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तुल्यता समुच्चय या तुल्यता वर्ग (equivalence class in hindi) , विभाग समुच्चय (quotient set) , प्रमेय , उत्पत्ति
विभाग समुच्चय (quotient set) , प्रमेय , उत्पत्ति , तुल्यता समुच्चय या तुल्यता वर्ग (equivalence class in hindi) ?
दो सम्बन्धों का संयोजन (composition of two relations) : माना A , B तथा C कोई तीन अरिक्त समुच्चय है और A से B में सम्बन्ध R तथा B से C सम्बन्ध S में दो सम्बन्ध है। दोनों सम्बन्धों का संयोजन SoR , A से C में एक सम्बन्ध है जो इस प्रकार परिभाषित है कि –
SoR = {(a,c) : b ∈ B एक ऐसा अवयव है कि aRb तथा bSc ; जहाँ a ∈ A तथा c ∈ C}
चित्रानुसार स्पष्ट है कि –
aRb , bSc → aSoRc
प्रमेय : किन्ही तीन समुच्चय A , B और C में सम्बन्ध R , A से B में और सम्बन्ध S , B से C में है अर्थात R ⊆ A x B और S ⊆ B x C तो सिद्ध कीजिये कि (SoR)-1 = R-1oS-1
उत्पत्ति : माना (a,c) ∈ SoR , तब
(a,c) ∈ SoR <=> (c,a) ∈ (SoR)-1
अब (c,a) ∈ (SoR)-1 <=> (a,c) ∈ SoR
<=> Ǝ b ∈ B : (a,b) ∈ R और (b,c) ∈ S
<=> Ǝ b ∈ B : (b,a) ∈ R-1 और (c,b) ∈ S-1
<=> Ǝ b ∈ B : (c,a) ∈ S-1 तथा (b,a) ∈ R-1
<=> Ǝ b ∈ B : (c,a) ∈ R-1OS-1
अत: (c,a) ∈ (SoR)-1 <=> (c,a) ∈ R-1OS-1
अर्थात (SoR)-1 = R-1OS-1
तुल्यता समुच्चय या तुल्यता वर्ग (equivalence class in hindi)
यदि सम्बन्ध R , किसी समुच्चय A पर परिभाषित कोई तुल्यता सम्बन्ध है तथा a ∈ A तो समुच्चय A के उन अवयवों का समुच्चय जो xRa सम्बन्ध को संतुष्ट करते है , जहाँ x ∈ A को a का तुल्यता वर्ग कहते है। इसे [a] से प्रदर्शित किया जाता है। गणित की प्रतिक भाषा के रूप में –
तुल्यता वर्ग , [a] = {x:x ∈ A , xRa}
इसी प्रकार b ∈ A के लिए ,
[b] = {y:y ∈ A , yRb}
स्पष्ट है कि तुल्यता वर्ग समुच्चय A का उपसमुच्चय है।
विभाग समुच्चय (quotient set) : किसी समुच्चय के तुल्यता वर्ग के समुच्चय को विभाग समुच्चय कहते है।
यदि कोई समुच्चय A और इसके तुल्यता वर्ग क्रमशः [a] , [b] , [c] . . . . . जहाँ a , b , c ∈ A तो {[a] , [b] , [c] ,. . . . } को विभाग समुच्चय कहते है। इसे गणित भाषा में प्रतीकात्मक रूप से A/R से व्यक्त किया जाता है।
अर्थात A/R = {[a] , [b] , [c] ,. . . . }
उदाहरण : यदि A किसी समतल में स्थित सरल रेखाओं का एक समुच्चय है और इसमें तुल्यता सम्बन्ध समान्तर का है अर्थात xRy → x||y , ∀ x , y ∈ A
माना समतल में स्थित कोई सरल रेखा a है तो सभी सरल रेखाओ का समुच्चय जो रेखा a के समान्तर है , तुल्यता वर्ग [a] है। यहाँ [a] से तात्पर्य उन समस्त रेखाओ के समुच्चय से है जो दिए गए समतल में और a के समान्तर है।
