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16 वें वर्ग के तत्व (elements of group 16 in hindi) , नाम , इलेक्ट्रॉनिक विन्यास , आयनन एन्थैल्पी , तत्वों की सारणी
(elements of group 16 in hindi) 16 वें वर्ग के तत्व , नाम , इलेक्ट्रॉनिक विन्यास , आयनन एन्थैल्पी , तत्वों की सारणी : वर्तमान समय के हम जो आवर्त सारणी प्रयोग में लाते है उसके 16 वें वर्ग के तत्वों में या VIA वर्ग के तत्वों में ऑक्सीजन , सल्फर , सेलेनियम , टेल्यूरियम और पोलोनियम तत्वों को शामिल किया गया है।
16 वां वर्ग आवर्त सारणी में खड़ी स्तम्भ के रूप में निम्न प्रकार होती है –
इस वर्ग के शुरू के चार तत्वों को सम्मिलित रूप से कैल्कोजन नाम से जाना जाता है , कैल्कोजन जा अभिप्राय है “अयस्क बनाने वाले” , इन्हें कैल्कोजन कहने का कारण यह है कि पृथ्वी पर पायी जाने वाले अधिकतर धातु अयस्क , ऑक्साइड या सल्फाइड के रूप में होते है , और चूँकि सल्फाइड सल्फर तत्व के कारण बनते है और ऑक्साइड ऑक्सीजन तत्व के कारण , दोनों तत्व इसी वर्ग में आते है और ये दोनों तत्व बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
इसमें से ऑक्सीजन सबसे अधिक तत्व माना जाता है , यह वायुमंडल के लगभग 21% भाग आयतन में पायी जाती है।
16 वें वर्ग के तत्व स्वतंत्र या मिश्रित रूप में पाए जाते है , ये सभी तत्व किसी न किसी रूप से हमारे जीवन से जुड़े हुए है जैसे ऑक्सीजन हमें जीवित रखने के लिए हमेशा आवश्यक है।
सल्फर भी हमारे जीवन के लिए बहुत अधिक आवश्यक होती है क्यूंकि जीव जंतुओं में कई प्रकार की प्रोटीन संरचना के लिए सल्फर आवश्यक होती है।
इस वर्ग के पोलोनियम तत्व का कोई भी स्थायी समस्थानिक नहीं पाया जाता है लेकिन इसके द्रव्यमान संख्या 209 वाला समस्थानिक सबसे अधिक अर्द्धआयु काल रखता है , इसकी अर्द्धआयु काल लगभग 103 साल होता है।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 16 वे वर्ग के तत्वो के बाह्यतम कोशो मे 6 इलेक्ट्रॉन होते है , इस वर्ग के तत्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np4 होता है।
इसमें से ऑक्सीजन सबसे अधिक तत्व माना जाता है , यह वायुमंडल के लगभग 21% भाग आयतन में पायी जाती है।
16 वें वर्ग के तत्व स्वतंत्र या मिश्रित रूप में पाए जाते है , ये सभी तत्व किसी न किसी रूप से हमारे जीवन से जुड़े हुए है जैसे ऑक्सीजन हमें जीवित रखने के लिए हमेशा आवश्यक है।
सल्फर भी हमारे जीवन के लिए बहुत अधिक आवश्यक होती है क्यूंकि जीव जंतुओं में कई प्रकार की प्रोटीन संरचना के लिए सल्फर आवश्यक होती है।
इस वर्ग के पोलोनियम तत्व का कोई भी स्थायी समस्थानिक नहीं पाया जाता है लेकिन इसके द्रव्यमान संख्या 209 वाला समस्थानिक सबसे अधिक अर्द्धआयु काल रखता है , इसकी अर्द्धआयु काल लगभग 103 साल होता है।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 16 वे वर्ग के तत्वो के बाह्यतम कोशो मे 6 इलेक्ट्रॉन होते है , इस वर्ग के तत्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np4 होता है।
- ऑक्सीजन का परमाणु क्रमांक 8 होता है और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [He] 2s2 2p4 होता है। ऑक्सीजन को O द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- सल्फर को S द्वारा प्रदर्शित किया जाता है और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ne] 3s2 3p4 होता है। सल्फर का परमाणु क्रमांक 16 होता है।
- सिलीनियम को Se द्वारा व्यक्त किया जाता है इसका परमाणु क्रमांक 34 होता है और इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d10 4s2 4p4 होता है।
- टेल्युरियम का परमाणु क्रमांक 52 होता है और इसको Te द्वारा दर्शाया जाता है , टेल्युरियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Kr] 4d10 5s2 5p4 होता है।
