करते हुए बैटरी के ऋणाग्र तक पहुंच जाते हैं।
4. इसके पश्चात् परिपथ में समान्तर क्रम में जुड़े हुए उपकरणों का अध्ययन करते हैं।
5. अब बने हुए परिपथ के कच्चे चित्र को नोट बुक में पक्का कर गलत प्रकार से जुड़े हुए अवयवों को उन पर गोला लगाकर चिन्हित कर देते हैं।
कुछ संभावित त्रुटिपूर्ण परिपथ चित्र (Some circuit diagrams with possible errors):
क्रियाकलाप (Activity)-4)
उद्देश्य (Object):
दिये गए वैद्युत अवयवों को जोड़कर विद्युत परिपथ संयोजित करना (माना ओम के नियम का सत्यापन करने का परिपथ)
उपकरण (Apparataus):
संचायक सेल, धारा नियंत्रक, कुंजी, अमीटर, वोल्टमीटर, प्रतिरोध तार तथा संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
विधि (Method):
व्यवस्था आरेख के अनुसार, संचायक सेल. के साथ अमीटर, प्रतिरोध तार, धारा नियंत्रक एवं कुंजी को श्रेणीक्रम में संयोजित कर लेते हैं तथा वोल्टमीटर को प्रतिरोध तार के समान्तर क्रम में संयोजित करते हैं। यहां ध्यान रखना चाहिए कि अमीटर एवं वोल्टमीटर के धन टर्मिनल संचायक सेल के धनाग्र की ओर ही संयोजित हो तथा ऋण टर्मिनल, संचायक सेल के ऋणाग्र की ओर ही संयोजित हों।
सावधानियां (Precautions):
संयोजन करते समय कुंजी की डॉट निकली हुई होनी चाहिए।
संयोजक तारों के सिरों को रेगमाल से साफ कर लेना चाहिए।
संयोजन दृढ़ एवं कसे हुए होने चाहिए।
संयोजक तार यथासंभव छोटे व सीधे होने चाहिए।
मौखिक प्रश्न (Viva voce): देखें प्रयोग संख्या 1.
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