विकास कक्षा 12 जीव विज्ञान नोट्स प्रश्न उत्तर हल समाधान evolution class 12 biology notes in hindi
evolution class 12 biology notes in hindi question answer ncert solutions विकास कक्षा 12 जीव विज्ञान नोट्स प्रश्न उत्तर हल समाधान ?
विकास को हिंदी में “परिवर्तन” या “विकास” के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह जीवन में समय के साथ होने वाले नवीनीकरण या बदलाव का विज्ञान है, जिससे संजाति में स्थायित्व और विविधता में परिवर्तन होता है। विकास के सिद्धांत के अनुसार, जीवों में यह बदलाव नियमित होता है और संजाति को संजाति के परिवार के साथ संबंधित करता है। इससे प्रकृति में जीवों के उपयोगी और सुरक्षित ढंग से अनुकूलन होता है।
आधुननक जीिविज्ञान के आधार
आधुनिक जीविज्ञान के आधार में कई महत्वपूर्ण सिद्धांत और संशोधन हैं। यहां कुछ मुख्य आधार हैं:
1. दर्शनशास्त्र (विज्ञान का दर्शन) – यह जीविज्ञान के मूल सिद्धांतों और तत्वों को स्पष्ट करता है। इसमें प्राकृतिक नियमों, योग्यता सिद्धांतों, विज्ञानिक मैथमैटिकल तर्कों और प्रयोगों का उपयोग होता है।
2. जैनेटिक्स (आनुवंशिकी) – जैनेटिक्स जीविज्ञान का एक महत्वपूर्ण शाखा है जो आनुवंशिकी का अध्ययन करती है। इसके द्वारा जीवों के लक्षणों, विशेषताओं और वंशानुक्रम का अध्ययन किया जाता है।
3. जीवशास्त्रीय तार्किकता – जीवशास्त्रीय तार्किकता जीविज्ञान में तार्किक विचारधारा का उपयोग करती है। यह जीविज्ञानी प्रयोगशालाओं, अध्ययनों और अनुसंधानों में तर्कों को विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करती है।
4. नवीनतम अनुसंधान – जीविज्ञान में नवीनतम अनुसंधान और विज्ञानिक अविष्कार भी महत्वपूर्ण आधार हैं। इससे नई ज्ञान प्राप्त होती है और जीविज्ञान के क्षेत्र में विकास होता है।
5. प्रायोगिक अध्ययन – जीविज्ञान में प्रायोगिक अध्ययन का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें प्रयोगशालाओं में प्रयोग, प्रवीणता, प्रयोगों के नतीजों का विश्लेषण और अवलोकन किया जाता है।
इन आधारों के साथ, आधुनिक जीविज्ञान जीवों के विकास, परिवर्तन, आनुवंशिकी, उत्पत्ति, जीवबंधी, प्रजनन और जीवों के अभ्यास पर आधारित है।
कोशिका सिद्धांत
कोशिका सिद्धांत (Cell Theory) जीवविज्ञान का महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो कोशिकाएं और उनके संरचना एवं कार्यों के बारे में स्पष्टीकरण करता है। कोशिका सिद्धांत के मुताबिक:
1. सभी जीवों में एक या अधिक कोशिकाएं होती हैं। कोशिकाएं जीवन की मूल इकाई होती हैं और जीवित सत्ता का आधार मानी जाती हैं।
2. कोशिकाएं स्वतंत्र विद्युतशक्ति उत्पन्न कर सकती हैं और स्वतंत्रता से विभाजित हो सकती हैं। यह उनकी प्रतिरूपता और विसंगति को सिद्ध करता है।
3. नई कोशिकाएं मौजूद उत्पन्न होने के लिए पूर्व मौजूद कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं। इसका मतलब है कि जीवों का प्रजनन कोशिका द्वारा होता है।
कोशिका सिद्धांत के आधार पर, संजीवी और असंजीवी दोनों प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, और इनमें विभिन्न उत्पादन, संरचना और कार्य होते हैं। कोशिका सिद्धांत ने जीवविज्ञान में जीवन की समझ को महत्वपूर्ण ढंग से बदला है और इसे एक मूलभूत सिद्धांत बना दिया है।
क्रम-विकास (Sequential Development) एक जीवविज्ञानिक सिद्धांत है जो विकास की प्रक्रिया को क्रमबद्धता के आधार पर समझने का प्रयास करता है। इस सिद्धांत के अनुसार, जीवनी प्रकृति में जीवों का विकास क्रमबद्ध और सुसंगत होता है।
क्रम-विकास का मुख्य अवधारणा है कि एक जीव समय के साथ निरंतर बदलता है और विकास की अवस्थाओं से गुजरता है। इसमें जीव का जन्म, बाल्यावस्था, युवावस्था, प्रजनन और प्राणांत के बाद मृत्यु की अवस्था शामिल होती हैं। हर अवस्था में जीव में नवीनीकरण होता है और विभिन्न विशेषताएं विकसित होती हैं।
क्रम-विकास का उदाहरण मानव जीवन में देखा जा सकता है। एक मानव जीव का जन्म होता है, जिसके बाद वह शिशु बनता है, फिर बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था और वयस्क जीव की अवस्था तक पहुंचता है। इसके बाद, उसकी सेनाओं में असंख्यात प्रक्रियाएं और परिवर्तन होते हैं, जो उसके बुद्धि, शारीरिक रूप, सामाजिक योग्यता और व्यक्तित्व में परिवर्तन लाती हैं। अंत में, वह मृत्यु की अवस्था में पहुंचता है।
