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एंजाइम उत्प्रेरण , जैव उत्प्रेरक की परिभाषा क्या है , उपयोग , उदाहरण , एन्जाइम उत्प्रेरण (enzyme catalysis in hindi)
(enzyme catalysis in hindi) एंजाइम उत्प्रेरण , जैव उत्प्रेरक की परिभाषा क्या है , उपयोग , उदाहरण , एन्जाइम उत्प्रेरण क्या उत्प्रेरक , संरचना चित्र , क्रियाविधि और लक्षण : उत्प्रेरण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी अभिक्रिया में कुछ पदार्थ मिलाकर उस अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित किया जाता है तथा वह पदार्थ जो अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देता है उसे उत्प्रेरक कहते है।
एंजाइम भी एक प्रकार का उत्प्रेरक है जो जीवों और पौधों में होने वाली क्रियाओं के वेग को परिवर्तित कर देता है , वह उत्प्रेरण जिसमें एन्जाइम को उत्प्रेरक की तरह काम में लिया जाता है उसे एंजाइम उत्प्रेरक कहते है और इस प्रक्रिया को एन्जाइम उत्प्रेरण कहते है।
अर्थात एंजाइम उत्प्रेरण वह प्रक्रिया है जिसमें जीवों और पेड़ पौधों में होने वाली क्रियाओं या अभिक्रियाओं के वेग को कुछ पदार्थ मिलाकर परिवर्तित किया जाता है और जीवों और पेड़ पौधों की क्रियाओं के वेग को प्रभावित करने के लिए जो पदार्थ काम में लिया जाता है उसे एंजाइम उत्प्रेरक कहते है और इस क्रिया को एंजाइम उत्प्रेरण कहते है।
एंजाइम भी एक प्रकार का उत्प्रेरक है जो जीवों और पौधों में होने वाली क्रियाओं के वेग को परिवर्तित कर देता है , वह उत्प्रेरण जिसमें एन्जाइम को उत्प्रेरक की तरह काम में लिया जाता है उसे एंजाइम उत्प्रेरक कहते है और इस प्रक्रिया को एन्जाइम उत्प्रेरण कहते है।
अर्थात एंजाइम उत्प्रेरण वह प्रक्रिया है जिसमें जीवों और पेड़ पौधों में होने वाली क्रियाओं या अभिक्रियाओं के वेग को कुछ पदार्थ मिलाकर परिवर्तित किया जाता है और जीवों और पेड़ पौधों की क्रियाओं के वेग को प्रभावित करने के लिए जो पदार्थ काम में लिया जाता है उसे एंजाइम उत्प्रेरक कहते है और इस क्रिया को एंजाइम उत्प्रेरण कहते है।
एंजाइम उत्प्रेरण
एंजाइम उच्च अणुभार वाले नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक यौगिक होता है अर्थात एंजाइम प्रोटीन होते है , चूँकि एंजाइम जैव कोशिकाओं में बनते है इसलिए इन्हें जैव उत्प्रेरक भी कहते है।
अर्थात एंजाइम जटिल यौगिक होते है जो नाइट्रोजन के बने होते है , एंजाइम को पौधों तथा जीवों द्वारा बनाया जाता है।
जीवों में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का एंजाइमों द्वारा उत्प्रेरण की प्रक्रिया को एंजाइम प्रेरण कहते है और एंजाइम प्रेरण में जिस पदार्थ को काम में लिया जाता है उसे एंजाइम उत्प्रेरक कहते है।
एंजाइम उत्प्रेरक बहुत ही अधिक प्रभावशाली होती है , एंजाइम उत्प्रेरक का एक अणु , क्रियाकारकों के लाखों -करोडो अणुओं को प्रति इकाई सेकंड में प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
ये जैव रासायनिक उत्प्रेरण किसी भी एक अभिक्रिया के लिए निश्चित होते है , अर्थात एक प्रकार का एंजाइम उत्प्रेरक किसी अन्य अभिक्रिया के लिए काम में नहीं लिया जा सकता है अर्थात इनकी प्रकृति इकाई प्रकार की होती है जो किसी विशेष प्रकार की जैविक अभिक्रिया को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
जैविक रासायनिक एंजाइम विलयन के pH के मान पर निर्भर करता है , यह सबसे अधिक काम 5-7 pH वाले विलयन पर करने की क्षमता रखता है।
ये उत्प्रेरक प्राकृतिक प्रक्रम से सम्बंधित रासायनिक अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते है जैसे जीवों में होने वाली पाचन क्रिया , आमाशय में प्रोटीन को पेप्टाइड में बदलना आदि , जैविक क्रियाओं को एंजाइम उत्प्रेरक द्वारा उत्प्रेरित किया जाता है।
एंजाइम के लक्षण या गुण
एंजाइम के कुछ लक्षण या गुण होते है जिनका हम यहाँ अध्ययन कर रहे है –
1. उच्च विशिष्ट प्रकृति : किसी एक विशेष जैविक अभिक्रिया को एक विशेष एंजाइम उत्प्रेरक द्वारा प्रभावित किया जा सकता है , अर्थात किसी एक जैविक क्रिया के लिए एक विशेष एंजाइम निश्चित होता है , एक एंजाइम द्वारा एक से अधिक क्रियाओं को प्रभावित नहीं किया जा सकता है अर्थात एक एंजाइम को एक से अधिक प्रकार की अभिक्रियाओं को परिवर्तित करने के लिए काम में नही ले सकते या उसमें यह क्षमता नहीं होती है।
2. उच्च दक्षता : एंजाइम की उपस्थिति से जैविक अभिक्रिया बहुत ही अधिक उच्च वेग से संपन्न होती है क्यूंकि एंजाइम अभिक्रिया के लिए न्यूनतम सक्रियण ऊर्जा वाला पथ तैयार कर देता है अर्थात एंजाइम क्रियाकारकों के लिये सक्रियण ऊर्जा के मान को न्यूनतम कर देता है। जिससे अभिक्रिया का वेग बहुत अधिक तेजी से बढ़ जाता है , एंजाइम का एक अणु , क्रियाकारक के लाखों अणुओं को सेकंडो में प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
3. अनुकूल pH : एंजाइम अनुकूल pH पर अधिक प्रभावशाली होते है , अर्थात जब विलयन के pH का मान लगभग 5-7 होता है तब एंजाइम की क्षमता अधि होती है।
4. अनुकूल ताप : एंजाइम की क्षमता को अधिक रखने के लिए तापमान अनुकूलतम होना आवश्यक होता है , अर्थात एंजाइम की सक्रियता ताप पर निर्भर करती है , एंजाइम 25-37 डिग्री सेल्सियस ताप पर अधिक प्रभावशाली होते है या इनकी दक्षता या सक्रियता अधिकतम होती है।
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