इसी प्रकार तुल्यता वर्ग [b] से तात्पर्य उन समस्त रेखाओं से है जो कि समतल में रेखा b के समान्तर है।
प्रमेय : यदि सम्बन्ध R समुच्चय A में तुल्यता सम्बन्ध है और a , b ∈ A, तो
1. a ∈ [a] अर्थात [a] अरिक्त है।
2. b ∈ [a] → [b] = [a]
3. [a] = [b] <=> (a,b) ∈ R
4. [a] ⋂ [b] = Φ या [a] = [b]
उत्पत्ति :
1. a ∈ [a]
पुनः R , समुच्चय A में तुल्यता सम्बन्ध है अत: R स्वतुल्य है , तब aRa सत्य है।
परन्तु [a] = {x : x ∈ A और xRa}
अत: aRa → a ∈ [a] अर्थात [a] अरिक्त है।
2. दिया गया है , b ∈ [a] तो सिद्ध करना है कि [b] = [a]
अब b ∈ [a] → bRa
मान लीजिये x तुल्यता वर्ग [b] का कोई स्वेच्छ अवयव है।
अत: x ∈ [b] → xRb
किन्तु R संक्रमक है। [R तुल्यता सम्बन्ध है। ]
अत: xRb , bRa → xRa
→ x ∈ [a]
इसी तरह से x ∈ [b] → x ∈ [a]
अत: [b] ⊆ [a] . . . .. . समीकरण-1
पुनः माना x तुल्यता वर्ग [a] का कोई स्वेच्छ अवयव है तो –
x ∈ [a] → xRa
लेकिन bRa → aRb ; R सममित है। [R तुल्यता सम्बन्ध है। ]
अब xRa , aRb → xRb
→ x ∈ [b]
इस प्रकार , x ∈ [a] → x ∈ [b]
अत: [a] ⊆ [b] . . . .. . समीकरण-2
समीकरण-1 और समीकरण-2 से –
[a] = [b]
3. [a] = [b] <=> aRb
माना [a] = [b] तो सिद्ध करना है कि aRb
R तुल्यता सम्बन्ध है , अत: यह स्वतुल्य है।
तब aRa
अत: aRa → a ∈ [a]
→ a ∈ [b] [क्योंकि [a] = [b] ]
→ aRb
अत: [a] = [b] → aRb
पुनः माना aRb तो सिद्ध करना है कि
[a] = [b]
माना x तुल्यता वर्ग [a] का कोई स्वेच्छ अवयव है।
तब x ∈ [a] → xRa
परन्तु aRb दिया है।
अत: xRa , aRb → xRb , [R संक्रमक है। ]
→ x ∈ [b]
इस प्रकार , x ∈ [a] → x ∈ [b]
अत: [a] ⊆ [b] . . . .. . समीकरण-1
पुनः x ∈ [b] → xRb
परन्तु aRb (दिया है ) → bRa [R सममित है। ]
अत: xRb , bRa → xRa
→ x ∈ [a]
इस प्रकार , x ∈ [b] → x ∈ [a]
अर्थात [b] ⊆ [a] . . . .. . समीकरण-2
समीकरण-1 और समीकरण-2 से ,
[a] = [b]
4. [a] ⋂ [b] = Φ या [a] = [b]
माना [a] ⋂ [b] ≠ Φ , तो सिद्ध करना है कि
[a] = [b]
अब [a] ⋂ [b] ≠ Φ
कम से कम एक अवयव x ऐसा है कि
x ∈ [a] ⋂ [b]
अब x ∈ [a] ⋂ [b] → x ∈ [a] और x ∈ [b]
→ xRa और xRb
→ aRx और xRb
→ aRb [R संक्रमक है। ]
→ [a] = [b]
अत: [a] ⋂ [b] ≠ Φ → [a] = [b]
दुसरे शब्दों में कहा जा सकता है –
[a] ≠ [b] → [a] ⋂ [b] = Φ
टिप्पणी : समुच्चय A के सभी तुल्यता वर्गों का संघ स्वयं समुच्चय A होता है अर्थात यदि [a] , [b] , [c] , [d] समुच्चय A के तुल्यता वर्ग हो तो A = [a] ⋃ [b] ⋃ [c] ⋃ [d]
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