हिंदी माध्यम नोट्स
आधुनिक मूर्तिकला का जनक किसे कहा जाता है , भारतीय आधुनिक मूर्तिकार father of modern indian sculpture in hindi
who is father of modern indian sculpture in hindi आधुनिक मूर्तिकला का जनक किसे कहा जाता है , भारतीय आधुनिक मूर्तिकार ?
उत्तर : रामकिंकर बैज को आधुनिक भारत का मूर्तिकार कहते है या इन्हें आधुनिक मूर्तिकार के नाम से ख्याति प्राप्त है |
प्रश्न: रामकिंकर बैज
उत्तर: रामकिंकर बैज को ही भारतीय मूर्तिकला का परिवर्तन बिन्दु माना जा सकता है, जहां से एक महत्वपूर्ण यात्रा का प्रारम होता दिखाई देता है, जिसमें यूरोप की ‘अकादमिक शैली से विमुखता‘ और ‘नवीन और ताजा हवा के झोंके की ताज महसूस की जा सकती है। मूर्तिकला में सर्वप्रथम ‘आधुनिक तत्व‘ हमें इन्हीं की कला में दृष्टव्य होते हैं। रामकिंकर बैन जिन्होंने अपना अधिकतर समय शांतिनिकेतन में ही बिताया, एक आधुनिक मूर्तिकार के रूप में ख्याति अर्जित की और आगे आने वाली पीढ़ियों को भी बहुत प्रभावित किया। उनकी कला के अभिप्राय मूल रूप से लोक-कला और ज्यामिति पर आधारित थे। उनके अत्यन्त प्रसिद्ध मूर्तिशिल्पों में से एक हैं श्संथाल परिवार।
प्रश्न: देवी प्रसाद राय चैधुरी
उत्तर: देवी प्रसाद राय चैधुरी जो आधुनिक काल के ‘सबसे सशक्त मूर्तिकार‘ माने जा सकते हैं, ने अपना अधिकांश समय मद्रास में ही बिताया। उनके कुछ प्रमुख मूर्तिशिल्पों में से कुछ मूर्तियाँ जो कलकत्ता शहर में स्थापित हैं, वे हैं- आशुतोष मुखर्जी, हरिराम गोयनका और महात्मा गांधी के पोट्रेट। उन्होंने अधिकांशतः ‘आम आदमी‘ को ही अपनी रचना के केन्द्र में रखा। वे सम्भवतया प्रथम भारतीय मूर्तिकार थे, जिन्होंने बहुत ही सफलतापूर्वक अपनी मूर्तियों में ‘आधुनिकता व परम्परागतता का सम्मिश्रण‘ किया।
आधुनिक भारत की वास्तुकला
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न: हिरण्यमय चैधरी
उत्तर: वे अकादमिक शैली के मूर्तिशिल्पकार थे और बहुत हद तक उन पर यूरोपीय प्रभाव दिखाई देता है।
प्रश्न: बी.पी. तालिम
उत्तर: विक्टोरियन शैली के कलाकार थे। उन्होंने अपने आस-पास के वातावरण को ही अपने मर्तिशिल्पों में ढाला।
प्रश्न: संत फ्रांसिस आसिसी चर्च (गोवा)
उत्तर: संत फ्रांसिस आसिसी चर्च पुराने गोवा में सर्वाधिक विशाल और आकर्षक गिरजाघरों में एक है। इसका निर्माण पूर्तगालियों द्वारा 1661 में कराया गया था।
प्रश्न: सेंट कैथेड्रल चर्च (गोवा)
उत्तर: सेंट कैथेड्रल गोवा के ऐतिहासिक गिरजाघरों में एक हैं। सन् 1619 में निर्मित इस चर्च में सेंट फ्रांसिस के जीवन के प्रसंगों को विभिन्न चित्रों के माध्यम से जीवित करने का प्रयास किया गया है। यह एशिया का सबसे बड़ा चर्च है।
प्रश्न: बेसिलिका ऑफ बोम जीसस चर्च (गोवा)
उत्तर: बेसिलिका ऑफ बोम जीसस गोवा में स्थित एक प्रसिद्ध चर्च है जो अब यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल है। बोम जीसस का अर्थ है शिशु जीसस या अच्छा जीसस।
प्रश्न: संत जॉन चर्च (कोलकाता)
उत्तर: कोलकाता में स्थित संत जॉन चर्च 200 वर्ष पुराना है। यह चर्च 175 फीट ऊँचा है। इसे ग्रीक शैली में बनाया गया है। इस चर्च में कोलकाता शहर के संस्थापक जॉब चारनाक की समाधि है।
प्रश्न: माउंट मैरी चर्च (मुम्बई)
उत्तर: मुम्बई शहर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से एक माउंट मेरी चर्च है। यह चर्च मुम्बई के विशिष्ट और भव्य चर्चों में से एक है। माउंट मैरी चर्च वर्जिन मेरी को समर्पित है। इस चर्च को 1640 ई. में बनाया गया था और फिर इसे गिरा दिया गया और 1761 ई. में इसे दुबारा बनाया गया था।
प्रश्न: क्राइस्ट चर्च (शिमला)
उत्तर: शिमला स्थित क्राइस्ट चर्च उत्तर भारत का दूसरा पुराना चर्च है। यह चर्च 1857 ई. में नव गोथिक शैली में ब्रिटिश समुदाय की सेवा करने के लिए निर्मित किया गया था।
प्रश्न: सेंट फ्रांसिस चर्च (कोचीन, केरल)
