हिंदी माध्यम नोट्स
मादा जनन तंत्र , अण्डवाहिनी , गर्भाशय , आंतरिक संरचना , मादा सहायक जनन ग्रन्थियाँ
female reproduction system in hindi मादा जनन तंत्र , अण्डवाहिनी , गर्भाशय , आंतरिक संरचना , मादा सहायक जनन ग्रन्थियाँ
मादा जनन तंत्र
1 मुख्य जनन अंग:- मादा में मुख्य जनन अंग के रूप में एक जोडी अण्डाशय ;व्अमतलद्ध पाये जाते है। जो 2-4 सेमी लम्बे होते है अण्डाशय उदर गुण में श्रेणी प्रदेश में स्थित होते है तथा श्रोणी थित्ति एवं स्नायू द्वारा गर्भााशय से जुडे होते है।
2 सहायक जनन नलिका:-
मनुष्य के मादा में सहायक जनन नलिकाओं के रूप में अण्डवाहिनी, गर्भाशय एवं योनि पाये जाते है।
1- अण्डवाहिनी (oviduct)) (डिम्बवाहिनी):-
यह 10-12 सेमी लम्बी नलि होती है। जो अण्डाशय के समीप स्थित होती है तथा दोनो ओर की अण्डवाहिनी गर्भााशय से जुडी होती है। यह तीन भागों की बनी होती है:-
a कीपक
b . तुम्बिका
c . इस्थमस
अण्डवाहिनी का अगला भाग कीप के समान होता है जिसे कीपक (infundibulam)) कहते है। यह झालरदार होता है जिसके कारण यह अण्डों को आसानी से ग्रहण करता है कीपक के पीछे अण्डवाहिनी का क्रराबो वरेछर भंग तुम्बिका या ampulu कहलाता है। इाके अण्ड वाहिनी एक संकरी नलिका के रूप में गर्भाशय से जुडी होती है जिसे संकीर्ण पथ इस्थमस कहते है।
2-गर्भाशय (Uterus or womb ) बच्चेदानी:-
दोनो ओर की अण्डवाहिनीयाँ एक चैडे थैेले समान संरचना में मिलती है जिसे गर्भाशय कहते है यह उल्टी नाशपति के आकार का होता है इसका निचला भाग गर्भााशय ग्रीवा कहलाता है जो योनि के साथ मिलकर जन्म नाल बनाता है जन्मनाल के द्वारा प्रसव क्रिया के माध्यम से शिशु का जन्म होता है। गर्भाशय की गुफा को गर्भाशय गुहा कहते है।
गर्भाशय की आंतरिक संरचना:-
गर्भाशय की भित्ति तीन स्तरो से बनी होती है।
1 परिगर्भाशय (पेरीमेट्रियन) यह गर्भाशय का सबसे बाहरी स्तर है जो पतला झिल्ली रूपी होता है यह गर्भाशय को सुरक्षा प्रदान करता है।
1. मध्य स्तर (myometrium):- यह गर्भाशय भित्ति-
यह गर्भाशय भित्ति का सबसे भीतरी स्तर है यह चिकनी पेशियों का बना होता है इस स्तर में प्रसव के दौरान संकुचन उत्पन्न होते है।
2. अंत-स्तर एड्रेमेट्रियम:-
यह गर्भाशय भित्ति का सबसे भीतरी स्तर है जो ग्रन्थियों का बना होता है। आर्तव चक्र केदौरीान इस स्तंर की कोशिकाऐ नष्ट हो जाती है।
3. योनि (Vagina):- यह एक सकरी छोटी नलिका होती है जो शुक्राणुओं को ग्रहण करने का कार्य करती है।
चित्र
- ब्राहा जननेन्द्रिय:-
चित्र
मादा में बाहा जननेन्द्रिय के रूप में जघन शैल, वृहद भगोष्ठ, लघु भगोष्ठ, क्लाइटोरिस, हाइमेन पाये जाते है।
- जघन शैल-(माँस प्यूबिस):-
मूत्र मार्ग के उपर वसा युक्त ऊतकों की एक गद्दी पाई जाती है जिसे जघन शैल कहते है। यह त्वचा एवं जघन बालों से घिरी होती है।
प्प्ण् वृहद भगोष्ठ (लीबिया मेजोरा):-
योनीद्वार को घेरे हुये ऊतको का मासलवसन पाया जाता है जिसे वृहद्ध भगोष्ठ कहते है।
- लघु भगोष्ठ लीबिया माइनरा:-
वृहद भगोष्ठ के भीतर स्थित ऊतों के माँसलवसन को लघु भगोष्ठ कहते है।
प्टण् क्लाइटोरिस (अगसेफ):-
वृहद भगोष्ठ के ऊपरी किनारो पर दोनो वलनो के मिलन बिन्दु पर अंगुली के समान छोटी उभार पाया जाता है जिसे क्लाइटोरिस कहते है। यह नर के शिशन के समतल एक अंतरोधी अंग पाया जाता है।
टण् हाइमेन (योनिच्छद):-
योनिद्वार को ढकने वाली पाली पतली झिल्लीनुमा आवरण को हाइमेन कहते है। हय प्रायः प्रथम बार मैथून करने पर फट जाती है। किन्तु घुडसवारी करने, साइकिल चलाने, व्यायाम करने से भी हाइमेन फट सकती है। इसलिए इसे कौमार्य (कुमारी) का प्रतीक नहीं माना जाता है अर्थात योनिच्छद ;टपतहपदपजलद्ध का फटा हुआ होना योन अनुभव का सुचक्र नहीं है।
4 मादा सहायक जनन ग्रन्थियाँ:-
1- बार्थोलिन ग्रन्थि:-
चित्र
मनुष्य के मादा में एक जोडी क्रियाशील स्तरग्रन्थियाँ पाई जाती है जो पसातियों पर अंशीयपेशी द्वारा जुडे हुए होते है, प्रत्येक स्तन ग्रन्थि में वसायुक्त ऊतक ग्रन्थिल कोशिकायें पायी जाती है प्रत्येक स्तर ग्रन्थि में 15-20 पालियां पाई जाती है जिन्हें स्तन पलि कहते है। इसमें कोशिकाओं के गुच्छे पाई जाते है जिनसे कूपिका कहते है। अपिका के गुहा में युग्धका निर्भय होता है जो कूपिका वाहिनी के द्वारा जो स्वन वाहिनी में खुलती है प्रत्येक स्तनपलि से स्तन वाहिनी निकलकर दुग्ध वाहिनी बनाती है जो स्तन परिवेश पर चूचक पर स्थित छिद्रो के द्वारा बाहर खुलती है।
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…