- पोलोनियम को Po द्वारा लिखा जाता है , इसका परमाणु क्रमांक 84 होता है और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Xe] 4f14 5d10 6s2 64 होता है।
परमाण्विक और भौतिक गुण
परमाणु और आयनिक त्रिज्या : 16 वें वर्ग के तत्वों का आकार अपने आवर्त में वर्ग 15 के तत्वों से छोटे होते है , 16 वें में ऊपर से नीचे जाने पर तत्व का आकार क्रमशः बढ़ता जाता है। तत्वों की आयनिक त्रिज्या भी ऊपर से निचे जाने पर बढती जाती है।
अत: इस वर्ग में ऑक्सीजन से पोलोनियम की तरफ ऊपर से निचे चलने पर तत्वों की परमाण्विक और आयनिक त्रिज्या या आकार का क्रमशः बढ़ता जाता है।
आयनन एन्थैल्पी : जब तत्व का आकार बढ़ता है तो उसकी आयनन एन्थैल्पी का मान कम हो जाता है चूँकि इस वर्ग में ऊपर से निचे जाने पर तत्वों का आकार क्रमशः बढ़ता जाता है इसलिए इस वर्ग के तत्वों के लिए ऑक्सीजन से पोलोनियम की तरफ जाने पर आयनन एन्थैल्पी का मान क्रमशः घटता जाता है।
इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी : जब तत्व का आकार बढ़ता है तो इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान कम हो जाता है , चूँकि इस वर्ग में ऑक्सीजन से पोलोनियम की तरफ अर्थात ऊपर से निचे जाने पर क्रमशः आकार बढ़ता जाता है इसलिए ऊपर से नीचे जाने पर इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान कम होता जाता है।
ऑक्सीजन की सल्फर से कम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी होती है क्यूंकि ऑक्सीजन का आकार छोटा होने के कारण यह इलेक्ट्रॉन को प्रतिकर्षित करता है और आने वाला इलेक्ट्रॉन अधिक प्रतिकर्षित रहेगा।
विद्युत ऋणात्मकता : 16 वें वर्ग में ऊपर से निचे जाने पर विद्युत ऋणात्मकता का मान क्रमशः घटता जाता है क्यूंकि ऊपर से नीचे जाने पर क्रमशः आकार बढ़ता जाता है , 16 वें वर्ग के तत्वों की विद्युत ऋणात्मकता का मान 15 वें वर्ग के तत्वों से अधिक होता है और 17 वर्ग के तत्वों से कम होता है।
भौतिक गुण
- ऑक्सीजन और सल्फर दोनों अधातु तत्व है , सिलिनियम टेल्युरियम दोनों उपधातु तत्व है तथा पोलोनियम धातु तत्व है।
- 16 वें वर्ग का प्रत्येक तत्व अपरूपता का गुण दर्शाता है , ऑक्सीजन दो अपरूप प्रदर्शित करता है , ऑक्सीजन और ओजोन। सल्फर बहुत सारे अपरूप प्रदर्शित करता है लेकिन उन सब में केवल दो अपरूप स्थायी होते है वे रंबिक सल्फर और मोनोक्लिनिक सल्फर होते है।
- जैसा कि हम जानते है कि इस वर्ग में ऑक्सीजन से लेकर टेल्युरियम तक आकार बढ़ता जाता है इसलिए क्वथनांक और गलनांक का मान भी बढ़ता जाता है। अर्थात वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर क्वथनांक और गलनांक का मान बढ़ता जाता है। Po का गलनांक व क्वथनांक Te से कम होता है क्यूंकि इसमें परमाणुओं के मध्य दुर्बल बंध होते है।
- 16 वर्ग के तत्वों के बाह्य कोश का ns2 np4 विन्यास होता है , ये सभी तत्व दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके नोबल गैस का विन्यास प्राप्त कर सकते है या फिर दो इलेक्ट्रॉन का साँझा करके दो सहसंयोजक बंध बना लेते है , यही कारण है कि ये तत्व धनात्मक और ऋणात्मक दोनों प्रकार की ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है।
रासायनिक गुण
- 16 वे वर्ग के तत्व हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके हाइड्राइड बना लेते है जैसे H2O , H2S आदि।
माना तत्व को E से प्रदर्शित किया जाता है तो यह क्रिया निम्न प्रकार संपन्न होगी –
यहाँ E = 16 वें वर्ग के तत्वों में से कुछ भी हो सकता है जैसे ऑक्सीजन , सल्फर , सेलेनियम, टेल्यूरियम या पोलोनियम आदि।
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