हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
हिंदी भाषा का आधुनिक साहित्य के जन्मदाता कौन है who is considered as the father of modern hindi literature in hindi
who is considered as the father of modern hindi literature in hindi हिंदी भाषा का आधुनिक साहित्य के जन्मदाता कौन है किसे कहा जाता हैं ?
उत्तर : हिंदी साहित्य ने अपना आधुनिक रूप 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रहण किया। भारतेन्दु हरिश्चंद्र (जन्म सन् 1850) कार्ड आधुनिक हिंदी साहित्य का पितामह माना जाता है। एक कवि, नाटककार, उपन्यासकार, कहानीकार, लेखक और निबंध लेखक के रूप में उन्होंने साहित्य में अपनी महान सृजनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया और अपने लेखों में भयंकर और नवजागरण, दोनों ही प्रकार के दौर की जनभावनाओं को प्रतिबिंबित किया। 20वीं शताब्दी के पहले दो दाशकों में महावीरप्रसाद द्विवेदी ने साहित्यिक गतिविधियों के व्यापक क्षेत्र में नई सजीवता का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें आधुनिक हिंदी गद्य का शिल्पी माना जाता है।
हिंदी भाषा का आधुनिक साहित्य
17वीं से 19वीं शताब्दी तक हिन्दी याहित्य मुख्यतः पद्यात्मक था। उस युग का पद्य प्रमुख रूप से ब्रजभाषा में पनपा आगरा, मथुरा क्षेत्र को मुख्य भाषा थी। अन्य स्थानीय बोलियों जैसे अवधी और मैथिली में भी कविताएं की जाती थी। ऐसी सभी क्षेत्रीय भाषाएं हिंदी ही कहलाती थीं।
1803 ई. में डाक्टर जान गिल्क्रिस्ट, दो विख्यात हिंदी लेखकों-लल्लूलाल और सदल मिश्र-को फोर्ट विलियम लाए। इन दोनों लेखकों ने नए समय के संदर्भ में हिंदी में सुधार किया। लल्लूलाल के प्रेमसागर और सदल मिश्रा जी नासिकेतोपाख्यान से हिंदी साहित्य में नई गद्य शैली की शुरूआत हुई। 1809 ई. में कैरी ने न्यू टेस्टामेंट (बाइबिल का नया सस्करण) के कुछ अंश हिंदी में प्रकाशित किए। 1818 ई. में सारी बाइबिल का हिंदी पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ किया। पहला हिंदी समाचारपत्र ‘उदांतमार्तड‘ कलकत्ता में 1826 ई. में छपा। कालांतर में बनारस और आगरा से भी कि समाचारपत्र का प्रकाशन होने लगा। ये थे ‘बनारस अखबार‘ (1845), ‘बुद्धि प्रकाश‘ (1852), ‘प्रजा हितैषी‘ (1861). और ‘लोकमित्र‘ (1863)। इन समाचार-पत्रों ने नई गद्य शैली को लोकप्रिय बनाने में सहायता की।
हिंदी साहित्य, प्राचीन शैलियों और नई प्रवृत्तियों का संम्मिश्रण था या यह कहा जाए की हिंदी साहित्य, पुराने और नए का समानातर विकास था, जिसमें दोनों एक दूसरे पर आवश्यक प्रभाव डाल रहे थे। मैथिलीशरण गुप्त जैसे साहित्यकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से इसी विकास को मूर्त रूप दिया। मैथिलीशरण गुप्त अपनी कविता के लिए प्रसिद्ध थे जिसमें पुरानी शैली की सजीवता और नए आदर्शों के उत्साह का समावेश था।
प्रगतिवाद, हिंदी के विकास का एक और उल्लेखनीय पहलू बन गया। कवि ने प्रकृति के स्थान पर मनुष्य की ओर ध्यान दिया, जो बड़ा संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा था। मानव की दुर्दशा का निष्पक्ष अध्ययन, दमन और अन्याय के विरूद्ध उसका संघर्ष, उसके जीवन की कल्पना को जागृत किया। कहानियों, उपन्यासों और अन्य लेखन से साहित्य को, मनुष्य की सामाजि, आर्थिक परिस्थितियों को प्रतिबिंबित करने और उस समय के समाज की त्रुटियों तथा विरोधाभासों का उजागर करने का माध्यम बनाया गया। इस लेखन शैली के प्रतिनिधि थे यश्पाल, नागार्जुन, रामेश्वर शुक्ल और नरेश मेहता।
कहा जाता है कि प्रगतिवादियों पर प्रेमचंद का काफी गहरा प्रभाव पड़ा। वे उपन्यासकारों में अग्रणी थे और उनका कथा-विषय था साधारण मनुष्य और मेहनतकश किसान। प्रेमचंद के उपन्यासों की मानवीय भावनाओं ने समाज पर अप अमिट छाप छोड़ी। उनके उपन्यासों के चरित्र इतनी विशेषताओं से पूर्ण थे कि उन्होंने हिंदी साहित्य के विकास को नई दिशा दी। प्रगतिवादियों ने अपने व्यापक दृष्टिकोण में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के आंचलिक जीवन को समेट लिया।
देशभक्ति की भावनाओं का भी हिंदी के विकास में अपना ही योगदान था। स्वचछंद भावनावाद और मानवतावाद का राष्ट्रवाद के साथ समावेश किया गया। मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा नवीन और रामधारी सिंह ने अपने-अपने लेखन में स्वच्छंद राष्ट्रवाद को प्रबल बनाया। उस समय के वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने भी गद्य शैली पर प्रभाव डाला। ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित काल्पनिक उपन्यास भी लिखे गए जिनमें इतिहास के कालक्रम में विभिनन युगो, की तस्वीर पेश की गई थी। भगवतशरण उपाध्याय, राहुल सांकृत्यायन और रांगेय राघव जैसे लेखकों ने उसे जमाने में समाज और जीवन की परिस्थितियों के संबंध में पाठकों की कल्पनाओं, की आकृष्ट किया। हजारीप्रसाद द्विवेदी की कृति ‘वाणभट्ट की आत्मकथ‘ जैसे लेखन ने आज के मानव को एक पुराने जमाने के गणों और मूल्यों के दर्शन कराए ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित काल्पनिक उपन्यास लोकप्रिय हो गए और वन्दावनलाल वर्मा के ‘झासी की रानी‘ जैसे उपन्यासों ने जनमानस-पटल पर गहरा प्रभाव डाला।
नई कविता और प्रयोगवादी कविताओं के समर्थक, सदा नए-नए विचारों की खोज में लगे रहे और हाल में उन्होंने हिंदी को और सक्रिय तथा जीवंत बनाया। भावनी प्रसाद मिश्र, धर्मवीर भारती, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना रघुवरीर सहाय, जगदीश गुप्त और कुंवरनारायण तथा कई अन्य युवा लेखकों ने हिंदी साहित्य को सृजनात्मक और आलोचनात्मक तरीकों से विकसित करने में सहायता की।
Recent Posts
द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi
अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…
नियत वेग से गतिशील बिन्दुवत आवेश का विद्युत क्षेत्र ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi
ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi नियत वेग से…
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…