क्रम-विकास सिद्धांत द्वारा जीविका के विभिन्न चरणों को समझने से हमें जीवों के विकास के प्रक्रियाओं और पैटर्नों की समझ मिलती है, जो जीवविज्ञान के महत्वपूर्ण अध्ययन का हिस्सा है।
जीवनीर्वह जीवविज्ञान में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है और विभिन्न विकल्पों को समझने के लिए उपयोगी होता है। जीवनीर्वह के विभिन्न विकल्प निम्नलिखित हैं:
1. अबिओजेनेसिस (Abiogenesis): यह सिद्धांत विचार करता है कि जीवन अशरीरी या गैर-जीवी पदार्थों से स्वतः ही उत्पन्न हुआ है। अबिओजेनेसिस के अनुसार, प्राकृतिक प्रक्रियाओं और रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से गैर-जीवी पदार्थ जीवन के लिए आवश्यक घटकों को एकीकृत करके जीवन की उत्पत्ति हुई है।
2. बाह्योपजीवी (Extraterrestrial): इस विकल्प के अनुसार, जीवन की उत्पत्ति पृथ्वी के बाहर के स्थानों से हुई है। इस विचारधारा के अनुसार, जीवन पृथ्वी पर नहीं बल्क उपग्रहों, उच्च आयामी रणनीतियों, या अन्य बाह्य स्रोतों से प्राप्त हुआ है, जैसे कि उच्च ज्वालामुखी क्षेत्रों से निकले आवाज या अंतरिक्ष से आयाए जीवाणु या स्पोर।
3. बायोजेनेसिस (Biogenesis): यह सिद्धांत विचार करता है कि जीवन केवल पूर्व मौजूद जीवों द्वारा ही उत्पन्न होता है। बायोजेनेसिस के अनुसार, जीवन की उत्पत्ति केवल जीवी पदार्थों द्वारा होती है, जैसे कि जीवाणु, स्पर्श जीव, पौधों के बीज आदि।
इन विकल्पों के बारे में वैज्ञानिकों के बीच विवाद है और इस पर अध्ययन और अनुसंधान अभी भी जारी है। यह विवाद जीविज्ञान के महत्वपूर्ण और रोचक मुद्दों में से एक है और वैज्ञानिक समुदाय में आगे बढ़ने के लिए उत्साह बढ़ाता है।
Conservation biology in hindi
संरक्षण जीवविज्ञान (Conservation Biology) एक अनुशासनबद्ध, प्रदूषणमुक्त और स्थायी जीवन संरक्षण के लिए विज्ञान की शाखा है। यह जीवनी, प्रजाति एवं जीवविविधता की संरक्षण, जीवों के प्रजनन के सिस्टम, जीवविज्ञानी प्रणाली, और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के प्रबंधन के प्रश्नों को शामिल करता है।
संरक्षण जीवविज्ञान का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक और जैविक संसाधनों की संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन करना है ताकि जीवनी विविधता, जीवजगत की संख्या और प्रजाति के संरक्षण में सुरक्षित रह सके। इसके लिए, यह विज्ञान जीवविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, जैवभौतिकी, जीवसंख्या जीवविज्ञान और वनीकरण के साथ-साथ अन्य विज्ञानों के तत्वों का उपयोग करता है।
संरक्षण जीवविज्ञान के द्वारा हम जीवविविधता को संरक्षित करने, प्राकृतिक प्रणालियों को पुनर्स्थापित
जीवाणु विज्ञान (Microbiology) एक विज्ञान की शाखा है जो जीवाणुओं की अध्ययन करती है। जीवाणु विज्ञान विभिन्न जीवाणुओं के संरचना, विकास, प्रजनन, उनके आश्रय स्थानों और जीवाणु-अर्धजीवी सम्बन्धों को समझने में मदद करती है।
जीवाणु विज्ञान का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जीवाणु हमारे आसपास पर्यावरण में व्याप्त होते हैं और महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं। ये खाद्य सुरक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण संरक्षण, जल शोधन, औषधीय विज्ञान, खनिज उत्पादन, और जल जीवनमान्यता जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जीवाणु विज्ञान के अध्ययन से हम जीवाणुओं की प्रकृति, उनकी संरचना, विशेषताएं, प्रजनन प्रक्रिया, उत्पत्ति, प्रगति और उनके आश्रय स्थानों को समझ सकते हैं। यह विज्ञान रोग प्रतिरोध, खाद्य सुरक्षा, बायोटेक्नोलॉजी, खनिज उत्पादन, जीवाणु रोधक औषधीय उत्पादों, और बायोरिमेडिएशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
जीवाणु विज्ञान में उपयोगी विधाएं शामिल हैं जैसे कि माइक्रोस्कोपी, जीवाणु संचरण, जीवाणु विश्लेषण, जीवाणु जनसंख्या गणना, जीवाणु जीवविज्ञान, और जीवाणु जेनोमिक्स।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics