हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: Physics
विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव electric potential due to electric dipole in hindi
electric potential due to electric dipole in hindi विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव : परिमाण में समान किन्तु प्रकृति में विपरीत जब दो आवेश अल्प दूरी पर रखे हो तो ऐसे समूह को विद्युत द्विध्रुव कहते है।
पिछले अध्याय में हम विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कर चुके है , अब हम विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव का मान ज्ञात करेंगे और सूत्र की स्थापित करेंगे की द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर उत्पन्न विभव का मान कितना होता है।
माना आवेश -q तथा +q अल्प दुरी पर रखे हुए है , इस द्विध्रुव युग्म को AB से चित्र में प्रदर्शित किया गया है तथा दोनों आवेशों के मध्य की अल्प दूरी को 2r माना गया है।
हमें इस द्विध्रुव युग्म के कारण बिन्दु P पर विद्युत विभव का मान ज्ञात करना है।
द्विध्रुव के मध्य बिंदु अर्थात केंद्र बिंदु को O से दर्शाया गया है , द्विध्रुव अक्ष से OP θ कोण बना रहा है।
माना OP की दूरी r , AP की दूरी r1 तथा BP के मध्य की दूरी r2 है।
P बिंदु पर A बिन्दु पर स्थित -q आवेश के कारण उत्पन्न विद्युत विभव का मान
ठीक इसी प्रकार B बिन्दु पर स्थित +q आवेश के कारण P बिंदु पर उत्पन्न विद्युत विभव का मान
अतः P बिंदु पर +q तथा -q आवेश के कारण उत्पन्न कुल विभव का मान
V = V1 + V2
यहाँ r1 – r2 तथा r1 r2 अज्ञात राशि है , इन दोनों का मान ज्ञात करने के लिए A तथा B बिंदु से OP रेखा पर लम्ब डालते है जिससे हमें AC व BD प्राप्त होते है।
OP = OD + DP
यदि PB तथा PD लगभग बराबर है तो
OP = a.COSθ + r2
OP = r
अतः
r2 = r – a.COSθ
CP = OP + OC
यदि AP व CP लगभग बराबर है तो
r1 = r + a.COSθ
दोनों समीकरणों को आपस में घटाने पर
r1 – r2 = 2a.COSθ
दोनों समीकरणों को आपस में गुणा करने पर
r1r2 = r2 – a2cos2θ
यदि r >> a तो r2 >>> a2
अतः r2 की तुलना में a2cos2θ को नगण्य मानकर छोड़ने पर
r1r2 = r2
अतः
चूँकि 2aq = p (द्विध्रुव आघूर्ण )
मान रखने पर सूत्र निम्न प्रकार प्राप्त होता है
प्राप्त सूत्र से यह स्पष्ट है की एक आवेश के कारण r दूरी पर उत्पन्न विद्युत विभव 1/r के समानुपाती होता है लेकिन द्विध्रुव आघूर्ण के कारण उत्पन्न विद्युत विभव 1/r2के समानुपाती होता है।
1. यदि θ=0 अर्थात P बिंदु अक्ष (AB) पर स्थित है तो cos0 = 1
अतः
2. यदि θ=90 अर्थात P बिंदु निरक्ष पर स्थित है तो cos90 = 0 अर्थात V =0
अर्थात निरक्ष पर द्विध्रुव के कारण विभव का मान शून्य होता है।
नोट : द्विध्रुव के कारण विभव का मान सिर्फ दूरी पर ही निर्भर नहीं करता , वह द्विध्रुव के मध्य कोण पर भी निर्भर करता है।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
4 weeks ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
4 weeks ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
4 weeks ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
4 weeks ago
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
1 month ago
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…
1 month ago