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electroencephalography (EEG) in hindi , ct scanning (CT स्कैनिंग) , MRI (एम आर आई)
electroencephalography (EEG) in hindi : चिकित्सा के क्षेत्र में मस्तिष्क से निष्कासित विभिन्न विद्युत तरंगे या विद्युत सक्रियता को मापने हेतु उपयोग किया जाने वाला उपकरण electro encephalo graphy (EEG) कहलाता है।
सन 1875 में sutton नाम वैज्ञानिक ने उद्भाषित मस्तिष्क की विद्युत सक्रियता की खोज की।
सन 1929 में Hans Barger नाम वैज्ञानिक ने मस्तिष्क की यथा स्थिति में विद्युत सक्रियता को ज्ञात किया।
मस्तिष्क के विभिन्न भागो के द्वारा माइक्रो वोल्ट स्तर के विद्युत तरंगो को निष्कासित किया जाता है जिसे एक उचित उपकरण की सहायता से ग्राफ पर आवर्धित कर प्राप्त कर लिया जाता है।
जिस ग्राफ पर इस विद्युत तरंगो को प्राप्त किया जाता है इसे electro encephalo gram के नाम जाना जाता है।
इन तरंगो को प्राप्त करने हेतु 16 से 30 की संख्या में मस्तिष्क के सिरोबल पर इलेक्ट्रोड लगाये जाते है तथा इन सभी इलेक्ट्रोड को मुख्य यन्त्र से जोड़ा जाता है।
मस्तिष्क के विभिन्न भागो से उत्पन्न विद्युत तरंगे लगाये गए इलेक्ट्रोडो के द्वारा प्राप्त की जाती है तथा इन तरंगो को मुख्य यन्त्र तक भेजा जाता है।
जिसके द्वारा उपयोग की जाने वाली तरंगो को आवृतित करके तरंगों का ग्राफीय निरूपण प्राप्त किया जाता है तथा इस निरूपण के अध्ययन से विभिन्न प्रकार के मस्तिष्क विकारों का पता लगाया जाता है।
उपरोक्त विधि के पूर्ण होने में लगभग 45 मिनट का समय लगता है तथा यह विधि दर्द निवारक / दर्द रहित विधि है।
इस उपकरण की सहायता से मस्तिष्क की विभिन्न स्थितियों की ग्राफीय मानचित्र को प्राप्त किया जाता है जो निम्न प्रकार से है –
स्थिति 1 : खुली आँखों सहित सक्रीय अवस्था।
स्थिति 2 : बंद आँखों से आराम की स्थिति।
स्थिति 3 : झपकी की स्थिति।
स्थिति 4 : निद्रा की स्थिति (गहरी)
electroencephalography की सहायता से प्राप्त किये जाने वाले encephalogram का अध्ययन करके मस्तिष्क की विभिन्न असमानताओं का पता लगाया जा सकता है।
उपरोक्त की सहायता से कुछ प्रमुख निम्न असमानताओं का पता लगाया जा सकता है।
- tumour – अर्बुद
- epilepsy – मिर्गी
- इन्सेफेलाइटिस
- sleep disorder
- methaolic disorder
- औषधीय रोग
- EFG की सहायता से brain death या
- मस्तिष्क मृत्यु का निर्धारण किया जाता है।
नोट : मानव के मस्तिष्क के द्वारा उत्पन्न की जाने वाली जीर्ण चुम्बकीय तरंगो का वर्तमान समय में अध्ययन किया जाना संभव हो सका है। इस हेतु उपयोग किया जाने वाला उपकरण SQID (super Quantum Interference device) के नाम से जाना जाता है।
उपरोक्त उपकरण के EEA सिद्धांत पर कार्य करता है तथा इसके द्वारा उत्पन्न किया जाने वाला ग्राफीय निरूपण Magneto encephalogram के नाम से जाना जाता है तथा उपयोग तकनीक को मैग्नेटो encephalography के नाम से जाना जाता है।
ct scanning (CT स्कैनिंग)
MRI (एम आर आई)
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