उत्तर: सेंट फ्रांसिस चर्च कोचीन (केरल) में स्थित है जो 1508 ई. में बनाया गया था। यह चर्च भारतीय भूमि पर पहला यूरोपीय गिरजाघर होने के कारण विख्यात है। इस चर्च में कुछ समय के लिए वास्कोडिगामा को दफनाया गया था, बाद में उसके पार्थिव अवशेष को पुर्तगाल ले जाया गया।
प्रश्न: संत जोसेफ कैथेलिक चर्च (बारामुला, जम्मू-कश्मीर)
उत्तर: संत जोसेफ कैथोलिक चर्च बारामुला, जम्मू-कश्मरी में स्थित है, इसकी स्थापना 1891 में हुई थी। यह जम्मू और कश्मीर की सबसे पुरानी कैथेलिक चर्च है।
प्रश्न: ब्रिटिश कालीन मूर्तिकला
उत्तर: ब्रिटिश काल में भी मर्तिकाल का विशेष प्रचार व प्रोत्साहन नहीं रहा। दक्षिण में इस समय हाथीदांत की मर्तियांश् भी बनने लगी थी। ‘महारानी विक्टोरिया‘ व ‘एडवर्ड सप्तम‘ की कई विशाल कद की मूर्तियां अनेक नगरों में प्रतिष्ठित की गई। ‘ग्वालियर के केसरबार‘ में इस काल की बनी कई मूर्तियाँ प्रतिष्ठित हैं।
प्रश्न: कला का पुनरुत्थान काल
उत्तर: ब्रिटिश शासन काल में ही आगे चलकर स्व, अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के नेतृत्व में उनके शिष्यों ने एक देशव्यापी आंदोलन छेडा जो बंगाल से प्रारम्भ होकर समूचे देश में फैल गया। इस श्पुनरुत्थान आंदोलनश् के माध्यम से देश की कला की अमल्य निधियों को सारे संसार के समक्ष लाने का प्रयास किया गया। इससे देश की सोयी हुई कला चेतना में नवजीवन, की लहर दौड़ गई और कला के क्षेत्र में आधुनिक तत्वों ने स्थान ग्रहण करना प्रारम्भ किया।
लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न: क्या कारण है कि लौरी बेकर को ‘भारतीय वास्तुकला की अन्तश्चेतना का रक्षक‘ कहा जाता है।
उत्तर: लौरी बेकर ब्रिटिश मूल के भारतीय वास्तुकार थे जो अपनी कम लागत व ऊर्जा दक्षता वाले स्थापत्य तथा अदिती स्थान उपयोग व साधारण किन्तु सौन्दर्यपरक संवेदनशीलता के लिए विख्यात थे। उनके द्वारा डिजाइन किए गए अधिकांश भवन निर्माण रूपरेखा निम्न मध्य व निम्न वर्ग के लिए उपयुक्त थे। यही कारण है कि लौरी बेकर को ‘भारतीय वास्तुकला को अन्तश्चेतना का रक्षक‘ कहा जाता है।
प्रश्न: इण्डिया गेट
उत्तर: इण्डिया गेट (मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है), नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित 43 मीटर ऊँच विशाल द्वार है। यह स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ से प्रेरित है। इसे सन् 1939 में बनाया गया था। मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जाने वाले इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासकों द्वारा उन 10000 भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए थे। यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ यह स्मारक दर्शनीय है। प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इण्डिया गेट से होते हुए लाल किले तक पहुंचती है।
प्रश्न: चण्डीगढ़
उत्तर: इसके नाम का अर्थ है चंडी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चैडका या चंडी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है। चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली काबूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमून देखे जा सकते हैं।
प्रश्न: गेटवे ऑफ इंडिया
उत्तर: गेटवे ऑफ इंडिया भारत के प्रमुख नगर मुंबई के दक्षिण में समुद्र तट पर स्थित है। यह प्रवेशद्वार असिताश्म का बना हुआ स्थापत्य है, जिसकी ऊँचाई 26 मीटर है। इस प्रवेशद्वार के पास ही पर्यटकों के समुद्र भ्रमण हेतु नौका-सेवा भी उपलब्ध प्रवेशद्वार को बनाने के लिए पीला असिताश्मा प्रयुक्त किया गया है। प्रवेशद्वार का निर्माण राजा जॉर्ज पंचम और रानी मेरा रोके आगमन 2 दिसम्बर, 1911 की यादगार में हुआ था। इसके वास्तुशिल्पी जॉर्ज विटैट थे। यह सन् 1924 में बन कर तैयार हुआ।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…