JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

संधारित्रो के संयोजन में संचित ऊर्जा energy stored in combinations of capacitors in hindi

energy stored in combinations of capacitors in hindi संधारित्रो के संयोजन में संचित ऊर्जा  :  हम संधारित्रों के संयोजन के बारे में पढ़ चुके है की जब बहुत सारे संधारित्र आपस में जुड़े हुए होते है तो प्रभावी या तुल्य धारिता का मान कितना होता है।  संधारित्रों का संयोजन तो प्रकार का हो सकता है 1. श्रेणीक्रम तथा 2. समान्तर संयोजन।

अब अध्ययन करते है की संयोजन में संधारित्र की तुल्य या कुल संचित ऊर्जा का मान कितना होता है।

1.  श्रेणीक्रम संयोजन में संचित ऊर्जा (energy stored in series combination of capacitors )

माना तीन संधारित्र चित्रानुसार श्रेणीक्रम में जुड़े हुए है इनकी धारिता का मान क्रमशः C1 , C2 , C3 है
अतः श्रेणी क्रम में जुड़े निम्न तीनो संधारित्रों की प्रभावी या कुल धारिता का मान होगा
चूँकि श्रेणीक्रम में आवेश का मान सभी संधारित्रों पर समान होता है अतः हम श्रेणीक्रम की संचित ऊर्जा का मान ज्ञात करने के लिए आवेश के रूप में ऊर्जा का सूत्र इस्तेमाल करेंगे जो निम्न हमने ज्ञात किया था
इस सूत्र में C तुल्य धारिता है जो हमने अभी ज्ञात की है , सूत्र में तुल्य धारिता का मान रखकर हल करने पर
U = 1/2 q2 (1/c1 + 1/c2 + 1/c3)
हम जब इसको अधिक हल करते है तो हम पाते है की यह सभी संधारित्रों की अलग अलग संचित ऊर्जा के योग के बराबर प्राप्त होता है।
अर्थात
U = U1 + U2 + U3

2 .  समान्तर संयोजन में संचित ऊर्जा (energy stored in Parallel combination of capacitors )

माना तीन संधारित्र चित्रानुसार समानांतर संयोजन में जुड़े हुए है इनकी धारिता का मान क्रमशः C1 , C2 , C3 है
अतः समान्तर क्रम में जुड़े निम्न तीनो संधारित्रों की प्रभावी या कुल धारिता का मान होगा
C = C1 + C2 + C3
चूँकि समान्तरक्रम में विभव (V) का मान सभी संधारित्रों पर समान होता है अतः हम समान्तर क्रम की संचित ऊर्जा का मान ज्ञात करने के लिए विभव (V) के रूप में ऊर्जा का सूत्र इस्तेमाल करेंगे जो निम्न हमने ज्ञात किया था
सूत्र में तुल्य धारिता (C) का मान रखकर हल करने पर
U = 1/2 [V2 (C1 + C2 + C3)]
इसको ब्रेकेट के अंदर गुणा करके हल करने पर हम पाते है की यह ऊर्जा सभी संधारित्रों की संचित ऊर्जाओं के योग के बराबर है।
अर्थात
U = U1 + U2 + U3

 

नोट : जिस प्रकार हमने श्रेणी तथा समांतर क्रम में 3 संधारित्रों के लिए संचित ऊर्जा का मान ज्ञात किया इसी प्रकार 3 से अधिक के लिए ज्ञात कर सकते है , सूत्र इसी प्रकार होगा चाहे संधारित्रों की संख्या कितनी भी बढ़ा दी जाए।
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now